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क्रीमिया पर अमेरिकी रुख में बदलाव, ट्रंप प्रशासन की नई नीति से वैश्विक संतुलन पर असर

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अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच संभावित शांति समझौते के तहत क्रीमिया पर रूस के नियंत्रण को मान्यता देने के लिए तैयार हो सकता है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 

US-Russia Relations: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक नई शांति योजना पर विचार कर रहा है। इस योजना के तहत अमेरिका, 2014 में रूस द्वारा कब्जा किए गए क्रीमिया क्षेत्र को रूस का हिस्सा मानने पर विचार कर सकता है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्तावित नीति परिवर्तन अमेरिका की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जिसका उद्देश्य मॉस्को और कीव के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करना है ।​

ट्रंप प्रशासन की रणनीति: शांति के बदले क्रीमिया की मान्यता

ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानने के विकल्प पर विचार कर रहा है, ताकि रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को आगे बढ़ाया जा सके। इस प्रस्ताव में अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र से भी अनुरोध किया जा सकता है कि वह क्रीमिया को रूस का हिस्सा मान्यता दे ।​

राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यदि कोई पक्ष वार्ता में बाधा डालता है, तो अमेरिका शांति प्रयासों से पीछे हट सकता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका की प्राथमिकता युद्ध को शीघ्र समाप्त करना है, न कि क्षेत्रीय विवादों को सुलझाना ।​

यूक्रेन की प्रतिक्रिया: क्षेत्रीय अखंडता पर अडिग

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से कहा है कि क्रीमिया समेत किसी भी यूक्रेनी क्षेत्र को रूस को सौंपना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, हम कभी भी यूक्रेनी जमीन को रूस का हिस्सा नहीं मानेंगे। युद्ध विराम से पहले हमारे क्षेत्र पर कोई भी चर्चा नहीं हो सकती। यूक्रेन का मानना है कि क्रीमिया की मान्यता रूस को एक गलत संदेश देगी और इससे भविष्य में और अधिक आक्रामकता को बढ़ावा मिलेगा।​

रूस लंबे समय से चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्रीमिया पर उसके नियंत्रण को मान्यता दे। यदि अमेरिका क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानता है, तो यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। हालांकि, रूस ने अभी तक इस प्रस्ताव पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।​

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता: वैश्विक नियमों का उल्लंघन

अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया के कब्जे को अवैध माना था। यदि अमेरिका अब क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ होगा, क्योंकि इन नियमों के अनुसार बल के द्वारा किसी क्षेत्र को कब्जा करना गलत माना जाता है ।​ ट्रंप प्रशासन की यह नई नीति वैश्विक राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। 

यदि अमेरिका क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानता है, तो इससे यूक्रेन के साथ उसके संबंधों पर असर पड़ेगा और अन्य देशों के लिए भी एक मिसाल कायम होगी। अब यह देखना होगा कि यह प्रस्तावित नीति वास्तव में लागू होती है या नहीं, और इसका वैश्विक राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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