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कनाडा में पढ़ रही पंजाबी छात्रा की मौत, जानें कौन हैं हरसिमरत कौर रंधावा जो बनी गोली का शिकार

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कनाडा के ओंटारियो प्रांत के हैमिल्टन शहर से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। पंजाब की 21 वर्षीय छात्रा हरसिमरत कौर रंधावा की गोली लगने से मौत हो गई। वह पंजाब के तरनतारन जिले की निवासी थी और वहां के मोहॉक कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी।

हैमिल्टन: कनाडा के ओंटारियो प्रांत के हैमिल्टन शहर में 21 वर्षीय भारतीय छात्रा हरसिमरत कौर रंधावा की गोली लगने से मौत हो गई। पंजाब के तरनतारन जिले की रहने वाली हरसिमरत, बीते दो वर्षों से कनाडा में उच्च शिक्षा हासिल कर रही थी। मोहॉक कॉलेज की यह छात्रा उस वक्त गोलियों का शिकार बन गई, जब दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प में वह संयोगवश बीच में आ गई।

घटना ने भारत और विशेषकर पंजाब में गहरा शोक फैला दिया है। मासूम छात्रा की इस दुर्भाग्यपूर्ण मौत से न केवल उसका परिवार बल्कि समूचा गांव सदमे में है। स्थानीय लोग, प्रशासन और जनप्रतिनिधि अब उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने की मांग कर रहे हैं।

निर्दोष को लगी गोली, पुलिस ने की पुष्टि

हैमिल्टन पुलिस के अनुसार, यह घटना स्थानीय समयानुसार शाम 7:30 बजे हुई। पुलिस को अपर जेम्स स्ट्रीट और साउथ बेंड रोड के पास गोलीबारी की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचने पर हरसिमरत को गंभीर हालत में पाया गया, जिसके सीने में गोली लगी थी। तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर्स उसे बचा नहीं सके। पुलिस जांच में अब तक यह साफ हो चुका है कि हरसिमरत इस विवाद में शामिल नहीं थी, वह पूरी तरह निर्दोष थी और गलत समय पर गलत जगह पर मौजूद थी।

शिक्षा के लिए गई थी विदेश, लौटी शोक बनकर

हरसिमरत कौर रंधावा श्री गोइंदवाल साहिब क्षेत्र के एक मध्यमवर्गीय परिवार से थी। दो साल पहले वह कनाडा उच्च शिक्षा हेतु गई थी, जहां उसने मोहॉक कॉलेज में नामांकन लिया था। परिवार ने बेटी के भविष्य के लिए कर्ज लेकर उसे विदेश भेजा था। लेकिन किसे पता था कि पढ़ाई का सपना यूं एक दर्दनाक खबर में तब्दील हो जाएगा।

परिजनों को जैसे ही उसकी मौत की खबर मिली, घर में कोहराम मच गया। मां-बाप बेसुध हो गए हैं और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। पड़ोसी और रिश्तेदार सांत्वना देने पहुंचे, लेकिन इस असामयिक मौत से परिवार उबर नहीं पा रहा।

शव को स्वदेश लाने की मांग, सरकार से हस्तक्षेप की अपील

घटना के बाद स्थानीय विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और शोक प्रकट किया। उन्होंने इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी बात की और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हरसिमरत के शव को जल्द से जल्द भारत लाया जाए। गांव के लोगों और परिजनों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय के माध्यम से शव को स्वदेश लाने की व्यवस्था करे ताकि अंतिम संस्कार की रस्में धार्मिक रीति-रिवाजों से पूरी की जा सकें।

टोरंटो स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। दूतावास ने कहा, ओंटारियो के हैमिल्टन में भारतीय छात्रा हरसिमरत कौर रंधावा की दुखद मौत से हम अत्यंत दुखी हैं। वह निर्दोष थी और दुर्भाग्यवश एक गोलीबारी की घटना का शिकार बन गई। हम उनके परिवार के संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

यह घटना कनाडा में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। बीते कुछ वर्षों में कनाडा में छात्रों पर हिंसक हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। कई छात्र गैंगवार, चोरी या नस्लीय भेदभाव जैसी परिस्थितियों का शिकार हो चुके हैं। इस घटना ने खास तौर पर भारतीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।

हरसिमरत कौर की मौत केवल एक परिवार का दुख नहीं है, बल्कि यह उस समाज के लिए चेतावनी है जो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश भेजता है। अब समय आ गया है कि सरकारें न केवल शिक्षा प्रणाली पर ध्यान दें, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।

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