5 घंटा पहलेपीओके में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, Gen Z की अगुवाई में सड़कों पर विरोध तेज
![]()
पीओके में छात्रों ने बढ़ी फीस, रिजल्ट विवाद और सुविधाओं की कमी के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन शुरू किया। मुजफ्फराबाद विश्वविद्यालय से शुरू हुआ आंदोलन गोली चलने की घटना के बाद हिंसक हो गया। छात्रों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
POK: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हाल के दिनों में युवाओं का गुस्सा सड़कों पर दिखाई दे रहा है। खासकर Gen Z यानी नई पीढ़ी के छात्र और युवा अब खुलकर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और सेना की नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। विरोध की शुरुआत मुजफ्फराबाद के विश्वविद्यालय से हुई थी, लेकिन अब यह आंदोलन पूरे क्षेत्र में फैलता दिख रहा है। युवाओं का आरोप है कि सरकार ने शिक्षा, विकास और रोजमर्रा की जरूरतों की अनदेखी की है और जनता पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है।
पीओके में छात्र आंदोलन तेज
यह विरोध पहले शांतिपूर्ण प्रदर्शन के रूप में शुरू हुआ था। छात्र विश्वविद्यालय में बढ़ाई गई फीस, छात्रावास और बुनियादी सुविधाओं की कमी के खिलाफ खड़े हुए। छात्रों का कहना है कि वे पहले से आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और सरकार शैक्षणिक संस्थानों को सुधारने के बजाय उन्हें बोझ बना रही है। छात्रों ने कहा कि सरकार पीओके के युवाओं को नजरअंदाज कर रही है, जबकि नेताओं के ऊपर करोड़ों खर्च किए जाते हैं।
फीस और सुविधाओं को लेकर असंतोष
मुजफ्फराबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कई छात्रों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में फीस में बड़ा इजाफा किया गया है। साथ ही, लैब्स, इंटरनेट, हॉस्टल, ट्रांसपोर्ट और लाइब्रेरी जैसी बुनियादी सुविधाएं बेहद खराब स्थिति में हैं। छात्रों के अनुसार, पढ़ाई के वातावरण में सुधार की बजाय प्रशासन कम पैसे वाली सुविधाओं को भी काट रहा है, जिससे छात्र नाराज हैं।
गोली चलने के बाद विरोध में उबाल
शुरू में प्रदर्शन शांत था, लेकिन जैसे ही अज्ञात लोगों द्वारा फायरिंग हुई, माहौल बिगड़ गया। बताया जा रहा है कि गोली लगने से एक छात्र घायल हुआ। इसके बाद छात्रों में गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने टायर जलाए, इमारतों को नुकसान पहुंचाया और जगह-जगह आगजनी की। यह विरोध अब सिर्फ विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन के रूप में फैल गया।
सोशल मीडिया पर विरोध की आग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स X (Twitter), TikTok और Facebook पर इस आंदोलन के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। वीडियो से साफ है कि युवा केवल फीस के खिलाफ नहीं, बल्कि पाकिस्तान सरकार और सेना के दखल के खिलाफ भी खड़े हो गए हैं। कई पोस्ट्स में ये दावा भी किया जा रहा है कि यह आंदोलन अब सिर्फ शिक्षा मुहिम नहीं, बल्कि आज़ादी की मांग जैसा स्वर ले रहा है।
5 घंटा पहलेIndonesia: जुमे की नमाज के समय जकार्ता मस्जिद में धमाका, छात्र और शिक्षक समेत 50 लोग घायल
![]()
जकार्ता की केलापा गेडिंग इलाके में मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान जोरदार धमाका हुआ। 50 लोग घायल हुए, जिनमें छात्र और शिक्षक शामिल हैं। पुलिस और नेवी ने राहत कार्य शुरू किया और मामले की जांच जारी है।
Indonesia: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार दोपहर एक जोरदार धमाका हुआ, जो शहर के केलापा गेडिंग इलाके में स्थित स्टेट सीनियर हाई स्कूल 72 (SMA नेगेरी 72) की मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान हुआ। धमाके के समय मस्जिद में बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षक मौजूद थे। रिपोर्ट्स के अनुसार इस धमाके में कम से कम 50 लोग घायल हुए, जिनमें 15 छात्र और 5 शिक्षक शामिल हैं। घायल सभी को पास के केलापा गेडिंग क्लिनिक में भर्ती कराया गया और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
कब हुआ धमाका
धमाका दोपहर करीब 12:30 बजे हुआ। गवाहों ने बताया कि मस्जिद के मुख्य हॉल के पीछे से अचानक तेज आवाज आई और धुआं फैल गया। नमाजी इधर-उधर भागने लगे। गणित के शिक्षक बुदि लकसोनो ने कहा कि खुत्बा शुरू ही हुआ था कि अचानक जोर का धमाका हुआ, कमरे में धुआं भर गया, बच्चे रोते-चीखते बाहर भागे और कुछ गिर पड़े। घायल अधिकांश लोगों को कांच के टुकड़ों से चोटें आईं और कुछ को धमाके की आवाज़ से कानों में असर हुआ।
पुलिस की तुरंत प्रतिक्रिया
