9 घंटा पहलेAmerica Trade Deal 2025: कल अमेरिका दौरे पर जाएंगे पीयूष गोयल, दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर लगेगी मुहर!
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते (Trade Deal) को अंतिम रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे।
नई दिल्ली: अमेरिका और भारत के रिश्तों में खटास के बीच एक सकारात्मक खबर सामने आई है। दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर बातचीत फिर से शुरू होने की संभावना है। इसी क्रम में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे। अमेरिका में भारत के प्रतिनिधिमंडल की अमेरिकी टीम से मुलाकात होने की संभावना है, जिसमें दोनों देश इस ट्रेड डील पर बातचीत करके इसे मूर्त रूप देने की कोशिश करेंगे।
ट्रेड डील पर नई उम्मीदें
सूत्रों के अनुसार, पीयूष गोयल के अमेरिका दौरे का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच लंबित व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान भारत की टीम ट्रेड डील के सभी पहलुओं पर चर्चा करेगी, जिसमें टैरिफ, तकनीकी सहयोग और निवेश प्रोत्साहन शामिल हैं। यह दौरा पिछले हफ्ते की 16 सितंबर की बैठक का विस्तार है।
उस बैठक में भारत के स्पेशल सचिव राजेश अग्रवाल और अमेरिका के ब्रैंडन लिंच की टीम ने व्यापार समझौते पर चर्चा की थी। अब केंद्रीय मंत्री खुद अमेरिका जाकर इन चर्चाओं को मूर्त रूप देने की कोशिश करेंगे।
अमेरिकी H1-B वीजा शुल्क का प्रभाव
अमेरिका ने हाल ही में H1-B वीजा की फीस को 1,00,000 डॉलर तक बढ़ाने का एलान किया है। इस कदम से भारतीय तकनीकी क्षेत्र को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अमेरिकी कर्मचारियों की लागत बढ़ जाएगी, जिससे प्रोजेक्ट और निवेश पर असर पड़ सकता है।
इस स्थिति में भारत का अमेरिका दौरा विशेष महत्व रखता है, क्योंकि व्यापार समझौते के जरिए आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना और तकनीकी क्षेत्रों में बाधाओं को कम करना दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा।
केंद्रीय मंत्री का दौरा: क्या है महत्व
पीयूष गोयल का अमेरिका दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। टैरिफ के बाद पहला दौरा: अमेरिका ने भारत पर कुछ उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है। इस स्थिति में यह दौरा भारत की व्यापारिक मजबूती और बातचीत क्षमता को दर्शाता है। सुपर ट्रेड टीम का नेतृत्व: पीयूष गोयल के साथ राजेश अग्रवाल भी इस दौरे में शामिल होंगे।
यह टीम दोनों देशों के बीच गंभीर और परिणामोन्मुखी वार्ता करने के लिए तैयार है। 16 सितंबर को हुई बैठक में भारत और अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। अमेरिकी पक्ष ने भारत के उत्पादों पर नए टैरिफ का जिक्र किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने H1-B वीजा शुल्क और तकनीकी सहयोग को लेकर अपनी चिंता जताई। दोनों पक्षों ने सकारात्मक संकेत देते हुए आगे की बातचीत के लिए सहमति जताई।
14 घंटा पहलेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे देश को करेंगे संबोधित, क्या हो सकता है बड़ा ऐलान?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे पूरे देश को संबोधित करेंगे। इस संबोधन के दौरान कोई बड़ा ऐलान होने की संभावना जताई जा रही है, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम मोदी किन विषयों पर बोलेंगे।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम पांच बजे देश को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह किसी बड़े ऐलान की संभावना भी बना सकते हैं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम मोदी अपने संबोधन में किस विषय पर बोलेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका संबोधन जीएसटी की नई दरों के लागू होने के मद्देनजर हो सकता है। बता दें कि कल, 22 सितंबर, से नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी की नई दरें लागू होने वाली हैं, जिसके चलते पीएम मोदी का यह संबोधन इसी विषय से संबंधित हो सकता है।
जीएसटी में बदलाव: 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत स्लैब लागू
