San Francisco

1 अक्टूबर से शेयर मार्केट और टैक्स में होंगे नए नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर

🎧 Listen in Audio
0:00

1 अक्टूबर से टैक्स से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं, जिनमें शेयर मार्केट से संबंधित नियम भी शामिल हैं। यह परिवर्तन सीधे तौर पर निवेशकों की ट्रेडिंग स्ट्रैटजी और प्रॉफिट को प्रभावित करेगा, खासकर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स के संदर्भ में। इसलिए, यदि आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं, तो नए नियमों से अवगत रहना आपके लिए आवश्यक है। इससे आपको अपनी ट्रेडिंग स्ट्रैटजी को सही तरीके से निर्धारित करने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली: 1 अक्टूबर से शेयर बाजार और कर से संबंधित कई नियमों में परिवर्तन होने जा रहा है। इसका प्रभाव सीधे तौर पर निवेशकों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। यदि आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं या टैक्स का भुगतान करते हैं, तो इन नियमों की जानकारी आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

एसटीटी चार्ज दोगुना, निवेशकों को नुकसान

देश में अनेक लोग फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) में ट्रेडिंग करते हैं। 1 अक्टूबर से F&O ट्रेड पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) की नई बढ़ी हुई दरें लागू होने जा रही हैं। फ्यूचर्स पर एसटीटी में 0.02 प्रतिशत तक और ऑप्शंस पर 0.1 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। इस बदलाव के कारण F&O ट्रेड करने की लागत, विशेष रूप से रिटेल निवेशकों के लिए, बढ़ जाएगी।

ITR दाखिल करने के लिए आधार और PAN अनिवार्य

इनकम टैक्स फाइल करते समय आधार कार्ड और पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। पहले, टैक्सपेयर्स आधार और पैन की इनरोलमेंट आईडी का उपयोग करके अपना काम चला सकते थे। लेकिन अब यह संभव नहीं होगा। पैन और आधार के दुरुपयोग एवं डुप्लीकेशन को रोकने के लिए आईटीआर में इनरोलमेंट आईडी लगाने का विकल्प अब उपलब्ध नहीं रहेगा।

शेयर बायबैक पर लागू होगा नया टैक्स

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में शेयर बायबैक से होने वाली आय को डिविडेंड के समान बताते हुए इस पर कर लगाने की घोषणा की थी। इस निर्णय के अनुसार, डिविडेंड्स की तरह शेयरधारक स्तर पर कर लागू होंगे। इसके परिणामस्वरूप कर का बोझ बढ़ जाएगा। साथ ही, शेयर बायबैक से प्राप्त आय पर भी कर लगाया जाएगा। यह नया नियम 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा।

फ्लोटिंग रेट बॉंड पर लगेगा टीडीएस

बजट 2024 में यह घोषणा की गई थी कि एक अक्टूबर 2024 से फ्लोटिंग रेट बॉन्ड समेत कुछ केंद्रीय और राज्य सरकार के बॉंड्स पर 10 प्रतिशत की दर से टीडीएस कटौती की जाएगी। हालांकि, कुछ छूटें भी प्रदान की जाएंगी। यदि पूरे वर्ष में राजस्व 10 हजार रुपये से कम है, तो इस स्थिति में टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

टीडीएस में आई कमी

सरकार ने 19 डीए, 194एच, 194-1बी और 194 एम के तहत टीडीएस को 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही, टैक्स विवादों के समाधान के लिए 'विवाद से विश्वास योजना 2.0' भी 1 अक्टूबर से लागू होगी। इस योजना के माध्यम से टैक्स और कॉर्पोरेट विवादों का निपटारा सरलता से किया जा सकेगा, जिससे लोगों को मुकदमेबाजी की परेशानियों से बचने का अवसर मिलेगा।

Leave a comment