धमाके के तुरंत बाद नेवी के जवान और जकार्ता पुलिस मौके पर तैनात हो गए। नेवी और पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया और राहत कार्य शुरू किया। बॉम्ब स्क्वायड ने मस्जिद और आसपास की पूरी तलाशी ली। प्रारंभिक जांच में धमाके की वजह स्पष्ट नहीं हुई है। अधिकारियों का कहना है कि यह बिजली के शॉर्ट सर्किट या कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खराब होने से हो सकता है। हालांकि, मौके से कुछ संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं, जिनमें घर में बने बम के पार्ट्स, रिमोट कंट्रोल, एयरसॉफ्ट गन और रिवॉल्वर टाइप हथियार शामिल हैं।
घायलों का इलाज जारी
धमाके में घायल हुए लोगों को तुरंत पास के क्लिनिक में ले जाया गया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद अधिकांश घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल को बंद कर दिया गया है और पूरे इलाके में पुलिस ने सख्त पहरा लगा दिया है। अधिकारियों ने कहा कि किसी तरह का जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालना अभी संभव नहीं है।
घटना की फॉरेंसिक जांच प्रक्रिया
पुलिस और फॉरेंसिक टीमों ने धमाके के कारणों का पता लगाने के लिए पूरी जांच शुरू कर दी है। बॉम्ब डिस्पोजल एक्सपर्ट्स मौके पर पहुंचकर सभी संदिग्ध वस्तुओं की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रिपोर्ट जारी की जाएगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस और सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें।
10 घंटा पहलेवंदे मातरम के 150 साल पूरे, पीएम मोदी ने की राष्ट्रीय स्मरणोत्सव की शुरुआत
![]()
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्मरणोत्सव की शुरुआत की। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने सामूहिक गायन में हिस्सा लिया और स्मारक सिक्का तथा डाक टिकट जारी किए। यह उत्सव पूरे वर्ष मनाया जाएगा।
New Delhi: राष्ट्रगीत वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर स्मरणोत्सव की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया, जहां वंदे मातरम के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण अवसर की याद में एक स्मारक डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। भारत सरकार ने इस वर्षगांठ को देशभर में एक वर्ष तक मनाने का निर्णय लिया है।
पीएम मोदी का संबोधन
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंदे मातरम सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि एक मंत्र, ऊर्जा और संकल्प का स्वर है। उन्होंने कहा कि ये शब्द मां भारती की साधना और आराधना का प्रतीक है। प्रधानमंत्री के अनुसार, वंदे मातरम हमें इतिहास की याद दिलाता है, वर्तमान में आत्मविश्वास देता है और भविष्य के लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने का साहस प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वंदे मातरम ने पूरे देश में एकता और स्वाभिमान की भावना को मजबूत किया।
राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव की शुरुआत
सरकार द्वारा घोषित यह स्मरणोत्सव 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक चलेगा। इसके तहत देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर वंदे मातरम के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन किया जाएगा। स्कूलों, कॉलेजों और सांस्कृतिक संस्थानों में भी इससे जुड़े विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम से संबंधित सामग्री और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
वंदे मातरम की रचना का इतिहास
वंदे मातरम की रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के अवसर पर की थी। यह रचना पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ के हिस्से के रूप में प्रकाशित हुई थी। इस रचना में मातृभूमि को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का स्वरूप बताया गया है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यह गीत भारतीयों की राष्ट्रभक्ति और आत्मसम्मान का प्रतीक बन गया। जुलूसों और आंदोलनों के दौरान स्वतंत्रता सेनानी वंदे मातरम का जयघोष करते थे।
स्वतंत्रता आंदोलन में वंदे मातरम की भूमिका
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वंदे मातरम ने समाज के सभी वर्गों में एकजुटता और संघर्ष की भावना को सशक्त किया। छात्र, किसान, बुद्धिजीवी और क्रांतिकारी संगठन सभी ने इसे आंदोलन का स्वर बनाया। अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठाने वाले अनेक आंदोलनों में यह गीत साहस और प्रेरणा का स्रोत रहा। यह गीत देश को यह विश्वास दिलाता था कि मातृभूमि के सम्मान के लिए कोई भी बलिदान छोटा नहीं है।
राष्ट्रगीत के रूप में मान्यता
