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Stock Market Wrap: ट्रंप के टैरिफ वॉर से बाजार में बड़ी गिरावट, 5 दिनों में ₹24 लाख करोड़ का नुकसान

Stock Market Wrap: ट्रंप के टैरिफ वॉर से बाजार में बड़ी गिरावट, 5 दिनों में ₹24 लाख करोड़ का नुकसान
अंतिम अपडेट: 14-02-2025

इस हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में 2.5% गिरावट आई, निवेशकों की वेल्थ में ₹24 लाख करोड़ की कमी। स्मॉल-कैप, मिडकैप, फार्मा और पीएसयू सेक्टर प्रभावित हुए।

Stock Market Wrap: इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों के लिए गिरावट भरा रहा। 10 फरवरी से 14 फरवरी तक सभी ट्रेडिंग सेशन में बाजार लाल निशान में बंद हुए। इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में लगभग 2.5% की गिरावट आई, जो 2025 में अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।

सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट

पिछले आठ कारोबारी दिनों में बीएसई सेंसेक्स में 2,644 अंक या 3.36% और निफ्टी में 810 अंक या 3.41% की गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 77,311 से गिरकर 75,939 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी इस सप्ताह 452 अंक गिरकर 22,929 पर बंद हुआ।

ब्रोडर मार्केट पर दबाव: स्मॉल-कैप और मिडकैप इंडेक्स में गिरावट

पिछले साल शानदार प्रदर्शन करने वाले ब्रोडर मार्केट में इस साल बड़ी गिरावट देखी गई है। स्मॉल-कैप और मिडकैप में क्रमशः 3.6% और 2.4% की गिरावट आई। स्मॉल-कैप इंडेक्स 21.6% और मिडकैप 18.4% नीचे जा चुके हैं।

फार्मा सेक्टर में 3% की गिरावट

सेक्टोरल मोर्चे पर फार्मा सेक्टर में 3% की गिरावट रही, जो कि अमेरिकी ट्रेड वॉर के असर के कारण हुआ। इसके अलावा निफ्टी पीएसयू बैंक सेक्टर भी 2% गिरा, जबकि निफ्टी ऑइल एंड गैस में 1.5% की गिरावट आई।

निवेशकों की वेल्थ में भारी कमी

इस हफ्ते निवेशकों की कुल वेल्थ में ₹24 लाख करोड़ की गिरावट आई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 7 फरवरी को ₹42,47,80,48 करोड़ था, जो 14 फरवरी को घटकर ₹40,01,92,47 करोड़ रह गया।

बाजार गिरावट की प्रमुख वजहें

अमेरिका के टैरिफ वॉर का असर: ट्रंप के टैरिफ की घोषणा से भारतीय बाजार में दबाव बढ़ा, जिससे भारत को सबसे अधिक नुकसान हो सकता है।
विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली: विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार से निरंतर पैसा निकाला गया, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
नरम तिमाही नतीजे: कई भारतीय कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे उम्मीद से कम आए, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ी।

बाजार में करेक्शन के बीच क्या अपनाएं स्ट्रेटेजी?

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय अस्थिरता है, लेकिन यह अवसर भी बन सकता है। निवेशकों को शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव पर ध्यान देने के बजाय लॉन्ग टर्म विकास वाले मजबूत स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

क्या अगले हफ्ते बाजार में रिकवरी संभव है?

रेलिगेयर ब्रोकिंग के विशेषज्ञ के अनुसार, बाजार में रिकवरी की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन अगले कुछ दिन बैंकिंग और आईटी सेक्टर की परफॉर्मेंस के आधार पर दिशा तय होगी। निवेशकों को अपनी स्ट्रेटेजी को फिर से तय करना होगा और ट्रेड मैनेजमेंट पर ध्यान देना होगा।

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