गौरतलब है कि जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया कि 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब को हटा दिया जाएगा। इसके स्थान पर केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के नए स्लैब लागू होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फैसले को आम लोगों की जिंदगी को आसान बनाने और राहत देने के लिए जरूरी बताया। उनका कहना है कि नई दरों से उपभोक्ताओं और छोटे कारोबारियों दोनों को लाभ मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी का संबोधन आर्थिक सुधार और राष्ट्र निर्माण पर केंद्रित हो सकता है। संभावित विषय इस प्रकार हैं:
- जीएसटी सुधार
- नई दरों के फायदे और इससे जनता और व्यवसायों को मिलने वाले लाभ।
- टैक्स प्रशासन को आसान बनाना और कर अनुपालन को सरल बनाना।
- वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत
- देश में स्थानीय उद्योगों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना।
- छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) को सहयोग देने की योजनाएं।
- अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटना
- वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति और व्यापारिक संबंध।
- आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार की नीतियां।
- आर्थिक सुधार और जनता को राहत
- महंगाई और रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालने वाले उपाय।
- निवेशकों और व्यापारियों के लिए नीति सुधार।
प्रधानमंत्री का यह संबोधन न केवल आर्थिक सुधारों पर ध्यान देगा, बल्कि यह आम जनता के लिए जानकारी और दिशा निर्देश भी प्रदान करेगा। नई जीएसटी दरों के लागू होने के समय यह संबोधन नागरिकों के लिए साफ़ संदेश होगा।
16 घंटा पहलेमिथुन मनहास होंगे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्यक्ष, आरपी सिंह को मिली अहम भूमिका
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बीसीसीआई के वरिष्ठ प्रशासकों और अहम निर्णयकर्ताओं ने शनिवार को एक अनौपचारिक बैठक आयोजित की, जिसमें 28 सितंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले बोर्ड के खाली पड़े पदों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई।
BCCI New President: भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के शीर्ष पद पर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल चुके मिथुन मनहास बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष बनने वाले हैं। उनके नाम पर सहमति लगभग बन चुकी है और 28 सितंबर को प्रस्तावित वार्षिक आम बैठक (AGM) में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।
मिथुन मनहास से पहले यह प्रतिष्ठित पद पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी संभाल चुके हैं। यदि सब कुछ तय योजना के अनुसार होता है, तो मनहास इस पद पर आसीन होने वाले तीसरे पूर्व क्रिकेटर होंगे।
मिथुन मनहास का क्रिकेट करियर
मिथुन मनहास घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम रहे हैं। 1979 में जन्मे मनहास ने दिल्ली और बाद में जम्मू-कश्मीर की ओर से खेलते हुए 157 प्रथम श्रेणी मैच खेले। इस दौरान उन्होंने लगभग 9,700 से अधिक रन बनाए जिनमें 27 शतक और 49 अर्धशतक शामिल रहे। उन्होंने आईपीएल में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा रहे।
हालांकि वे भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए, लेकिन उनका अनुभव और नेतृत्व क्षमता घरेलू क्रिकेट में काफी सराही गई। यही वजह है कि अब वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले हैं।
बीसीसीआई में अन्य प्रमुख नियुक्तियाँ
AGM से पहले बीसीसीआई प्रशासकों और वरिष्ठ पदाधिकारियों की एक अनौपचारिक बैठक हुई जिसमें खाली पड़े पदों को भरने के लिए नाम तय किए गए। सूत्रों के मुताबिक, इन नामों पर सहमति बन चुकी है:
- अध्यक्ष – मिथुन मनहास
- उपाध्यक्ष – राजीव शुक्ला (पुराने पद पर बरकरार)
- कोषाध्यक्ष – रघुराम भट्ट (कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के मौजूदा अध्यक्ष, जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त होगा)
- सचिव – देवजीत सैकिया (फिर से मौका मिलेगा)
- संयुक्त सचिव – प्रभतेज भाटिया
- आईपीएल चेयरमैन – अरुण सिंह धूमल (लगातार दूसरी बार जिम्मेदारी संभाल सकते हैं)
चयन समितियों में बदलाव