स्वतंत्र भारत के गठन के बाद संविधान सभा में विचार-विमर्श के दौरान वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया गया। यह निर्णय इसकी ऐतिहासिक भूमिका और जनता में इसकी भावनात्मक स्वीकृति को ध्यान में रखते हुए लिया गया। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों को भारत की पहचान और सांस्कृतिक एकता के प्रमुख प्रतीकों के रूप में मान्यता दी गई।
वर्तमान पीढ़ी के लिए वंदे मातरम
आज जब देश तेजी से विकास और परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, वंदे मातरम की भावना नई पीढ़ी को यह समझाने में महत्वपूर्ण है कि राष्ट्र की प्रगति में हर नागरिक की भूमिका है। यह गीत देश के प्रति समर्पण, जिम्मेदारी और गौरव को मजबूत करता है। स्मरणोत्सव का उद्देश्य भी यही है कि यह भावना केवल इतिहास तक सीमित न रहे, बल्कि आज और आने वाले समय के भारत के निर्माण में सक्रिय रूप से प्रकट हो।
1 दिन पहलेबिहार में पहले फेज की वोटिंग ने तोड़ा रिकॉर्ड, शाम 5 बजे तक 60.13 फीसदी मतदान
![]()
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले फेज में शाम 5 बजे तक 60.13% मतदान हुआ। बेगूसराय में सबसे अधिक 67.32%, गोपालगंज 64.96% और मुजफ्फरपुर 64.63% मतदान दर्ज किया गया, मतदान में जनता की सक्रिय भागीदारी दिखी।
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज में गुरुवार 6 नवंबर को प्रदेश की 121 सीटों पर मतदान जारी रहा। इस बार शाम 5 बजे तक ही पिछले चुनावों का रिकॉर्ड टूट गया है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, शाम 5 बजे तक राज्य में कुल 60.13 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। पिछली बार 2020 में इन 121 सीटों पर कुल 55.81 फीसदी वोटिंग हुई थी।
बीते चुनावों की तुलना में बढ़ा मतदान प्रतिशत
2020 के चुनाव में पूरे राज्य की 243 सीटों पर 58.7 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। वहीं, साल 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल मतदान 56.9 फीसदी था। इस बार पहले फेज के चुनाव में 18 जिलों में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विशेष रूप से बेगूसराय में सबसे अधिक 67.32 फीसदी मतदान हुआ। खगड़िया में 60.65 फीसदी, गोपालगंज में 64.96 फीसदी और दरभंगा में 58.38 फीसदी वोटिंग हुई।
अन्य जिलों में मतदान का आंकड़ा
नालंदा में 57.58 फीसदी, पटना में 55.02, भोजपुर में 53.24, बक्सर में 55.10, मधेपुरा में 65.74, मुंगेर में 54.90, मुजफ्फरपुर में 64.63, लखीसराय में 62.76, वैशाली में 59.45, शेखपुरा में 52.36, समस्तीपुर में 66.65, सहरसा में 62.65 और सारण में 60.90 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
दोपहर 3 बजे तक के आंकड़े
दोपहर 3 बजे तक बेगूसराय में 59.82 फीसदी, भोजपुर में 50.07, बक्सर में 51.69, दरभंगा में 51.75, गोपालगंज में 58.17, खगड़िया में 54.77, लखीसराय में 57.39, मधेपुरा में 55.96, मुंगेर में 52.17, मुजफ्फरपुर में 58.40, नालंदा में 52.32, पटना में 48.69, सहरसा में 55.22, समस्तीपुर में 56.35, सारण में 54.60, शेखपुरा में 49.37, सीवान में 50.93 और वैशाली में 53.63 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
1 दिन पहलेअवैध सट्टेबाजी ऐप केस: ED का बड़ा एक्शन, सुरेश रैना और शिखर धवन की 11 करोड़ की संपत्ति जब्त
![]()
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन और सुरेश रैना के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी 11.14 करोड़ रुपए की संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: क्रिकेट जगत में एक बार फिर से अवैध सट्टेबाजी विवाद उभर कर सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 11.14 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कदम मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत उठाया गया है और इसे 1xBet ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े मामलों में किया गया है।
ED की कार्रवाई और संपत्ति जब्ती
जांच में ED को पता चला कि रैना और धवन ने विदेशी कंपनियों के साथ अनुबंध कर 1xBet नामक सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म का प्रचार किया और इसके जरिए अवैध संपत्ति अर्जित की। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में धवन की 4.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और रैना के 6.64 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड को अस्थायी रूप से जब्त किया गया है।
ED का दावा है कि दोनों पूर्व क्रिकेटरों ने "जानबूझकर" विदेशी संस्थाओं के साथ समझौते किए और 1xBet के प्रचार में सहयोग किया। जांच एजेंसी का कहना है कि यह कदम अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।
`
1xBet क्या है?
