प्रयागराज में भारी भीड़ के बीच फंसे अखिलेश यादव को लेकर सपा ने NSG सुरक्षा की मांग की। राहुल गांधी से संसद में मुद्दा उठाने की अपील की गई।
UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है, जहां समाजवादी पार्टी (SP) ने अपने प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav को लेकर सुरक्षा का मुद्दा ज़ोरशोर से उठाया है। हाल ही में प्रयागराज दौरे के दौरान एक भारी जनसमूह में फंसे अखिलेश यादव का वीडियो सामने आया, जिसमें उन्हें अपनी ही गाड़ी तक पहुंचने में संघर्ष करते देखा गया। इस घटना के बाद SP नेताओं ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है और NSG सुरक्षा बहाल करने की मांग तेज़ कर दी है।
कांग्रेस से मांगा समर्थन
SP नेता और पूर्व मंत्री आईपी सिंह ने एक्स (पूर्व Twitter) पर एक पोस्ट करते हुए Rahul Gandhi से अपील की कि वह संसद में यह मामला उठाएं और गृह मंत्रालय (Home Ministry) से अखिलेश यादव को फिर से NSG सुरक्षा दिए जाने की मांग करें। उन्होंने यह भी कहा कि BJP के छोटे-छोटे नेताओं को हाई लेवल सिक्योरिटी मिल रही है, जबकि विपक्ष के बड़े नेताओं की सुरक्षा में कटौती करना एक 'साजिश' हो सकती है।
'अखिलेश को खुद की गाड़ी तक पहुंचने में दिक्कत, यह सामान्य नहीं'
आईपी सिंह ने अपने पोस्ट में सवाल उठाया – क्या BJP के किसी नेता को देखने के लिए ऐसी भीड़ उमड़ती है? उन्होंने कहा, “अगर देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक को अपनी ही गाड़ी तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है, तो यह चिंता का विषय है। यह सिर्फ सुरक्षा का सवाल नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की जिम्मेदारी का भी मामला है।”
BJP का पलटवार
इस पूरे मुद्दे पर BJP ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव को खतरा अपनी ही पार्टी के लोगों से है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "जो बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से होय?" उनका आरोप है कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा 'गुंडे, माफिया और अराजक तत्वों' को संरक्षण दिया है, और अब उसी का नतीजा है कि पार्टी प्रमुख को खतरे की आशंका सता रही है।
NSG सुरक्षा पर फिर शुरू हुई राजनीति
समाजवादी पार्टी के अन्य नेताओं जैसे प्रवक्ता फखरुल हसन चांद और सचिव अवलेश सिंह ने भी पहले NSG सुरक्षा की मांग उठाई थी। अब पार्टी इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की तैयारी में है, और इसी रणनीति के तहत राहुल गांधी से यह मुद्दा संसद में उठाने की उम्मीद की जा रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि Akhilesh Yadav की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें Z+ या NSG level की सुरक्षा दी जानी चाहिए।