बीसीसीआई ने चयन समितियों में भी बड़े बदलाव का खाका तैयार किया है। पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा को राष्ट्रीय सीनियर चयन समिति में शामिल किया जाएगा। वे एस शरत की जगह लेंगे। एस शरत को जूनियर चयन समिति का चेयरमैन बनाया जाएगा। पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह को भी चयन समिति में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। वे सुब्रोतो बनर्जी की जगह लेंगे।
यह नई चयन समितियाँ AGM के तुरंत बाद यानी 28 सितंबर से कार्यभार संभालेंगी। इन बदलावों से साफ है कि बीसीसीआई अपने अहम पदों पर पूर्व खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रहा है। सूत्रों का मानना है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी चाहती है कि क्रिकेट प्रशासन में खिलाड़ियों की भागीदारी अधिक हो। हालांकि, पार्टी का सीधा हस्तक्षेप बहुत कम है, लेकिन बोर्ड की रणनीतियों में खिलाड़ियों को शामिल करने की दिशा स्पष्ट दिख रही है।
1 दिन पहलेH-1B Visa: ट्रंप का नया H-1B वीजा आदेश, भारतीय पेशेवरों के लिए बड़ा झटका, जानिए नई फीस
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने H-1B वीज़ा धारकों के लिए नया नियम जारी किया। भारतीय पेशेवरों को हर साल 100,000 डॉलर चुकाने होंगे। इससे अमेरिका में प्रवेश रोकने और कंपनियों पर भारी खर्च का खतरा बढ़ गया है।
H-1B Visa: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा होल्डर्स के लिए नया कड़ा आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, मौजूदा और नए H-1B वीजा धारकों को हर साल अपनी कंपनी के जरिए 100,000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। आदेश के अनुसार, यदि यह राशि समय पर नहीं भरी गई, तो रविवार से उन्हें अमेरिका में प्रवेश नहीं मिलेगा।
डेडलाइन और लागू होने का समय
इस आदेश की डेडलाइन रविवार, 21 सितंबर 2025 को रात 12:01 बजे EDT है। भारतीय समय के अनुसार यह सुबह 9:30 बजे से लागू होगा। नए H-1B वीजा और वीजा एक्सटेंशन के लिए भी यही नियम लागू होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि गृह सुरक्षा विभाग कुछ विदेशी नागरिकों, किसी खास कंपनी या उद्योग के कर्मचारियों को राष्ट्रीय हित में छूट दे सकता है, यदि यह अमेरिकी सुरक्षा या कल्याण के लिए खतरा नहीं पैदा करता।
H-1B वीजा पर नई फीस का मकसद
ट्रंप प्रशासन ने इस भारी शुल्क को H-1B वीजा प्रोग्राम के 'दुरुपयोग' को रोकने के लिए लागू किया है। इसके तहत कंपनियों को अब हर H-1B वीजा के लिए पहले के 1,500 डॉलर की जगह हर साल 100,000 डॉलर का भुगतान करना होगा। अमेरिकी नागरिकता और एमिग्रेशन सर्विस (USCIS) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 और सितंबर 2023 के बीच जारी किए गए लगभग 4 लाख H-1B वीजा में 72 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी हैं।
अमेरिका में एंट्री रोकने का खतरा
न्यूयॉर्क स्थित प्रतिष्ठित एमिग्रेशन वकील साइरस मेहता ने बताया कि भारत में मौजूद H-1B वीजा धारक डेडलाइन से पहले अमेरिका नहीं पहुंच पाएंगे। जो वीजा होल्डर्स छुट्टी या व्यवसाय के लिए अमेरिका से बाहर हैं, वे 21 सितंबर के बाद देश में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इससे कई भारतीय पेशेवर फंस सकते हैं।
कंपनियों की प्रतिक्रिया
कुछ बड़ी टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सतर्क किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने भारतीय कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे नियम लागू होने से पहले अमेरिका लौटें। कंपनी ने बताया कि फिलहाल यही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों के लिए H-1B कर्मचारियों को रखना महंगा हो जाएगा और कुछ कर्मचारियों की छंटनी भी हो सकती है।
भारतीय पेशेवरों पर असर
इस फैसले का असर मुख्य रूप से भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा क्योंकि वे H-1B वीजा धारकों का बड़ा हिस्सा हैं। अमेरिकी कंपनियां अब केवल अत्यंत जरूरी कर्मचारियों के लिए ही इतनी बड़ी फीस का भुगतान करेंगी। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे अमेरिका में हाईली स्किल्ड वर्कर्स की कमी हो सकती है।
1 दिन पहलेUNGA में भारत ने फिलिस्तीन का दिया साथ, अमेरिका-इजरायल विरोध से बढ़ी हलचल
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन के समर्थन में मतदान कर दुनिया को चौंका दिया। इजरायल और अमेरिका के विरोध के बावजूद भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी कूटनीति संतुलित है और उसका मकसद अंतरराष्ट्रीय शांति और न्याय को बनाए रखना है।