1xBet एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसका मुख्यालय कराकाओ में पंजीकृत है। पोर्टल के अनुसार, यह सट्टेबाजी उद्योग में 18 वर्षों का अनुभव रखने वाला एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म है। ED ने इस कंपनी के अवैध संचालन और भारत में प्रचार से जुड़े मामलों की जांच शुरू की थी। जांच में यह भी सामने आया कि 1xBet ने भारतीय खिलाड़ियों और सेलेब्रिटी के माध्यम से अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश की। इस मामले में केवल रैना और धवन ही नहीं, बल्कि अन्य सेलेब्रिटी और पूर्व क्रिकेटर भी जांच के दायरे में हैं।
ED ने इस मामले में युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा से भी पूछताछ की है। इसके अलावा बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती और बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा से भी सट्टेबाजी प्रोजेक्ट में उनके सहयोग के संबंध में सवाल किए गए हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि ये सभी हस्तियां अपने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से 1xBet के प्रचार में शामिल थीं। ED ने बताया कि यह कदम सट्टेबाजी और अवैध आर्थिक लेनदेन को रोकने के लिए उठाया गया है।
ED ने बयान जारी करते हुए कहा, सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग भारत में गैरकानूनी हैं। किसी भी व्यक्ति, चाहे वह पूर्व क्रिकेटर या कोई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति हो, अगर इसमें लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
1 दिन पहलेरिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को ED का नोटिस, 14 नवंबर को पेशी का दिया आदेश
![]()
SBI लोन फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल अंबानी को ED ने 14 नवंबर को पेश होने का नोटिस भेजा। जांच में Reliance Power की फर्जी बैंक गारंटी और BTPL कंपनी के संदिग्ध लेनदेन शामिल हैं।
New Delhi: बैंक लोन फर्जीवाड़ा मामले में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने अनिल अंबानी को 14 नवंबर को एजेंसी के सामने पेश होने का नोटिस भेजा है। इस पूछताछ में एसबीआई बैंक लोन फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच की जाएगी। इससे पहले ईडी ने 5 अगस्त को भी अनिल अंबानी से लंबी पूछताछ की थी, जिसमें समूह की कई कंपनियों के वित्तीय लेनदेन और कथित धन शोधन गतिविधियों से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी।
रिलायंस पावर से जुड़े फर्जी बैंक गारंटी रैकेट की जांच
ईडी ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर (Reliance Power) से जुड़े फर्जी बैंक गारंटी रैकेट की जांच तेज कर दी है। जांच में पता चला कि कंपनी ने सरकारी प्रोजेक्ट SECI (Solar Energy Corporation of India) के लिए टेंडर भरा था, जिसमें बैंक गारंटी देना अनिवार्य था। इसके लिए रिलायंस पावर ने ओडिशा की Biswal Tradelink Pvt Ltd (BTPL) नाम की कंपनी को यह काम सौंपा।
नकली बैंक गारंटी और भुगतान का मामला
जांच में पाया गया कि BTPL द्वारा दी गई बैंक गारंटी नकली थी। रिलायंस पावर ने इसके बदले BTPL को लगभग 5.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया। फर्जीवाड़े में शामिल लोगों ने SBI की असली वेबसाइट (sbi.co.in) की नकल करते हुए s-bi.co.in नाम से नकली डोमेन बनाया और फर्जी ईमेल भेजे, ताकि ऐसा लगे कि बैंक गारंटी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने जारी की है।
BTPL के मैनेजिंग डायरेक्टर की गिरफ्तारी
ईडी ने BTPL के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में यह भी सामने आया कि BTPL सिर्फ कागजों पर मौजूद कंपनी है। इसका कोई असली कार्यालय नहीं मिला और न ही दस्तावेज सत्यापित हैं। कंपनी के कई गुप्त बैंक खातों में करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन पाए गए। रैकेट से जुड़े लोग Telegram ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे ताकि संदेश और सबूत गायब हो जाएं।
ईडी के सामने मुख्य सवाल
ईडी इस मामले में कई अहम सवालों की जांच कर रही है। पहला सवाल यह है कि 5.4 करोड़ रुपये का भुगतान BTPL को किसने और क्यों मंजूर किया। दूसरा सवाल है कि क्या अनिल अंबानी को इस फर्जीवाड़े की जानकारी थी। इसके अलावा, यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि फर्जी बैंक गारंटी से किसे लाभ हुआ और पैसे का ट्रांसफर किन चैनलों और लोगों के जरिए किया गया।
