San Francisco

96% से जीरो! Gensol Promoters ने ऐसे उड़ाए निवेशकों के होश

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SEBI ने Gensol में प्रमोटर्स द्वारा फर्जी डील्स, झूठे खुलासे और शेयर मैनिपुलेशन का खुलासा किया। प्रमोटरों की हिस्सेदारी 96% से घटकर लगभग शून्य हो गई, जिससे निवेशक परेशान हैं।

Gensol Engineering ने सितंबर 2019 में SME IPO के जरिए शेयर बाजार में कदम रखा था। तब प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 96% थी, लेकिन अब यह लगभग शून्य के करीब पहुंच चुकी है। SEBI के हालिया आदेश ने इस गिरावट के पीछे की हकीकत सामने ला दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ये गिरावट कोई मार्केट मूवमेंट का नतीजा नहीं, बल्कि fake disclosures, दिखावटी सौदे और misuse of funds के जरिए plan के तहत की गई थी।

IPO को नहीं मिला था खास रिस्पॉन्स

Gensol का ₹18 करोड़ का IPO सिर्फ 1.3 गुना ही सब्सक्राइब हुआ था। शुरुआत में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 70.72% रह गई थी, जो जून 2023 तक घटकर 64.67% हो गई। जुलाई 2023 में कंपनी को mainboard में migrate किया गया, जिससे public investors की संख्या तेजी से बढ़ी और प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी और घटा दी।

IREDA के कब्जे में प्रमोटर के गिरवी रखे शेयर?

SEBI के मुताबिक, अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी जैसे प्रमोटर्स द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों को IREDA जैसे संस्थान जब्त कर सकते हैं। अप्रैल 2025 में मिले ईमेल के अनुसार, लगभग 75.74 लाख शेयर गिरवी रखे गए थे, जिनमें से कुछ BSE के डेटा के अनुसार जब्त भी किए जा चुके हैं। अगर ये ट्रेंड जारी रहा, तो प्रमोटर हिस्सेदारी शून्य तक पहुंच सकती है।

फर्जी प्री-ऑर्डर से उठाया शेयर का भाव

28 जनवरी 2025 को कंपनी ने ऐलान किया कि उसे 30,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए प्री-ऑर्डर मिले हैं। इससे दो दिन में शेयर 15% उछल गया। लेकिन SEBI जांच में सामने आया कि ये सिर्फ 9 कंपनियों से non-binding MOUs थे जिनमें ना प्राइस थी, ना timeline।

मैन्युफैक्चरिंग का दावा निकला फुस्स

पुणे स्थित प्लांट में सिर्फ 2-3 मजदूर पाए गए और दिसंबर 2024 का electricity bill सिर्फ ₹1.6 लाख था, जो कि manufacturing के लिहाज़ से बेहद कम है। इससे साफ होता है कि वहां कोई real production नहीं हो रही थी।

Fake Deals का इस्तेमाल कर बढ़ाया गया शेयर प्राइस

16 जनवरी 2025 को Gensol ने Refex Green Mobility के साथ EV ट्रांसफर डील की घोषणा की, लेकिन इसे 28 मार्च को कैंसिल कर दिया गया। फिर 25 फरवरी को अमेरिका स्थित Scorpius Trackers Inc की sale के लिए ₹350 करोड़ की डील का एलान किया गया, लेकिन जब SEBI ने valuation मांगी, कंपनी कुछ स्पष्ट नहीं बता सकी। हर बार शेयर में short-term rally देखी गई।

Wellray की संदिग्ध ट्रेडिंग और Promoters की मिलीभगत

Wellray Solar Industries, जो Gensol की related party है, ने बड़ी मात्रा में इसके शेयरों में ट्रेडिंग की। ये ट्रेडिंग लगभग 99% सिर्फ Gensol में केंद्रित थी। Singh brothers ने इसे अपने control से बाहर दिखाने के लिए ownership transfer की, लेकिन असल में fund transfer और revenue manipulation लगातार जारी रहा।

Retail Investors को फंसाने की चाल: Stock Split का दांव

मार्च 2025 में कंपनी ने 1:10 स्टॉक स्प्लिट का प्रस्ताव रखा ताकि छोटे investors को लुभाया जा सके। लेकिन SEBI ने इसे रोकने का निर्देश दिया। आदेश में कहा गया कि इस तरह के कदम से unaware निवेशकों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि promoters की हिस्सेदारी पहले ही negligible हो चुकी है।

SEBI का Action: Investors के लिए Alert

SEBI ने स्पष्ट किया है कि Gensol और इससे जुड़ी entities ने कानून का उल्लंघन कर निवेशकों को गुमराह किया है। Companies Act की Section 67 का उल्लंघन हुआ है और ऐसे में नियामक कार्रवाई जरूरी है। यह मामला उन निवेशकों के लिए wake-up call है, जो केवल announcements के आधार पर निवेश करते हैं।

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