World Update: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन के पक्ष में एक अहम प्रस्ताव का समर्थन किया और इसके लिए मतदान भी किया। इस प्रस्ताव का इजरायल ने कड़ा विरोध किया था लेकिन भारत ने अपने रुख से एक बार फिर यह साफ कर दिया कि उसकी विदेश नीति (foreign policy) केवल एकतरफा समर्थन तक सीमित नहीं है बल्कि संतुलित और परिस्थितियों पर आधारित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति ने एक बार फिर पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर भारत कैसे इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ रिश्ते निभाने में सफल हो रहा है।
भारत के फैसले से हतप्रभ दुनिया
भारत लंबे समय से इजरायल के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है। रक्षा समझौते, तकनीकी सहयोग और व्यापारिक रिश्तों में दोनों देशों की साझेदारी लगातार मजबूत हुई है। इसके बावजूद जब बात फिलिस्तीन और उसके अधिकारों की आती है तो भारत वहां भी अपना समर्थन देता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन के पक्ष में मतदान कर भारत ने यही संदेश दिया कि उसकी कूटनीति किसी एक देश पर आधारित नहीं है बल्कि उसका मकसद अंतरराष्ट्रीय संप्रभुता (sovereignty) और न्याय को बनाए रखना है। यही वजह है कि भारत का यह कदम दुनिया के लिए चौंकाने वाला रहा और कई देशों ने इस पर प्रतिक्रिया दी।
क्या था पूरा मामला
संयुक्त राष्ट्र में पेश किया गया यह प्रस्ताव फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से जुड़ा था। प्रस्ताव का मकसद अब्बास को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करने की अनुमति देना था। अमेरिका ने फिलिस्तीनी प्रतिनिधियों को वीजा देने से इनकार कर दिया था जिसके कारण वे व्यक्तिगत रूप से सत्र में शामिल नहीं हो सके। ऐसे में यह प्रस्ताव उनके लिए एक विकल्प था। इजरायल ने इस प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया और अमेरिका ने भी इजरायल का साथ दिया। इसके बावजूद भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर फिलिस्तीन को खुला समर्थन दिया।
महासभा में मतदान का नतीजा
संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने ‘फिलस्तीन राष्ट्र की भागीदारी’ शीर्षक से यह प्रस्ताव पारित किया। कुल 145 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, 5 देशों ने विरोध में वोट दिया और 6 देश मतदान से दूर रहे। इस तरह भारी बहुमत से प्रस्ताव पारित हो गया। भारत भी उन देशों में शामिल था जिन्होंने फिलिस्तीन के पक्ष में मतदान किया। यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत ने ऐसे समय में यह कदम उठाया जब अमेरिका और इजरायल दोनों इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई थी।
अमेरिका और इजरायल की नाराज़गी
अमेरिका ने साफ कर दिया कि वह फिलिस्तीनी प्रतिनिधियों को वीजा नहीं देगा और उनके संयुक्त राष्ट्र सत्र में भाग लेने की संभावना को खारिज कर दिया। इजरायल ने भी इस प्रस्ताव का खुलकर विरोध किया और कहा कि फिलिस्तीन को इस तरह का मंच देना उचित नहीं है। अमेरिका और इजरायल का तर्क था कि फिलिस्तीनी नेतृत्व आतंकवाद (terrorism) को बढ़ावा देता है और उसके साथ सीधे संवाद करना समाधान नहीं है। लेकिन भारत ने इस तर्क के बावजूद अपने रुख को स्पष्ट रखते हुए मतदान में फिलिस्तीन का समर्थन किया।
भारत की संतुलित कूटनीति
भारत की कूटनीति हमेशा से संतुलित रही है। एक ओर भारत इजरायल से रक्षा तकनीक, कृषि और साइबर सुरक्षा में सहयोग करता है तो दूसरी ओर फिलिस्तीन को मानवीय सहायता और राजनीतिक समर्थन देता है। भारत का यह रुख दुनिया को यह संदेश देता है कि वह केवल दोस्ती निभाने के लिए किसी एक पक्ष का साथ नहीं देगा बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति (peace) और न्याय के लिए संतुलित रवैया अपनाएगा। यही कारण है कि भारत की विदेश नीति को आज एक ‘balanced diplomacy’ का उदाहरण माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति ने पिछले एक दशक में भारत की छवि को पूरी तरह बदल दिया है। अब भारत केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं बल्कि एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता (global leader) के रूप में देखा जाता है। इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ संबंध बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण है लेकिन भारत ने यह कर दिखाया है। मोदी की कूटनीति यह साबित करती है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर स्वतंत्र और स्पष्ट रुख अपनाने में सक्षम है।