68.2 करोड़ रुपये की फर्जी गारंटी का खुलासा
जांच में यह भी सामने आया कि Reliance NU BESS Limited और Maharashtra Energy Generation Ltd, जो अनिल अंबानी समूह की कंपनियां हैं, ने SECI को 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी जमा करवाई थी। इस मामले के बाद ईडी ने रिलायंस ग्रुप के पुराने वित्तीय फ्रॉड मामलों की भी दोबारा जांच शुरू कर दी है।
Reliance Communications Ltd (RCom) पर ₹14,000 करोड़ के लोन फ्रॉड का आरोप है। इसके अलावा Canara Bank से 1,050 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस भी दर्ज है। सरकार ने संसद में बताया था कि SBI ने RCom को 'फ्रॉड अकाउंट' घोषित किया है और CBI को शिकायत भेजने की तैयारी हो रही है।
1 दिन पहलेBihar Voting Update: कहाँ सबसे ज्यादा वोटिंग? सुबह 9 बजे तक के मतदान आंकड़े जारी
![]()
बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान जारी है। सुबह 9 बजे तक औसत मतदान 13.13% रहा। बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में अधिक वोटिंग, जबकि पटना में turnout कम दर्ज किया गया।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार सुबह शुरू हो गया है। सुबह 9 बजे तक कुल औसत मतदान 13.13 प्रतिशत दर्ज किया गया। इस चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। पहली बार राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है ताकि किसी भी स्थिति पर नियंत्रण कक्ष से तुरंत निगरानी की जा सके।
कहां हुए सबसे अधिक मतदान
सुबह के पहले दो घंटों में बेगूसराय और मुजफ्फरपुर ने मतदान प्रतिशत के मामले में बढ़त दिखाई। बेगूसराय में 14.60 प्रतिशत और मुजफ्फरपुर में 14.38 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ। वहीं सहरसा में 15.27 प्रतिशत, वैशाली में 14.30 प्रतिशत और खगड़िया में 14.15 प्रतिशत वोटिंग हुई। इन जिलों में ग्रामीण क्षेत्र अधिक होने के कारण लोग सुबह के समय ही मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं।
इसके विपरीत राजधानी पटना में सुबह 9 बजे तक सिर्फ 11.22 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, जिसे अब तक का सबसे कम प्रतिशत माना गया। प्रशासन ने मतदान बढ़ाने के लिए जागरूकता संदेश, घोषणाएं और सोशल मीडिया अपील जारी की है।
प्रत्याशी और सीटों की स्थिति
पहले चरण में होने वाले मतदान में कुल 121 सीटें शामिल हैं, जिनमें 102 सामान्य सीटें हैं और 19 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इस चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और 1314 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा।
इस चरण में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सहित सरकार के कई मंत्री इसी चरण में मैदान में हैं। दूसरी ओर महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के क्षेत्र राघोपुर में भी मतदान आज ही हो रहा है।
मतदान का समय
संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का समय एक घंटे कम कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में मतदान सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक संपन्न होगा। अन्य सभी क्षेत्रों में मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित है।
सुरक्षा के लिए कुल साढ़े चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें केंद्रीय सुरक्षा बलों की 1500 कंपनियां, बिहार पुलिस, बीएसएपी, होमगार्ड, प्रशिक्षु सिपाही और चौकीदार शामिल हैं। नेपाल सीमा और उत्तर प्रदेश से सटी सीमाओं पर विशेष चौकसी बढ़ा दी गई है।
मतदान केंद्रों की व्यवस्था
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मतदाता या आम जनता किसी भी गड़बड़ी की शिकायत नियंत्रण कक्ष में दर्ज करा सकते हैं। मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन बाहर रखने के लिए विशेष किट उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि मतदान कक्ष में अनुशासन बना रहे।
कई मतदान केंद्र ऐसे भी हैं जहां संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं और दिव्यांगजन के हाथों में है। 926 मतदान केंद्रों का संचालन महिला स्टाफ और 107 मतदान केंद्रों का संचालन दिव्यांग कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। इन केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र (Model Polling Station) की श्रेणी में रखा गया है, ताकि मतदान का अनुभव सहज और सम्मानजनक रहे।
