मायावती ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सर्वसमाज के विकास में विफल है। बसपा का लक्ष्य भाजपा विरोधी दलों से आगे निकलने का है, और कर्म को धर्म मानने की बात कही।
UP News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य की भाजपा सरकार “सर्वसमाज” के कल्याण के लिए नहीं बल्कि सिर्फ कुछ वर्गों के लिए काम कर रही है। वहीं, उन्होंने इस बार अपनी राजनीतिक रणनीति में सपा (Samajwadi Party) का नाम तो सिर्फ एक बार लिया, लेकिन कांग्रेस (Congress) का नाम लेना तक जरूरी नहीं समझा।
क्या है पार्टी की रणनीति?
मायावती ने पार्टी संगठन की बैठक में साफ तौर पर संकेत दिया कि अब फोकस Cadre वोट बैंक को फिर से सक्रिय करने पर होगा। बसपा की रणनीति है कि वह न सिर्फ भाजपा विरोधी दलों से आगे निकले बल्कि Grassroot level पर अपने वोटरों की पकड़ और मज़बूत करे।
सामाजिक दृष्टिकोण के साथ सशक्त राजनीतिक संदेश
मायावती ने अपने संबोधन में दो टूक कहा कि भाजपा सरकार भी अब ‘धर्म को कर्म’ नहीं, बल्कि ‘कर्म को धर्म’ मानते हुए काम करे। उन्होंने जोर दिया कि विकास सिर्फ कुछ इलाकों या वर्गों तक सीमित न रहे, बल्कि Inclusive Development की दिशा में काम हो।
उत्तराखंड और यूपी पर फोकस
बुधवार को लखनऊ स्थित BSP मुख्यालय में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नेताओं के साथ हुई बैठक में मायावती ने यह स्पष्ट किया कि बसपा अब दोहरे इंजन की सरकारों को सीधे टारगेट करेगी। उनका आरोप है कि इन राज्यों में भाजपा की सरकारें सिर्फ सीमित वर्गों के हित में काम कर रही हैं, जिससे राज्य के विकास की गति धीमी हो रही है।
Opposition Challenge को Neutral करने की तैयारी
पिछले कुछ चुनावों में कमजोर प्रदर्शन के बाद बसपा अब विपक्षी दलों के बीच अपनी नई जगह बनाने की कोशिश कर रही है। खासकर Dalit और OBC वोटर्स पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए संगठन स्तर पर सक्रियता बढ़ाई जा रही है। यही वजह है कि मायावती अब सीधे विपक्ष के मुकाबले खुद को एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश करना चाहती हैं, जिससे उनकी पार्टी को नया जनाधार मिल सके।