इजरायल-फिलिस्तीन विवाद में भारत की भूमिका
इजरायल और फिलिस्तीन का विवाद दशकों पुराना है। जहां इजरायल अपनी सुरक्षा और अस्तित्व की बात करता है वहीं फिलिस्तीन अपने अधिकारों और स्वतंत्र राष्ट्र की मांग करता है। इस मुद्दे पर दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई है। भारत इस विवाद में हमेशा ‘two-state solution’ यानी दो अलग-अलग देशों के समाधान का समर्थन करता आया है। भारत का मानना है कि दोनों देशों के बीच शांति तभी कायम हो सकती है जब फिलिस्तीन को उसका अधिकार मिले और इजरायल को उसकी सुरक्षा की गारंटी। यही रुख भारत ने संयुक्त राष्ट्र में मतदान के दौरान भी दिखाया।
1 दिन पहलेNew Delhi: बम धमकी से राजधानी में हड़कंप, स्कूलों में बढ़ाई सुरक्षा, AAP ने केंद्रीय मंत्री से की कार्रवाई की मांग
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दिल्ली में कई स्कूलों और सरकारी इमारतों को बम धमकी मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई। पुलिस और साइबर टीम जांच में जुटी हैं। AAP ने केजरीवाल के माध्यम से केंद्रीय मंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
New Delhi: दिल्ली में कई स्कूलों और सरकारी इमारतों को लगातार बम से उड़ाने की धमकी (threat) मिलने से राजधानी में सुरक्षा की चिंता बढ़ गई है। शनिवार को भी कई स्कूलों को धमकी भरे ईमेल (email) भेजे गए, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस तुरंत सक्रिय हो गए। सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस इन धमकी भरे ईमेल की जांच (investigation) में जुटी हुई है। स्कूलों में अफरा-तफरी का माहौल है और बच्चों के अभिभावक चिंता में हैं।
केजरीवाल ने लगाई लापरवाही की शिकायत
आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की भाजपा सरकार पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा कि दिल्ली के स्कूलों को बार-बार बम धमकी मिल रही है, लेकिन पिछले एक साल में किसी को पकड़ने या कार्रवाई करने में प्रशासन विफल रहा है। केजरीवाल ने कहा कि माता-पिता रोज़ डर में जी रहे हैं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए।
आप ने केंद्रीय मंत्री से की कार्रवाई की मांग
AAP के आधिकारिक पोस्ट में कहा गया कि लगातार ऐसी धमकियों से राजधानी में भय का माहौल बना हुआ है। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और जांच एजेंसियों ने अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं की है। पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और दोषियों को पकड़ने की मांग की है।
अभिभावकों में डर
धमकी मिलने के बाद कई स्कूलों ने सुरक्षा कारणों से पढ़ाई अस्थायी रूप से बंद कर दी है। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में हिचक रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी बढ़ा दी गई है। स्कूल प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर बम निरोधक दस्ते (bomb disposal squad) की मौजूदगी सुनिश्चित की है और परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी है।
प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा
दिल्ली पुलिस ने धमकी भरे ईमेल की गंभीरता को देखते हुए पूरे शहर में निगरानी (surveillance) बढ़ा दी है। पुलिस और साइबर (cyber) टीम ईमेल के स्रोत और संदिग्धों की पहचान कर रही है। स्कूलों, सरकारी इमारतों और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है और किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता बरती जा रही है।
1 दिन पहलेOdisha: 27 सितंबर को पीएम मोदी का ओडिशा दौरा, सेवा पर्व में शामिल होकर करेंगे कई परियोजनाओं का उद्घाटन
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को ओडिशा दौरे पर रांगीलुंडा मैदान में “सेवा पर्व” में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कार्यक्रम और सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की
PM Modi Odisha Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 27 सितंबर को ओडिशा दौरा को यादगार बनाने के लिए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उनकी सरकार पूरी तरह तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने बहरामपुर में आयोजित कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि दौरा पूरी तरह व्यवस्थित और यादगार हो।
