हज यात्रा पर जाने की इच्छा रखने वाले भारतीय मुसलमानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सऊदी अरब ने 10,000 अतिरिक्त भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 'नुसुक हज पोर्टल (https://www.nusuk.sa/)' को फिर से खोल दिया है।
नई दिल्ली: अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, सऊदी अरब सरकार ने भारत के 10,000 अतिरिक्त तीर्थयात्रियों के लिए हज पोर्टल को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। इसका मतलब है कि अब और 10 हजार भारतीय मुसलमान हज यात्रा के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस पहल के तहत संयुक्त हज समूह ऑपरेटरों (CHGO) के लिए भी Nusuk पोर्टल को दोबारा खोल दिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि सऊदी प्रशासन ने CHGO को बिना देरी के प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है, ताकि समय रहते सभी तीर्थयात्रियों की व्यवस्थाएं की जा सकें।
भारत सरकार की पहल लाई राहत
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि सऊदी अरब ने संयुक्त हज समूह ऑपरेटरों (CHGO) के लिए हज पोर्टल को दोबारा खोलने पर सहमति दी है। यह पहल उस समय की गई है, जब हाल ही में रिपोर्ट सामने आई थी कि लगभग 52,000 भारतीय तीर्थयात्रियों को हज पर जाने से वंचित होना पड़ सकता है, क्योंकि सऊदी सरकार ने मीना क्षेत्र में कुछ निजी टूर ऑपरेटरों को आवंटित स्थान रद्द कर दिए थे।
2025 में भारत से 1.75 लाख हज यात्रियों को मिलेगा मौका
हज 2025 के लिए सऊदी अरब ने भारत को कुल 1,75,025 तीर्थयात्रियों का कोटा आवंटित किया है। भारत सरकार की हज नीति के अनुसार, इसमें से 70% कोटा हज समिति ऑफ इंडिया (HCI) के माध्यम से और शेष 30% कोटा निजी हज ऑपरेटरों (PHGOs) को दिया जाएगा। नुसुक पोर्टल के फिर से खुलने से यह तय हुआ है कि 10,000 अतिरिक्त भारतीय तीर्थयात्री अब हज यात्रा पर जा सकेंगे।
जेद्दा में हुई समीक्षा बैठक और द्विपक्षीय वार्ता
भारत सरकार की ओर से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सचिव चंद्रशेखर कुमार और संयुक्त सचिव सीपीएस बख्शी ने हाल ही में सऊदी अरब के जेद्दा का दौरा किया। उन्होंने हज 2025 की तैयारियों की समीक्षा की और विभिन्न स्तरों पर चर्चाएं कीं। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी 11 से 14 जनवरी 2025 के बीच सऊदी अरब का दौरा किया था, जिसमें हज और उमराह सम्मेलन में भाग लेने के साथ-साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लिया गया था।
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, हज 2025 की संभावित तिथियां 4 जून से 9 जून के बीच बताई जा रही हैं। हालांकि, अंतिम निर्णय चांद के दिखने पर आधारित होगा।