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Waqf Bill: वक्फ प्रॉपर्टी पर नया विवाद, सरकार ने क्यों हटाया 'वक्फ बाय यूजर' प्रावधान? जानिए पूरा मामला

Waqf Bill: वक्फ प्रॉपर्टी पर नया विवाद, सरकार ने क्यों हटाया 'वक्फ बाय यूजर' प्रावधान? जानिए पूरा मामला
अंतिम अपडेट: 03-04-2025

वक्फ संशोधन बिल में 'वक्फ बाय यूजर' प्रावधान खत्म किया गया। अब वक्फ संपत्ति के लिए कानूनी दस्तावेज जरूरी होंगे, जिससे संपत्ति के विवाद कम होंगे, विपक्ष विरोध कर रहा है।

Waqf Bill: वक्फ बाय यूजर का मतलब था कि अगर किसी मस्जिद, कब्रिस्तान या दरगाह जैसी जगहों का लंबे समय से धार्मिक या सामुदायिक कार्यों के लिए उपयोग हो रहा है, तो उसे बिना किसी दस्तावेज के वक्फ संपत्ति मान लिया जाता था। यह प्रथा इस्लामी कानून और भारत में वक्फ की पुरानी परंपरा का हिस्सा थी।

सरकार ने क्यों हटाया यह प्रावधान?

लोकसभा में प्रस्तुत वक्फ संशोधन बिल के तहत सरकार ने 'वक्फ बाय यूजर' को समाप्त कर दिया है। अब कोई भी वक्फ संपत्ति केवल तब मानी जाएगी जब उसके पास कानूनी दस्तावेज या वसीहत के जरिए उसे वक्फ को सौंपा गया हो। इसके तहत अब वक्फ संपत्ति के लिए हर एक प्रॉपर्टी का जिला कलेक्टर द्वारा जांच की जाएगी। सरकार ने इसे हटाने का कारण बताया कि इसके तहत कई बार वक्फ बोर्ड ने बिना किसी कानूनी आधार के संपत्तियों पर कब्जा किया था।

विपक्ष की आपत्ति

विपक्ष ने इस संशोधन पर कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थानों के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। उनका तर्क था कि सैकड़ों साल पुरानी मस्जिदों और धार्मिक स्थलों के पास कानूनी दस्तावेज़ नहीं होते, फिर उन्हें वक्फ संपत्ति से बाहर कर देना सही नहीं होगा।

क्या बदलाव आएगा?

अब से 'वक्फ बाय यूजर' की जगह 'वक्फ बाय डीड' लागू होगा, यानी वक्फ संपत्ति को रजिस्टर्ड डीड के तहत ही वक्फ माना जाएगा। यह बदलाव यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी संपत्ति का वक्फ घोषित होने से पहले उसके कानूनी दस्तावेज़ हो, ताकि संपत्ति के मालिकाना हक का सही दस्तावेज मौजूद हो।

कांग्रेस और मुस्लिम संगठनों का विरोध

इस बदलाव के खिलाफ मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों का कहना है कि इससे धार्मिक स्थलों पर कब्ज़ा होने का खतरा बढ़ जाएगा। कई जगहों पर दस्तावेज़ नहीं हैं, ऐसे में ये प्रावधान धार्मिक और सामाजिक तनाव उत्पन्न कर सकते हैं।

क्या है सरकार का पक्ष?

सरकार का कहना है कि यह कदम भूमि कब्जे के मामलों में पारदर्शिता लाने और विवादों को कम करने के लिए उठाया गया है। मंत्री किरेन रिजिजू ने इस संशोधन को सही ठहराते हुए कहा कि बिना कानूनी दस्तावेज़ के किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति मानना अब नहीं चलेगा।

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