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर किसी भी प्रकार की कमी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री गंजाम जिले के रांगीलुंडा मैदान में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय “सेवा पर्व” (Seva Parv) कार्यक्रम में शामिल होंगे और कई प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
सेवा पर्व में शामिल होंगे प्रधानमंत्री
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों और परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें देश के आठ आईआईटी (IITs) के क्षमता विस्तार, कोरापुट-बैगुड़ा और मनाबर-कोरापुट-गोरपुर रेलवे लाइनों का डबलिंग, संबलबपुर-सारला फ्लाईओवर का उद्घाटन, बीएसएनएल (BSNL) द्वारा देशभर में स्वदेशी 4जी नेटवर्क सेवा का शुभारंभ शामिल है।
इसके अलावा एमकेसीजी और वीआईएमएसएआर मेडिकल कॉलेजों को वैश्विक सुपर स्पेशलिटी दर्जा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और अंत्योदय गृह योजना के तहत 50,000 लाभार्थियों को सहायता प्रदान करेंगे। यह दौरा ओडिशा की प्रगति और विकास संभावनाओं को राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हिदायत दी कि यात्रा मार्ग, आगमन-प्रस्थान और सुरक्षा में कोई कमी न हो। उन्होंने कहा कि जनसमूह प्रबंधन, स्वास्थ्य, जल और बिजली सहित सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह तैयार होनी चाहिए। केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय (coordination) उत्कृष्ट स्तर का होना चाहिए। उद्घाटन और परियोजना प्रगति के कार्य समय पर पूर्ण हों ताकि कार्यक्रम जनता के लिए यादगार बने। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट किया कि यह दौरा केवल औपचारिक कार्यक्रम नहीं बल्कि प्रदेश की उपलब्धियों और विकास संभावनाओं को प्रदर्शित करने का अवसर है।
अधिकारियों की प्रस्तुति
बैठक में अधिकारियों ने पीएम दौरे के लिए तैयारियों, सुरक्षा इंतजामों और कार्यक्रम स्थल की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि कोई भी कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनता के लिए कार्यक्रम यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। बैठक में स्टील और खनिज मंत्री विभूति भूषण जेना, मत्स्य और मानव संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मलिक, औद्योगिक कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा मंत्री संपद चंद्र स्वांई, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रकाश मिश्रा, मुख्य सचिव मनोज अहूजा उपस्थित थे।
इसके अलावा विकास आयुक्त अनु गर्ग, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक वाई.बी. खुरानिया, सूचना और जनसंपर्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हेमंत शर्मा और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सस्वता मिश्रा उपस्थित रहे। कार्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार सिंह भी बैठक में शामिल हुए।
दौरे की तैयारी और सार्वजनिक सहभागिता
सरकार ने पीएम दौरे के लिए सभी सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर व्यापक तैयारियां की हैं। अधिकारियों ने कहा कि कार्यक्रम में कोई भी व्यवधान नहीं आए और जनता के लिए यह अनुभव यादगार हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता के स्वागत और कार्यक्रम स्थल पर समन्वयपूर्ण व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। इस दौरे से ओडिशा की विकास योजनाओं और सामाजिक परियोजनाओं का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन होगा।
1 दिन पहलेIND W vs AUS W: महिला वनडे में सबसे तेज शतक के रिकॉर्ड में शामिल हुईं बेथ मूनी, भारत के खिलाफ सिर्फ 57 गेंदों में बनाया मजबूत स्कोर
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ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी ने भारत के खिलाफ तीसरे वनडे में 57 गेंदों में शतक जमाया। 138 रन बनाकर मूनी महिला वनडे की सबसे तेज शतककार बनीं और टीम को मजबूत स्कोर दिलाया।
