जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर रोज़ हमले होते हैं, लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं। उन्होंने विधेयकों पर फैसले के बाद हुई आलोचनाओं पर यह टिप्पणी दी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने उन आलोचनाओं पर करारा जवाब दिया है जो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को लेकर सामने आई हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि "संस्थान पर हर दिन हमले होते हैं, लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है।" यह टिप्पणी उन्होंने राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों पर मंजूरी देने की समयसीमा तय करने वाले ऐतिहासिक फैसले के बाद हो रही राजनीतिक प्रतिक्रियाओं के संदर्भ में दी।
SC के फैसले के बाद बढ़ी प्रतिक्रियाएं
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों को मंजूरी देने में "अनावश्यक देरी नहीं करनी चाहिए"। इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी, और कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल खड़े किए।
उपराष्ट्रपति धनखड़ की तीखी टिप्पणी
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों को लेकर बयान दिया था। उन्होंने अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट की पावर को “न्यूक्लियर मिसाइल” बताया और कहा कि "राष्ट्रपति को निर्देश देने की स्थिति ठीक नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि संसद सर्वोच्च है और इसके ऊपर कोई और authority नहीं हो सकती।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे भी हमलावर
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी CJI और कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ एक्ट की सुनवाई के दौरान कुछ ऐसे निर्णय ले रहा है जो समाज में धार्मिक तनाव को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है तो "संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।"
जस्टिस सूर्यकांत ने रखी न्यायपालिका की मजबूती की बात
कर्नाटक में एक अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान, जस्टिस सूर्यकांत ने बिना किसी विशेष व्यक्ति का नाम लिए कहा, “हम संस्थान हैं, हम पर हर दिन सवाल उठते हैं। हमें इसकी चिंता नहीं है क्योंकि हमारा कर्तव्य संविधान और न्याय के प्रति है।”