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मोदी 3.0 की मजबूती, वक्फ संशोधन से लेकर UCC तक, देखें सरकार के बड़े फैसलों की झलक

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नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने से पहले, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो जारी कर अपनी प्रमुख उपलब्धियों को जनता के सामने रखा है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल को एक वर्ष पूरा होने में अब कुछ ही समय शेष है। हालांकि, सरकार के आलोचक इसे एक कमजोर गठबंधन करार देते रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हाल ही में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा कर यह साफ करने की कोशिश की है कि मोदी 3.0 न सिर्फ स्थिर है, बल्कि निर्णायक और प्रभावशाली फैसलों से परिपूर्ण है।

इस वीडियो के ज़रिए बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि देश की जनता के जनादेश को उन्होंने सही दिशा में ले जाने का कार्य किया है और अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) जैसे बड़े सुधार की ओर भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

वीडियो में क्या है?

बीजेपी द्वारा जारी इस वीडियो में नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों का ज़िक्र किया गया है। वीडियो की शुरुआत विपक्ष के उस कथन से होती है, जिसमें दावा किया गया था कि यह गठबंधन लंबे समय तक नहीं टिकेगा और सरकार कोई बड़ा निर्णय नहीं ले पाएगी। लेकिन वीडियो में उन तमाम नीतिगत और कानूनी फैसलों को दर्शाया गया है जो इस दावे को नकारते हैं।

सबसे पहले ज़िक्र है कांग्रेस के पहले परिवार पर चल रहे बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड केस का। वीडियो में बताया गया है कि किस प्रकार इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। यह मामला कई वर्षों से सुर्खियों में रहा है और अब इसे कानूनी प्रक्रिया के दायरे में लाया गया है।

मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी: घोटालेबाजों पर सख्ती

पंजाब नेशनल बैंक के 13,000 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी को भी इस वीडियो में एक बड़ी उपलब्धि बताया गया है। उसे बेल्जियम में पकड़ा गया और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। मोदी सरकार के लिए यह एक बड़ा कूटनीतिक और कानूनी जीत मानी जा रही है।

तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण: आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम

मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने की प्रक्रिया को भी वीडियो में प्रमुखता दी गई है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ कड़े शब्दों में नहीं, बल्कि कड़ी कार्रवाई के साथ आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है।

वाड्रा जमीन घोटाला: बिना भेदभाव के जांच

रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को भी इस वीडियो में दर्शाया गया है। यह संकेत है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं कर रही है, चाहे वह किसी भी पार्टी या परिवार से जुड़ा हो।

वक्फ संशोधन बिल: जमीनों पर पारदर्शिता की पहल

सरकार ने संसद में वक्फ (संशोधन) बिल पास करवा लिया है। यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग में पारदर्शिता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके जरिए वक्फ बोर्डों की भूमिका पर निगरानी बढ़ेगी और अवैध कब्जों तथा भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।

विधानसभा चुनावों में सफलता: जनविश्वास बरकरार

दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी को अच्छी सफलता मिली है। यह दर्शाता है कि जनमानस में मोदी सरकार के प्रति विश्वास अभी भी मजबूत बना हुआ है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC): अगला बड़ा कदम

वीडियो के अंत में संकेत दिया गया कि सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। यह कोड भारत के सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक कानून सुनिश्चित करेगा, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों। यह संविधान के अनुच्छेद 44 में वर्णित एक लक्ष्य रहा है, जिसे अब पूरा करने की ओर सरकार तेजी से बढ़ रही है।

UCC को लेकर क्यों है चर्चा?

UCC को लेकर लंबे समय से बहस होती रही है। इसके पक्ष में तर्क है कि यह भारत में लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता की स्थापना करेगा, जबकि इसके विरोधी इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरुद्ध मानते हैं। लेकिन मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम नागरिक अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया जाएगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने इस वीडियो और सरकार के इन कदमों पर मिलाजुला रुख अपनाया है। कांग्रेस ने इसे "राजनीतिक नौटंकी" करार दिया है, जबकि आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे दलों ने कहा है कि ये फैसले जनसरोकारों से ज्यादा राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए हैं। हालांकि बीजेपी का तर्क है कि ये फैसले जनहित में और भारत के वैश्विक सम्मान को बढ़ाने के लिए हैं।

जनमानस में कैसा असर?

देश की जनता के बीच मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। एक बड़ा तबका सरकार के निर्णयों को साहसी और स्पष्ट दिशा देने वाला मानता है, जबकि कुछ वर्ग इन कदमों को सख्ती और असंतुलन के प्रतीक के रूप में देखते हैं। हालांकि, सरकार की लोकप्रियता में गिरावट के कोई स्पष्ट संकेत अभी तक सामने नहीं आए हैं।

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