IND W vs AUS W: ऑस्ट्रेलिया की स्टार महिला बल्लेबाज बेथ मूनी ने भारत के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे में कमाल कर दिया। मूनी ने सिर्फ 57 गेंदों में शतक जमाकर भारतीय गेंदबाजों को चौंका दिया। इस शतकीय पारी के दौरान मूनी ने 23 चौके और एक छक्का जड़ा और 138 रन बनाकर रन आउट हुईं। इस पारी के साथ ही मूनी ऑस्ट्रेलिया और दुनिया की सबसे तेज शतक जमाने वाली महिला बल्लेबाजों में शामिल हो गई हैं।
दुनिया और ऑस्ट्रेलिया की सबसे तेज महिला शतककार में शामिल
बेथ मूनी ने 57 गेंदों में शतक जमाकर कारेन रोल्टन के रिकॉर्ड के बराबरी की, जिन्होंने 2000 में लिंकन में दक्षिण अफ्रीका महिला टीम के खिलाफ 57 गेंदों में शतक लगाया था। वहीं, विश्व में सबसे तेज वनडे शतक का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कप्तान मेग लेनिंग के नाम दर्ज है। मेग लेनिंग ने 2012 में न्यूज़ीलैंड महिला टीम के खिलाफ केवल 45 गेंदों में शतक बनाया था।
भारत के खिलाफ सबसे तेज अर्धशतक
बेथ मूनी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से भारतीय गेंदबाजों को स्तब्ध कर दिया। उन्होंने सिर्फ 31 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और भारत के खिलाफ सबसे तेज अर्धशतक जमाने वाली ऑस्ट्रेलियाई महिला बल्लेबाज बनीं। मूनी ने अपने पहले 50 रन 31 गेंदों में और अगले 50 रन सिर्फ 26 गेंदों में बनाकर शानदार खेल का प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने 17 चौके और एक छक्का लगाया।
पेरी के साथ जबरदस्त साझेदारी
बेथ मूनी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरी और उन्होंने ऐलिस पेरी (68) के साथ तीसरे विकेट के लिए 106 रन की शतकीय साझेदारी की। इस साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को 250 रन के पार पहुँचाया। पेरी के आउट होने के बाद मूनी ने एश्ले गार्डनर (39) के साथ चौथे विकेट के लिए 82 रन जोड़े और टीम को 300 रन के पार पहुँचाया। राधा यादव ने पेरी को रेनुका के हाथों कैच आउट कराकर इस साझेदारी को तोड़ा।
महिला वनडे में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड
बेथ मूनी की इस पारी के बाद महिला वनडे में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड इस प्रकार है:
- 45 गेंद - मेग लेनिंग बनाम न्यूज़ीलैंड, 2012
- 57 गेंद - कारेन रोल्टन बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2000
- 57 गेंद - बेथ मूनी बनाम भारत, 2025
- 59 गेंद - सोफी डिवाइन बनाम आयरलैंड, 2018
- 60 गेंद - चमारी अट्टापट्टू बनाम न्यूज़ीलैंड, 2023
बेथ मूनी की आक्रामक बल्लेबाजी की खासियत
बेथ मूनी की पारी में उनका आक्रामक अंदाज साफ दिखा। उन्होंने छोटे-छोटे शॉट्स और चौकों के जरिए भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बनाया। उनकी शतकीय पारी ऑस्ट्रेलिया के लिए मैच जीतने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुई। मूनी की आक्रामकता और संयम ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाया।
1 दिन पहलेझारखंड के सरायकेला में कुड़मी समाज का रेल टेको आंदोलन, रेल सेवा पूरी तरह बाधित
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झारखंड के सरायकेला में कुड़मी जाति के लोगों ने एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। रेल सेवा बाधित हुई, महिलाएं और बच्चे भी प्रदर्शन में शामिल रहे।
Kudmi Tribe Protest: झारखंड के सरायकेला जिले में कुड़मी जाति के लोगों ने एसटी (Scheduled Tribe) में शामिल करने की मांग को लेकर हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर बड़ा प्रदर्शन किया। सीनी रेलवे स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों ने रेल ट्रैक पर बैठकर अनिश्चितकालीन धरना (indefinite protest) शुरू कर दिया। इस दौरान कई महिलाएं अपने दूध मुहे बच्चों के साथ भी मौजूद रहीं, जो आंदोलन की गंभीरता और सामूहिकता को दर्शाता है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कुड़मी जाति पहले एसटी सूची में शामिल थी, लेकिन कुछ षड्यंत्र के तहत इसे सूची से हटा दिया गया। आंदोलनकारी अपने हक की लड़ाई लगातार जारी रखने का संकल्प लिए हुए हैं और उनकी मांग वर्षों से केंद्र और राज्य सरकार के सामने रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी। पुलिस ने पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू की थी और दावा किया गया था कि किसी भी प्रदर्शनकारी को ट्रैक तक नहीं आने दिया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी रेल मार्ग तक पहुँच गए। इस उग्र आंदोलन के चलते रेल सेवा पूरी तरह बाधित हो गई और हावड़ा-मुंबई मार्ग पर कई ट्रेनें रुक गईं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के उत्साह और जुझारूपन (determination) के सामने पीछे हटना पड़ा।
