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UBSE UK Board 2025: 10वीं का रिजल्ट 90% से अधिक, शिक्षा में प्रगति की नई उम्मीद

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उत्तराखंड बोर्ड 10वीं का रिजल्ट 90% से अधिक रहा, जो राज्य बनने के बाद पहली बार हुआ। 12वीं का रिजल्ट चौथे साल बढ़ा, और सुधार की कोशिशें जारी हैं।

UBSE UK Board 2025: उत्तराखंड बोर्ड (UBSE UK Board Result 2025) की 10वीं कक्षा का परीक्षाफल इस साल पहली बार 90 प्रतिशत से अधिक रहा है। उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद यह पहला अवसर है, जब 10वीं के परिणाम ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। पिछले कुछ वर्षों में बोर्ड के परीक्षा परिणामों में लगातार सुधार देखा गया है, और 2025 का परिणाम इस दिशा में एक अहम मील का पत्थर साबित हुआ है। इस साल 10वीं के परीक्षाफल में 90.77 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 89.14 प्रतिशत था।

12वीं परीक्षा का परिणाम भी सकारात्मक

वहीं, उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं परीक्षा का रिजल्ट भी लगातार चौथे साल सुधार दर्शा रहा है। इस वर्ष 12वीं का परिणाम 83.23 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल के 82.63 प्रतिशत से बेहतर है। यह लगातार सकारात्मक ट्रेंड बोर्ड के लिए उत्साहवर्धक साबित हो रहा है। हालांकि, 12वीं के परिणाम में वृद्धि दर कम रही है—0.60 प्रतिशत, लेकिन यह सुधार स्थिरता का संकेत देता है।

सीबीएसई के स्तर तक सुधार की दिशा में कदम

उत्तराखंड बोर्ड के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीबीएसई और आइसीएसई के परिणामों के समान सुधार लाने की है। हालांकि, बोर्ड ने एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को पहले ही अपना लिया है, और इसकी वजह से शिक्षा में गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। उत्तराखंड बोर्ड अब इन मानकों के स्तर पर अपने परिणामों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।

छात्रवृत्ति योजनाओं से बढ़ी छात्रसंख्या

उत्तराखंड सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं का असर धीरे-धीरे दिखने लगा है। इस साल 10वीं में परीक्षार्थियों की संख्या 1,09,859 रही, जबकि 12वीं में परीक्षार्थियों की संख्या बढ़कर 1,06,345 हो गई। पिछले साल की तुलना में 12वीं में 14,325 छात्रों की वृद्धि हुई है, जो यह दर्शाता है कि सरकार की योजनाओं ने छात्रों को प्रोत्साहित किया है। वहीं, 10वीं में कुछ कमी आई है, क्योंकि इस साल 2,518 परीक्षार्थी कम थे।

पर्वतीय जिलों का अच्छा प्रदर्शन

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों ने इस बार बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया है। खासकर पौड़ी, नैनीताल और देहरादून जिलों ने बेहतरीन परिणाम दिखाए हैं, जबकि ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले अपेक्षाकृत पीछे रह गए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को और ऊपर ले जाने के लिए शिक्षा विभाग को और योजनाएं बनानी होंगी।

मुख्यमंत्री और राज्यपाल की शुभकामनाएँ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने सभी सफल छात्रों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा, “जो छात्र इस बार सफल नहीं हो सके, वे निराश न हों। असफलता अंत नहीं बल्कि नए प्रयास की शुरुआत है। आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ पुनः प्रयास करें।” राज्यपाल ने भी छात्रों को बधाई देते हुए उनके परिवारों, शिक्षकगण और प्रदेश को गर्व महसूस होने का संदेश दिया।

छात्रसंख्या में वृद्धि की उम्मीद

हालांकि, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में छात्रसंख्या घट रही है, लेकिन मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 6 से 12 तक छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना का प्रभाव अगले कुछ वर्षों में छात्रसंख्या में वृद्धि ला सकता है। सरकार इस दिशा में लगातार कदम उठा रही है, और आगामी समय में इन योजनाओं का सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।

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