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1 घंटा पहले

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर, रामबन में बादल फटने से तबाही, तीन की मौत

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर, रामबन में बादल फटने से तबाही, तीन की मौत

जम्मू-कश्मीर एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। रामबन जिले में रविवार तड़के बादल फटने और मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। धरमकुंड क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां लगभग 40 घरों को क्षति पहुंची है।

Ramban Landslide: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर मौसम का कहर देखने को मिला है। भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने कई जिलों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई जगहों पर नालों के उफान से गांवों में पानी भर गया, जबकि कुछ इलाकों में भूस्खलन की वजह से सड़कें बंद हो गईं। सबसे ज्यादा असर रामबन जिले में देखने को मिला, जहाँ रातभर हुई तेज हवाओं और ओलावृष्टि के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुए। नेशनल हाईवे भी मलबा आने की वजह से अवरुद्ध हो गया है। इसी दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई परिवारों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।

धरमकुंड में कहर का मंजर

रविवार की सुबह रामबन जिले के धरमकुंड इलाके में अचानक नाले का जलस्तर बढ़ गया और पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया। कुछ ही मिनटों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे गांव के लगभग 90 से 100 लोग फंस गए। प्रशासन और स्थानीय पुलिस की तत्परता से सभी लोगों को समय रहते बचा लिया गया। हालांकि 10 घर पूरी तरह से तबाह हो गए और 25 से 30 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

एनएच-44 पर भूस्खलन, यातायात ठप

भारी बारिश के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर नाशरी से बनिहाल तक लगभग एक दर्जन जगहों पर भूस्खलन हुआ है। सड़कों पर गिरे मलबे और पत्थरों के कारण दोनों ओर से यातायात को रोक दिया गया है। यातायात विभाग ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे मौसम साफ होने और मार्ग पूरी तरह से साफ हो जाने तक यात्रा स्थगित रखें।

कुलगाम में पुलिस की सतर्कता से बची कई जानें

रामबन के अलावा, कुलगाम जिले के गुलाब बाग और काज़ीगुंड क्षेत्र में भी भारी बारिश ने तबाही मचाई। यहां के कई घरों में पानी भर गया, जिससे चार परिवार फंस गए थे। SHO के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस ने न सिर्फ समय पर रेस्क्यू किया बल्कि पानी की दिशा बदलकर आगे की क्षति को टालने में सफलता पाई। लगभग 4 से 5 घरों को सुरक्षित किया गया, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई।

सांसद और प्रशासन की प्रतिक्रिया

रामबन से सांसद ने जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और बताया कि वे लगातार डिप्टी कमिश्नर बसीर-उल-हक चौधरी के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जा रही है, चाहे वह आर्थिक हो या राहत सामग्री। जरूरत पड़ने पर सांसद निधि से भी मदद दी जाएगी। साथ ही जनता से अपील की गई कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के साथ मिलकर इस आपदा से निपटें।

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में 'रेड अलर्ट' जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि ऊपरी इलाकों में भारी वर्षा, ओलावृष्टि और तेज हवाएं जारी रह सकती हैं, जिससे बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति और गंभीर हो सकती है। नदियों और नालों के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

प्रशासन की तैयारियां और चुनौतियां

रामबन और कुलगाम जिलों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। अस्थायी राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है, जहां लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। हालांकि खराब मौसम और दुर्गम इलाकों में संचार बाधाएं राहत कार्यों में कठिनाई पैदा कर रही हैं। फिर भी स्थानीय पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई हैं।

जनजीवन पर असर

भारी बारिश और बाढ़ से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और बाजार भी ठप्प हैं। कई जगहों पर बिजली और संचार व्यवस्था बाधित हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग डर के साए में जी रहे हैं, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए स्थिति और भी चिंताजनक है।वैज्ञानिकों और आपदा विशेषज्ञों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के चलते इस तरह की घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं। 

तेज बारिश, अचानक बादल फटना और भूस्खलन अब बार-बार होने लगे हैं। यह एक चेतावनी है कि पर्यावरणीय संतुलन और जल प्रबंधन को लेकर सरकार और नागरिकों को मिलकर गंभीर प्रयास करने होंगे।

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3 घंटा पहले

Bangladesh: शेख हसीना पर इंटरपोल का शिकंजा! बांग्लादेश ने मांगी Global मदद, Red Corner Notice की डिमांड

Bangladesh: शेख हसीना पर इंटरपोल का शिकंजा! बांग्लादेश ने मांगी Global मदद, Red Corner Notice की डिमांड