रेल टेको आंदोलन
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह आंदोलन ‘रेल टेको’ के नाम से शुरू हुआ और अब इसे अनिश्चितकालीन (indefinite) घोषित कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी न केवल रेल रोकने के लिए बल्कि अपने अधिकार (rights) की लड़ाई के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इस धरने में शामिल नवीन महतो ने बताया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है लेकिन वे अब और इंतजार नहीं कर सकते।
महिलाओं और बच्चों की भागीदारी
अभिनव पहल की यह खास बात रही कि धरने में महिलाओं और बच्चों की बड़ी संख्या शामिल थी। कई महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ ट्रैक पर मौजूद रहीं, जिससे आंदोलन की गंभीरता और सामाजिक समर्थन (social support) साफ नजर आया। स्थानीय लोग इसे शांतिपूर्ण संघर्ष (peaceful struggle) बता रहे हैं, लेकिन रेलवे अधिकारियों और पुलिस के लिए यह चुनौतीपूर्ण (challenging) स्थिति बनी हुई है।
प्रशासनिक चुनौती
स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेल मार्ग पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है, जिससे हावड़ा-मुंबई मार्ग पर कई ट्रेनें रुक गई हैं और यात्री परेशान हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होने के बावजूद उनका जुझारूपन और संकल्प (resolve) पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर कर रहा है।
1 दिन पहलेTik Tok: शी जिनपिंग ने टिकटॉक सौदे को दी मंजूरी, ट्रंप ने कहा- अमेरिका में परिचालन रहेगा जारी
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने टिकटॉक सौदे को मंजूरी दे दी है। सौदा जल्द पूरा होगा और अमेरिकी निवेशकों को लाभ मिलेगा। डेटा सुरक्षा पर भी नियंत्रण रहेगा।
Tik Tok: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को टिकटॉक (TikTok) सौदे को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने टिकटॉक सौदे को मंजूरी दे दी है और अब अमेरिका में इस वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म का परिचालन जारी रहेगा। ट्रंप ने बताया कि यह सौदा जल्द ही पूरा होने वाला है और निवेशक इसके लिए तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस सौदे पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर करने होंगे, जो केवल एक प्रक्रिया (formal procedure) भर है।
ओवल ऑफिस में बातचीत
ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अच्छी बातचीत की। उन्होंने बताया कि सौदे की मंजूरी से अमेरिका को फायदा होगा और यह अमेरिकी निवेशकों के लिए भी एक सकारात्मक कदम है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस ऐप पर सख्त नियंत्रण (strict control) रखेगा ताकि डेटा सुरक्षा (data security) सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह सौदा अमेरिकी युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि टिकटॉक एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसे युवा बड़े पैमाने पर पसंद करते हैं।
निवेशकों को फायदा
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह सौदा अमेरिका और अमेरिकी निवेशकों दोनों के लिए लाभकारी (beneficial) होगा। उन्होंने बताया कि अमेरिकी निवेशक आर्थिक रूप से प्रतिष्ठित (reputed) हैं और उन्हें इस सौदे पर पूरा नियंत्रण होगा। ट्रंप ने कहा कि यह सौदा चीन के साथ अच्छे संबंध (good relations) बनाए रखने में भी मदद करेगा और इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संवाद को मजबूत किया जा सकेगा।
चीन और अमेरिका के बीच सहयोग
ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इस सौदे पर बधाई दी और उन्हें एक सज्जन व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि उनके बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं और बातचीत (dialogue) के जरिए ही यह सौदा संभव हुआ। बता दें कि ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच टेलीफोन पर चर्चा हुई थी, जिसमें टिकटॉक सहित विभिन्न आर्थिक और तकनीकी मुद्दों पर बातचीत हुई।