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Article 370: क्या फारूक अब्दुल्ला ने Article 370 हटाने का किया समर्थन? जानें पूरा मामला

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पूर्व RAW प्रमुख की किताब में दावा, फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटाने का निजी तौर पर समर्थन किया। सज्जाद लोन और इल्तिजा मुफ्ती ने उठाए तीखे सवाल।

Article 370 Abrogation Controversy: पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह बनी है पूर्व RAW चीफ ए एस दुल्लत की नई किताब “The Chief Minister and the Spy” जिसमें दावा किया गया है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटाने का निजी रूप से समर्थन किया था।

इस खुलासे के बाद जम्मू-कश्मीर की सियासत में गर्मी बढ़ गई है। विपक्षी नेता सज्जाद लोन और इल्तिजा मुफ्ती ने अब्दुल्ला के रुख पर कड़े सवाल उठाए हैं।

सज्जाद लोन बोले - "मुझे हैरानी नहीं हुई"

People’s Conference के नेता सज्जाद लोन ने एक्स पर पोस्ट कर कहा,

“यह कोई रहस्य नहीं है कि 4 अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। दुल्लत साहब का यह दावा काफी विश्वसनीय है, क्योंकि वह अब्दुल्ला के करीबी रहे हैं।”

उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) पर तंज कसते हुए लिखा,

“बेशक NC इस बात से इनकार करेगी और खुद को एक बार फिर पीड़ित बताएगी। विक्टिम कार्ड खेलना इनकी पुरानी आदत है।”

इल्तिजा मुफ्ती का तीखा हमला

महबूबा मुफ्ती की बेटी और PDP नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने उस वक्त कश्मीर में रुककर दिल्ली के फैसले को ‘नॉर्मलाइज’ करने में मदद की। उन्होंने लिखा,

"यह खुलासा साफ करता है कि वह संसद में जनता की आवाज़ बनने के बजाय कश्मीर में रहना ज्यादा ज़रूरी समझते थे।"

किताब में क्या है दावा?

पूर्व रॉ प्रमुख ए. एस. दुल्लत की किताब “The Chief Minister and the Spy” में उल्लेख है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 के Abrogation का प्राइवेटली समर्थन किया था। यह बात 5 अगस्त 2019 के घटनाक्रम से ठीक पहले की मानी जा रही है, जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से Article 370 हटाया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों — जम्मू-कश्मीर और लद्दाख — में बांट दिया था।

सरकार ने उस वक्त कहा था कि जम्मू-कश्मीर को भविष्य में फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा (full statehood) दिया जाएगा। फिलहाल, इसे एक Union Territory के रूप में संचालित किया जा रहा है।

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