रींगस अस्पताल की मोर्चरी में डीप फ्रिज की सुविधा नहीं है, जिससे शव सुरक्षित नहीं रह पा रहे। हालत यह है कि चूहे शवों को कुतर रहे हैं, जिससे परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
सीकर: राजस्थान के प्रसिद्ध खाटूश्याम मंदिर के पास बसे रींगस कस्बे का उप जिला अस्पताल खुद बदइंतज़ामी की गंभीर हालत का शिकार है। खासकर मोर्चरी (शवगृह) की स्थिति इतनी दयनीय है कि वहां शव तक सुरक्षित नहीं रह पा रहे हैं। यहां डीप फ्रिज तक नहीं है, जिससे अज्ञात या लावारिस शव जल्द ही सड़ने लगते हैं। हालात इतने खराब हैं कि शवों को चूहे तक कुतर जाते हैं।
बिना डीप फ्रिज के शवों से उठती दुर्गंध
रींगस के उप जिला अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या भले ही दर्जन से अधिक हो, लेकिन व्यवस्थाएं नाममात्र की हैं। मोर्चरी में न बिजली की सुविधा है और न ही पानी की व्यवस्था। शवों को रखने के लिए जिस तरह की न्यूनतम सुविधाएं होनी चाहिए, उनकी यहां पूरी तरह से कमी है। डीप फ्रिज नहीं होने की वजह से शवों से जल्द ही बदबू उठने लगती है, जिससे आस-पास के लोग भी परेशान रहते हैं, क्योंकि यह अस्पताल शहर के मध्य में स्थित है।
चूहों से भी नहीं है सुरक्षा, शवों को पहुंचा रहे नुकसान
मोर्चरी की खस्ता हालत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां चूहों का जमावड़ा रहता है। ये चूहे खुले पड़े शवों को कुतर डालते हैं, जिससे मृतकों की गरिमा तक को ठेस पहुंच रही है। कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। लापरवाही और अनदेखी के कारण स्थानीय लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है।
विधायक को सौंपे गए ज्ञापन, लेकिन नतीजा शून्य
स्थानीय लोग कई बार इस समस्या को लेकर विधायक सुभाष मील से शिकायत कर चुके हैं। कई ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। विधायक का कहना है कि अस्पताल में नई मोर्चरी के निर्माण और डीप फ्रिज लगाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। जल्द ही काम शुरू होने की बात कही जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत अब भी वैसी की वैसी है।
डॉक्टर्स भी सिस्टम से परेशान
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुखदेव सिंह महला ने बताया कि मोर्चरी की खराब स्थिति को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। डॉक्टरों के मुताबिक, शवों को रखने और उनकी गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की है, लेकिन संसाधनों की कमी से वे भी लाचार हैं।
सीएम के दौरे से जगी नई उम्मीद
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 19 अप्रैल से तीन दिन के शेखावाटी दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान वे जयपुर से रवाना होकर आमेर, चौमूं, श्रीमाधोपुर, खंडेला, नीमकाथाना, धोद, लक्ष्मणगढ़ और फतेहपुर सहित कई कस्बों में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। 20 अप्रैल को वे मंडावा, नवलगढ़, झुंझुनूं, उदयपुरवाटी, खेतड़ी, सूरजगढ़ और पिलानी जाएंगे, जबकि 21 अप्रैल को मलसीसर डैम का निरीक्षण, चूरू में संकल्प दिवस और फागी में धन्ना भगत जयंती समारोह में भाग लेंगे।
इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री 10 से ज्यादा सरकारी बैठकों और जनसुनवाई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। ऐसे में रींगस के लोगों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के इस दौरे में अस्पताल की बदहाल मोर्चरी का मुद्दा उठेगा और जल्द ही इसका समाधान निकलेगा।
स्थानीय लोगों की गुहार – अब और नहीं इंतज़ार
रींगस के निवासियों का कहना है कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस और त्वरित कार्रवाई की जरूरत है। उनका कहना है कि शवों की गरिमा और सामाजिक सम्मान को बनाए रखने के लिए एक आधुनिक डीप फ्रिज और साफ-सुथरी मोर्चरी की व्यवस्था तुरंत की जानी चाहिए। लोगों की यही मांग है कि इस बार मुख्यमंत्री के दौरे के बहाने ही सही, लेकिन रींगस अस्पताल की हालत सुधारी जाए ताकि ऐसी शर्मनाक और अमानवीय स्थिति दोबारा देखने को न मिले।