कौन-कौन से जिले पहले चरण में शामिल
पहले चरण में जिन जिलों में वोटिंग हो रही है उनमें मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर शामिल हैं। इन जिलों में मतदान केंद्रों की संख्या, भूगोल और सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग उपाय लागू किए गए हैं।
1 दिन पहलेPhilippines: कालमेगी के तांडव से दहला फिलीपींस, अब तक 241 लोगों की मौत, राष्ट्रपति ने आपातकाल किया घोषित
![]()
फिलीपींस में तूफान कालमेगी ने भारी तबाही मचाई है। तेज हवाओं और बारिश के चलते 241 लोगों की मौत हुई और हजारों लोग बेघर हो गए। सरकार ने आपातकाल घोषित किया है और राहत एवं बचाव कार्य तेज गति से जारी हैं।
Philippines: फिलीपींस इस समय एक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है, जहाँ तूफान कालमेगी (Typhoon Kalmegi) ने भारी तबाही मचाई है। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के कारण कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। अब तक 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। सरकारी एजेंसियाँ लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। यह तूफान इस वर्ष फिलीपींस में आया सबसे घातक प्राकृतिक संकट माना जा रहा है। तूफान की तीव्रता और उसके द्वारा छोड़े गए व्यापक विनाश ने पूरे देश में चिंता और भय का माहौल पैदा कर दिया है।
भारी बारिश का व्यापक प्रभाव
तूफान कालमेगी के दौरान हवा की रफ्तार लगभग 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक दर्ज की गई। इस भीषण शक्ति ने कई घरों की छतें उड़ा दीं, सड़कों पर लगे बिजली के खंभों को गिरा दिया और पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया। कई घर पूरी तरह नष्ट हो गए, तो कुछ घर इस तरह क्षतिग्रस्त हुए कि अब उनमें रहना संभव नहीं है।
मूसलाधार बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपना सामान छोड़ने को मजबूर हुए। तूफान के बाद जब बाढ़ का पानी कम हुआ, तब विनाश का असली दृश्य सामने आया जिसने लोगों को हिला कर रख दिया।
राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की घोषणा
हालात की गंभीरता को देखते हुए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने गुरुवार को पूरे देश में आपातकाल घोषित कर दिया। उन्होंने प्रशासनिक और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे राहत कार्यों में तेजी लाएँ और प्रभावित क्षेत्रों तक सहायता पहुंचाना अपनी प्राथमिकता बनाएं।
स्थानीय प्रशासन, सेना, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने, भोजन, पानी और दवाइयों की आपूर्ति करने में जुटी हुई हैं। इस समय सबसे बड़ी चुनौती बड़ी संख्या में विस्थापित लोगों के लिए राहत शिविर और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है।
सेबू प्रांत में सबसे अधिक नुकसान
फिलीपींस के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक सेबू प्रांत है जहाँ तूफान के बाद का दृश्य बेहद भयावह है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद सड़कों पर मलबा, टूटे हुए घरों के हिस्से, पलटी गाड़ियाँ और उखड़े पेड़ दिखाई दे रहे हैं। कई परिवार अपने घरों की ओर लौटे तो उन्हें केवल ढांचे के अवशेष या मिट्टी में धंसे सामान ही मिले।
कई जगहों पर बिजली और जल आपूर्ति की लाइनें भी कट चुकी हैं, जिसके कारण सामान्य जीवन बहाल होने में समय लगेगा। प्रभावित लोग अब अपनी बची हुई चीज़ों को समेटने और अपने घरों को साफ करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह कार्य आसान नहीं है क्योंकि हर जगह कीचड़ और टूट-फूट का ढेर जमा है।
मलबा हटाना राहत कार्य की सबसे बड़ी चुनौती
फिलीपींस आपदा प्रबंधन एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी रैफी एलेजांद्रो के अनुसार, वर्तमान समय में मलबा हटाना राहत और बचाव कार्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है। मलबा हटाना इसलिए जरूरी है ताकि राहत सामग्री और बचाव वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से हो सके। कुछ लोग अब भी लापता हैं और उनकी खोज में समय लग सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि जब तक सड़कें साफ नहीं होंगी, तब तक चिकित्सा सहायता, भोजन और पानी प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाना कठिन रहेगा। इसलिए मलबा हटाने के लिए अतिरिक्त मशीनरी और संसाधन लगाए जा रहे हैं।
