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Columbia Space Shuttle: नासा सुनीता विलियम्स की वापसी में नहीं चाहता 2003 जैसी त्रासदी दोहराना! जानें कैसे हुआ था हादसा?

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भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी में हो रही देरी के पीछे एक बड़ा कारण कोलंबिया स्पेस शटल हादसा हो सकता हैं। 

नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का रॉकेट फॉल्कन 9 भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे लॉन्च कर दिया गया है। अनुमान है कि करीब चार दिनों की यात्रा के बाद 19 मार्च को सुनीता विलियम्स अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर वापस आ जाएंगी। हालांकि, नासा ने उनकी वापसी में काफी समय लिया, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर इतनी देरी क्यों हुई? इसके पीछे सबसे बड़ी वजह 2003 में हुए कोलंबिया स्पेस शटल हादसे को माना जा रहा है, जिसे नासा किसी भी कीमत पर दोहराना नहीं चाहता।

सुनीता विलियम्स की वापसी में क्यों लग रही है देरी?

सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए स्पेसएक्स का फॉल्कन-9 रॉकेट भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे लॉन्च किया गया। अनुमान है कि अगले चार दिनों में, यानी 19 मार्च को, वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती पर लौट आएंगी। लेकिन यह प्रक्रिया इतनी देर से क्यों हो रही है? विशेषज्ञों का मानना है कि नासा इस मिशन के हर छोटे से छोटे पहलू को दोबारा जांच रहा है ताकि कोई भी चूक न हो।

1 फरवरी 2003, यह तारीख अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक दर्दनाक अध्याय के रूप में दर्ज है। नासा का कोलंबिया स्पेस शटल सफल मिशन पूरा करने के बाद धरती की ओर लौट रहा था, लेकिन वायुमंडल में प्रवेश करते ही वह हादसे का शिकार हो गया। इस त्रासदी में कल्पना चावला सहित सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी।

कैसे हुआ था हादसा?

जब कोलंबिया ने पृथ्वी की कक्षा छोड़ी थी, तभी एक फोम का टुकड़ा स्पेस शटल के बाएं विंग से टकरा गया था। इस टक्कर से विंग में एक छोटा सा छेद हो गया था, जो वापसी के समय घातक साबित हुआ। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही तेज गर्म गैसें इस छेद के जरिए शटल में घुसने लगीं। इससे शटल का संतुलन बिगड़ गया और देखते ही देखते यह अंतरिक्ष यान टुकड़ों में बिखर गया।

बाद में हुई जांचों में खुलासा हुआ कि यदि नासा समय रहते कदम उठाता, तो यह हादसा टाला जा सकता था। नासा ने पहले ही देखा था कि लॉन्च के दौरान शटल के साथ कुछ गड़बड़ हुई थी। रक्षा विभाग ने ऑर्बिटल स्पाई कैमरों से शटल की जांच करने की पेशकश भी की थी, लेकिन नासा के अधिकारियों ने इसे अनदेखा कर दिया।

अब नासा कोई गलती नहीं दोहराएगा

कोलंबिया को लैंडिंग रनवे पर पहुंचने में सिर्फ 12 मिनट बाकी थे, जब मिशन कंट्रोल सेंटर को एक कॉल आया। इसमें बताया गया कि टीवी नेटवर्क पर आसमान में जलते हुए शटल के टुकड़े गिरने के दृश्य दिखाए जा रहे थे। कुछ ही समय बाद नासा ने खोजी दल भेजे, लेकिन उन्हें सिर्फ मलबे का ढेर मिला। इस हादसे के बाद नासा ने अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल में कई बदलाव किए। अब जब सुनीता विलियम्स की वापसी की बात है, तो नासा कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहता। इसलिए, हर सिस्टम को बार-बार जांचा जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि की कोई संभावना न रहे।

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