चीन ने अमेरिका द्वारा चीनी अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंध के जवाब में, हांगकांग मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए अमेरिकी अधिकारियों, सांसदों और NGO लीडर्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
China-US: चीन और अमेरिका के बीच हांगकांग के मुद्दे पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन ने अमेरिका के उन अधिकारियों, सांसदों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जिन्होंने हांगकांग के मामलों में "खराब प्रदर्शन" किया। यह कदम अमेरिका द्वारा छह चीनी और हांगकांग अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के जवाब में उठाया गया है, जिन पर आरोप था कि वे शहर की स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों में शामिल थे।
अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध
मार्च 2025 में, अमेरिका ने हांगकांग और चीन के छह अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे, जिन पर आरोप था कि उन्होंने हांगकांग की स्वायत्तता को सीमित करने वाले कार्यों को बढ़ावा दिया। इनमें न्याय सचिव पॉल लैम, सुरक्षा कार्यालय निदेशक डोंग जिंगवेई और पूर्व पुलिस आयुक्त रेमंड सिउ जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इन अधिकारियों पर आरोप था कि उन्होंने हांगकांग में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता को दबाने वाले कदम उठाए थे। इस कदम के बाद, चीन ने प्रतिवाद करते हुए अमेरिका के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका ने हांगकांग के मामलों में हस्तक्षेप किया है, जो कि अंतरराष्ट्रीय कानून (International Law) का उल्लंघन है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि चीन की सरकार ने इन अमेरिकी नेताओं और NGOs पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है, जिनका मानना है कि इनकी गतिविधियों से हांगकांग की स्वायत्तता को नुकसान पहुँचाया गया है। इस प्रतिक्रिया को चीन ने "विदेशी प्रतिबंध विरोधी कानून" (Foreign Sanctions Countermeasure Law) के तहत सही ठहराया है।
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ता विवाद
चीन और अमेरिका के बीच हांगकांग के मुद्दे को लेकर गहरा विवाद चल रहा है। दोनों देशों के रिश्ते पहले से ही व्यापार युद्ध (Trade War) और अन्य मुद्दों को लेकर तनावपूर्ण हैं। अब हांगकांग मुद्दे पर इस तरह की प्रतिवादात्मक कार्रवाई से दोनों देशों के रिश्तों में और भी तनाव बढ़ सकता है।
अमेरिका का आरोप है कि चीन हांगकांग की स्वतंत्रता और स्वायत्तता को कमजोर कर रहा है, जबकि चीन का कहना है कि अमेरिका इस मुद्दे में अस्वीकार्य तरीके से हस्तक्षेप कर रहा है। चीन ने यह स्पष्ट किया है कि हांगकांग के मामलों में किसी भी प्रकार का विदेशी हस्तक्षेप उसकी संप्रभुता के खिलाफ है और वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
चीन का आरोप: अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
चीनी विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका ने हांगकांग के मामलों में दखल देकर अंतरराष्ट्रीय कानून (International Law) के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम चीन के संप्रभु अधिकारों का उल्लंघन है और इसके खिलाफ चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।