वियतनाम में अलर्ट जारी, बाढ़ का खतरा बढ़ा
तूफान कालमेगी फिलीपींस से होकर वियतनाम की ओर बढ़ गया है, जहाँ मौसम विभाग ने भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी कर दी है। विशेष रूप से जिया लाई प्रांत में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यहाँ निचले इलाके पानी में डूब सकते हैं, जिससे कृषि गतिविधियाँ प्रभावित होंगी।
संभावित तूफान का खतरा
जब फिलीपींस अभी कालमेगी की तबाही से उबर भी नहीं पाया है, उसी बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मिंडानाओ के पूर्व में समुद्री क्षेत्र में एक नया तूफान बनने की संभावना है। यदि यह मौसम प्रणाली पूरी तरह विकसित हुई तो अगले सप्ताह देश पर इसका प्रभाव हो सकता है। यह खबर फिलहाल राहत कार्यों में लगी टीमों के लिए अतिरिक्त दबाव पैदा कर रही है क्योंकि उन्हें आशंका है कि हालात और बिगड़ सकते हैं। फिलीपींस पहले ही इस वर्ष 20 से अधिक तूफानों का सामना कर चुका है, जिससे देश की स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है।
वियतनाम में तूफान के पहुंचने से पहले, आठ प्रमुख हवाई अड्डों के संचालन पर प्रभाव पड़ सकता है। इनमें दा नांग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी शामिल है, जहाँ उड़ान सेवाओं को रद्द या स्थगित करने की तैयारी की जा रही है।
1 दिन पहलेBihar Election 2025: पहले चरण में मतदान जारी, पीएम मोदी ने की जनता से भागीदारी की अपील
![]()
बिहार चुनाव के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं से सक्रिय रूप से वोट डालने की अपील की। उन्होंने “पहले मतदान, फिर जलपान” संदेश देते हुए युवाओं और महिलाओं से लोकतांत्रिक जिम्मेदारी निभाने को कहा।
Bihar Election 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में चल रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण को लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए मतदाताओं से पूरे उत्साह के साथ मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का वोट न केवल राज्य के लिए बल्कि देश के भविष्य के लिए भी अत्यंत मूल्यवान है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं को सक्रिय रूप से मतदान केंद्र तक पहुँचने का आग्रह किया। उनके अनुसार, लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब जनता स्वयं भागीदारी दिखाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर मतदान को लेकर संदेश दिया। इसमें उन्होंने लिखा कि “पहले मतदान, फिर जलपान।” इस संदेश के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव का दिन किसी भी व्यक्ति के लिए सिर्फ छुट्टी जैसा दिन नहीं होना चाहिए, बल्कि यह वह दिन है जब नागरिक अपना दायित्व निभाते हैं।
लोकतांत्रिक भागीदारी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में यह भी कहा कि लोकतंत्र केवल संविधान या कानूनों से ही नहीं, जनता की सहभागिता से जीवित रहता है। उन्होंने मतदाताओं से अनावश्यक कार्यों को पीछे छोड़ मतदान को प्राथमिकता देने की अपील की।
युवा मतदाताओं के लिए विशेष संदेश
बिहार में इस चुनाव में बड़ी संख्या में युवा अपना पहला वोट डालने जा रहे हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 10.72 लाख नए मतदाता इस बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के 7.78 लाख युवा मतदाता शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने इन युवा मतदाताओं का विशेष उल्लेख किया और कहा:
“राज्य के मेरे सभी युवा साथियों को मेरी विशेष बधाई जो पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। याद रखें - पहले मतदान, फिर जलपान।”
युवा मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनने से यह महसूस होता है कि देश के विकास की जिम्मेदारी उनके हाथों में भी है।
पहले चरण के मतदान का दायरा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 18 जिलों के 121 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है।
मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चलेगा। हालांकि सुरक्षा कारणों से कुछ केंद्रों पर मतदान का समय शाम 5 बजे तक सीमित रखा गया है।
इस चरण में कुल 3.75 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, इन निर्वाचन क्षेत्रों की कुल जनसंख्या लगभग 6.60 करोड़ है।
पहले चरण में कई महत्वपूर्ण नेताओं का भविष्य मतपेटी में बंद होगा। इनमें शामिल हैं:
- राजद (RJD) के तेजस्वी प्रसाद यादव
