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अर्जुन भाटी: संघर्ष और समर्पण की मिसाल, 20 साल की उम्र में यूथ अवॉर्ड से सम्मानित

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गोल्फर अर्जुन भाटी महज 20 साल की उम्र में ही शानदार उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। तीन बार के जूनियर विश्व गोल्फ चैंपियन अर्जुन ने गोल्फ कोर्स और उसके बाहर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

स्पोर्ट्स न्यूज़: गोल्फर अर्जुन भाटी महज 20 साल की उम्र में ही शानदार उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं। तीन बार के जूनियर विश्व गोल्फ चैंपियन अर्जुन ने गोल्फ कोर्स और उसके बाहर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अब उनकी मेहनत और उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय यूथ अवॉर्ड देने का फैसला किया है।

अर्जुन भाटी ने अपने गोल्फ करियर में अब तक करीब 150 ट्रॉफियां जीती हैं। इतनी कम उम्र में इतने बड़े मुकाम तक पहुंचना काबिल-ए-तारीफ है। उनकी सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। 

कोरोना काल में दिखाई इंसानियत

कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया संकट से जूझ रही थी, उस कठिन समय में ग्रेटर नोएडा के युवा गोल्फर अर्जुन भाटी ने मानवता का जो उदाहरण पेश किया, वह प्रेरणादायक है। अर्जुन ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 4.30 लाख रुपये दान किए। यह राशि अर्जुन ने अपनी 102 ट्रॉफियों और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में जीते जूतों को बेचकर जुटाई थी।

यूथ अवॉर्ड से सम्मानित

महज 20 साल की उम्र में अर्जुन भाटी को भारत सरकार ने राष्ट्रीय यूथ अवॉर्ड देने का निर्णय लिया है। अर्जुन तीन बार के जूनियर विश्व गोल्फ चैंपियन रह चुके हैं और लगभग 150 ट्रॉफियां अपने नाम कर चुके हैं। इस उपलब्धि पर अर्जुन ने कहा, 'मैं इस पुरस्कार के लिए बहुत आभारी हूँ। यह मेरे परिवार और मेरे लिए बहुत गर्व की बात है।' उन्होंने अपनी इस यात्रा को बेहद प्रेरक और संघर्षपूर्ण बताया।

अर्जुन भाटी के लिए टाइगर वुड्स हमेशा से प्रेरणास्रोत रहे हैं। वहीं, विराट कोहली के प्रति उनका सम्मान खास है। अर्जुन का कहना है कि विराट कोहली की खेल भावना, फिटनेस और मेहनत उन्हें प्रेरित करती है। विराट कोहली फाउंडेशन भी अर्जुन की यात्रा का अहम हिस्सा रहा है।

ओलंपिक में स्वर्ण पदक का सपना

अर्जुन का सपना भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है। ब्रिटिश ओपन की तैयारी में जुटे अर्जुन मानते हैं कि यूथ अवॉर्ड उन्हें और मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा। 2016 में पहली बार जूनियर विश्व चैंपियन बनने के बाद से अर्जुन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अर्जुन भाटी ने कहा, 'मेरा लक्ष्य ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड जीतना है। मैं हर दिन खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा हूँ।' उनके इस समर्पण और मेहनत ने न सिर्फ युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है बल्कि गोल्फ को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का वादा भी किया है।

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