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मंगलवार से धनिष्ठा नक्षत्र की शुरुआत, जानिए पंचक, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्यास्त का समय

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22 अप्रैल 2025, मंगलवार का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार कई विशेषताओं के साथ आया है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पंचांग की गणनाओं के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी खास योग बना रही है। इस दिन वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है, जो संध्या 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। इसके पश्चात दशमी तिथि का आरंभ हो जाएगा। आइए जानते हैं इस दिन का पूरा पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और नक्षत्रों की जानकारी।

धनिष्ठा नक्षत्र की शुरुआत

22 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा और इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र का आरंभ होगा, जो रात्रि में प्रभावी रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र को ज्योतिष में बेहद शुभ और समृद्धि प्रदान करने वाला नक्षत्र माना गया है। यह नक्षत्र लोगों में नेतृत्व क्षमता, ऊर्जा और व्यवहारिक बुद्धिमत्ता को प्रबल करता है।धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है, जो साहस, पराक्रम और तेजस्विता का प्रतीक है। 

यह नक्षत्र मकर और कुंभ राशि पर अपना प्रभाव डालता है। खास बात यह है कि धनिष्ठा नक्षत्र के प्रतीक चिन्ह ढोल और मृदंग हैं, जिससे यह नक्षत्र संगीत, कला और सार्वजनिक प्रदर्शन से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

पंचक की शुरुआत

22 अप्रैल से पंचक की शुरुआत भी हो रही है, जो विशेष रूप से शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न कर सकती है। पंचक के दौरान लकड़ी का काम, छत निर्माण, अंतिम संस्कार, यात्रा या नया व्यवसाय शुरू करने से परहेज़ करना चाहिए। हालांकि जरूरत पड़ने पर अनुभवी आचार्यों से परामर्श लिया जा सकता है।

शुभ मुहूर्त व योग

  • नवमी तिथि समाप्ति: शाम 6:13 बजे तक
  • शुभ योग: रात 9:13 बजे तक रहेगा
  • धनिष्ठा नक्षत्र का आरंभ: दोपहर 12:44 बजे के बाद

इन शुभ योगों में मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, वाहन या संपत्ति की खरीद, गृह प्रवेश जैसे कार्य किए जा सकते हैं।

राहुकाल का समय

राहुकाल में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य से बचना चाहिए।

  • दिल्ली: 3:19 PM – 4:57 PM
  • मुंबई: 3:48 PM – 5:23 PM
  • लखनऊ: 3:19 PM – 4:57 PM
  • कोलकाता: 2:47 PM – 4:23 PM
  • चेन्नई: 3:15 PM – 4:49 PM

सूर्योदय और सूर्यास्त

  • सूर्योदय: सुबह 5:48 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 6:50 बजे

धनिष्ठा में शमी वृक्ष की महिमा

जिन जातकों का जन्म धनिष्ठा नक्षत्र में हुआ है, उन्हें शमी वृक्ष की पूजा अवश्य करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, शमी का वृक्ष इस नक्षत्र से जुड़ा हुआ है और इसकी पूजा करने से जीवन में धन, यश और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

22 अप्रैल 2025 का दिन आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत खास है। धनिष्ठा नक्षत्र का प्रवेश, शुभ योग और पंचक की शुरुआत इसे विशेष बनाते हैं। दिन में सही समय और मुहूर्त के अनुसार कार्य करने से निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होंगे। राहुकाल से बचते हुए उचित समय पर पूजा, जप और दान आदि करने से मानसिक शांति और पारिवारिक सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।

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