- भाजपा (BJP) नेता सम्राट चौधरी
- भाजपा नेता मंगल पांडे
- जदयू नेता श्रवण कुमार
- जदयू नेता विजय कुमार चौधरी
- बाहुबली नेता अनंत सिंह
- राजद नेता तेज प्रताप यादव
पहले चरण का नतीजा राज्य की राजनीतिक दिशा पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
1 दिन पहलेBihar Election 2025: आज जनता की बारी, 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान शुरू
![]()
बिहार में आज लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो गया है। राज्य विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान सुबह सात बजे से जारी है। इस चरण में 18 जिलों की कुल 121 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। मतदाता बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपने प्रतिनिधियों का चयन कर रहे हैं।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू हो गया है। इस चरण में 18 जिलों की कुल 121 विधानसभा सीटों पर सुबह सात बजे से वोटिंग जारी है। पहले चरण में 1314 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें 1192 पुरुष और 122 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 102 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 19 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 1 करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, 1 करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिलाएं और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।
अब सबकी नजर इस बात पर है कि पिछली बार की तुलना में मतदान प्रतिशत कितना बढ़ता है और 121 सीटों में से 22 सीटों पर पिछली बार हुए मतदान प्रतिशत के साथ-साथ इस बार कौन-कौन नए चेहरे मैदान में हैं और कौन दिग्गज नेता दोबारा चुनावी मैदान में उतरे हैं।
पहले चरण का बड़ा दंगल
पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 1,192 पुरुष, 122 महिलाएं और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। इनमें कई नए चेहरे हैं जो पहली बार चुनावी रण में किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं कुछ दिग्गज नेता एक बार फिर जनता के बीच अपनी लोकप्रियता का परीक्षण कर रहे हैं। इन 121 सीटों में से 102 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 19 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चरण में 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 1 करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, 1 करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिलाएं, और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।
18 जिलों में चुनावी हलचल
पहले चरण के मतदान वाले जिलों में गया, औरंगाबाद, नवादा, जमुई, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, पटना, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, बांका, मुंगेर, भागलपुर और खगड़िया जैसे जिले शामिल हैं। इन जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ स्थानीय प्रशासन ने संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी है।
इस चरण में कई चर्चित चेहरे मैदान में हैं। गया टाउन, नालंदा, जहानाबाद, बक्सर और पटना साहिब ग्रामीण जैसी सीटों पर मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। कुछ सीटों पर युवा उम्मीदवार पहली बार अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रहे हैं, जबकि कुछ पुराने खिलाड़ी फिर से जनता का भरोसा जीतने की कोशिश में हैं। एनडीए, इंडिया गठबंधन, और अन्य क्षेत्रीय दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।
पिछले चुनाव की झलक
पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में पहले चरण की 121 सीटों पर औसतन 55.68% मतदान दर्ज किया गया था। इनमें से 22 सीटों पर 60% से अधिक वोटिंग हुई थी। इस बार आयोग को उम्मीद है कि मतदाता उत्साहपूर्वक भाग लेंगे और मतदान प्रतिशत में वृद्धि होगी। ग्रामीण इलाकों में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में दोपहर तक भीड़ बढ़ने की संभावना है।
राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार 18 से 29 वर्ष के मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। महिला मतदाता भी बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रही हैं। आयोग ने दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, ताकि वे आसानी से मतदान कर सकें।










