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UP Politics: महाकुंभ पर गरमाई सियासत; अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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महाकुंभ 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर महाकुंभ के आयोजन में राजनीतिकरण करने और जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया हैं।

लखनऊ: महाकुंभ 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर महाकुंभ के आयोजन में राजनीतिकरण करने और जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने महाकुंभ को प्रचार का माध्यम बनाकर धार्मिक परंपराओं का अनादर किया हैं।

अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला

अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी सुविधानुसार 26 फरवरी को महाकुंभ का औपचारिक समापन कर दिया, जिससे करोड़ों श्रद्धालु अंतिम स्नान से वंचित रह गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया, जिससे भगदड़ जैसी घटनाएं सामने आईं। उनका कहना था कि राज्य सरकार मृतकों की सही संख्या छिपा रही है, जिससे आम जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं।

सपा प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि महाकुंभ से सरकार को कई लाख करोड़ की आय हुई है, लेकिन इसे जनकल्याण के कार्यों में खर्च करने के बजाय प्रचार-प्रसार में लगाया जा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "महाकुंभ में इतनी बड़ी बात लिखते समय दो शब्द मृतकों और लापता लोगों के लिए भी लिख देते। सच को छिपाना अपराधबोध की निशानी होती हैं।"

बीमा क्षेत्र में एफडीआई पर भी उठाए सवाल

इसके अलावा अखिलेश यादव ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने के सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनता को नागरिक नहीं, बल्कि ग्राहक समझती है। अखिलेश यादव ने कहा, "क्या 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति देना बीमा क्षेत्र को असुरक्षित बनाने जैसा नहीं है? अगर भविष्य में विदेशी कंपनियां जिम्मेदारी से मुकर गईं, तो जनता के हितों की रक्षा कौन करेगा?"

महाकुंभ का ऐतिहासिक समापन

गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 2025 अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर अंतिम स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या 66 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई, जो एक नया रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक आयोजन के सफल समापन पर सभी श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयोजित महाकुंभ आस्था, एकता और समता का महापर्व बन चुका हैं।"

महाकुंभ के आयोजन को लेकर जारी इस सियासी घमासान से स्पष्ट है कि 2024 और 2025 के चुनावों के मद्देनजर दोनों दलों की रणनीति तय हो रही है। जहां भाजपा इस आयोजन को अपनी उपलब्धि बता रही है, वहीं समाजवादी पार्टी इसे जनता के साथ अन्याय करार दे रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी और तेज होने की संभावना हैं।

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