पिछले साल 5 अगस्त को हिंसा के बाद भारत में शरण लेने वाली पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की है। यह अनुरोध अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के निर्देश पर हुआ।

Interpol Haseena New: पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए हिंसक आंदोलन के बाद देश छोड़ चुकीं शेख हसीना को लेकर बांग्लादेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। भारत में शरण ले चुकीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके 11 सहयोगियों के खिलाफ Interpol से Red Corner Notice जारी करने की मांग की गई है। यह अनुरोध Bangladesh Police के National Central Bureau (NCB) ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के निर्देश पर किया है।

Interpol कैसे करेगा मदद?

पुलिस मुख्यालय के Assistant Inspector General इनामुल हक सागर के मुताबिक, इंटरपोल ऐसे मामलों में तभी हस्तक्षेप करता है जब अदालतें, सरकारी वकील या जांच एजेंसियां इससे जुड़ा अनुरोध करती हैं। इंटरपोल का रोल ऐसे फugitives की लोकेशन ट्रेस करने और उन्हें अरेस्ट कराने में बेहद अहम होता है, जो किसी दूसरे देश में छिपे होते हैं।

इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल के निर्देश पर उठाया गया कदम

बांग्लादेश के International Crimes Tribunal ने नवंबर 2024 में निर्देश दिया था कि हसीना और अन्य भगोड़ों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से support लिया जाए। इसके बाद अब आधिकारिक तौर पर इंटरपोल को Red Corner Notice जारी करने का अनुरोध भेजा गया है।

आरक्षण आंदोलन बना था कारण

2024 के जुलाई में बांग्लादेश में आरक्षण नीति के खिलाफ students का आंदोलन शुरू हुआ था, जो अगस्त तक आते-आते सरकार विरोधी आंदोलन में तब्दील हो गया। राजधानी Dhaka में फैली भारी हिंसा के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने देश छोड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वे तब से भारत में हैं।

गिरफ्तारी वारंट भी जारी

हसीना के देश छोड़ने के तीन दिन बाद ही बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार बनी, जिसकी कमान मोहम्मद यूनुस ने संभाली। यूनुस सरकार ने हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ International War Crimes से जुड़े आरोपों में केस दर्ज कराया और Arrest Warrants जारी किए गए।

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8 घंटा पहले

निर्मला सीतारमण की नई टीम, वित्त मंत्रालय में चार नए सचिवों की नियुक्ति, केंद्र सरकार ने किया बड़ा फेरबदल

निर्मला सीतारमण की नई टीम, वित्त मंत्रालय में चार नए सचिवों की नियुक्ति, केंद्र सरकार ने किया बड़ा फेरबदल

केंद्र सरकार ने मंत्रालयों में बड़े फेरबदल के तहत 18 नए सचिवों की नियुक्ति की है, जो सरकार के विभिन्न विभागों को नई दिशा और गति देने के उद्देश्य से किए गए हैं। सरकार ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों, जैसे कि व्यय, आर्थिक मामले, राजस्व और सार्वजनिक उद्यम, में नए सचिवों की नियुक्ति की है।

नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक बार फिर अपने प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव किए हैं। वित्त मंत्रालय समेत कई मंत्रालयों में 18 नए सचिवों की नियुक्ति की गई है। इस फेरबदल से सरकार का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देना और विभिन्न विभागों में नई ऊर्जा का संचार करना है। खासतौर पर, वित्त मंत्रालय के चार प्रमुख विभागों में नए सचिवों की नियुक्ति की गई है, जिनमें व्यय, आर्थिक मामले, राजस्व और सार्वजनिक उद्यम शामिल हैं। 

यह कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि सरकार के आर्थिक सुधारों को तेजी से लागू किया जा सके और वैश्विक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जा सके।

वित्त मंत्रालय में हुए बड़े बदलाव

सरकार ने वित्त मंत्रालय में जो बड़े बदलाव किए हैं, उनसे यह संकेत मिलता है कि अब सरकार अपने आर्थिक सुधारों और नीतियों को एक नई दिशा देने की कोशिश कर रही है। नए सचिवों की नियुक्ति से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार ने एक मजबूत और अनुभवी टीम बनाई है, जो अगले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करेगी।

1. वी. वुआलनाम

वी. वुआलनाम को व्यय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। वे मनोज गोविल की जगह लेंगे, जिन्हें कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय) बनाया गया है। वुआलनाम एक अनुभवी अधिकारी हैं, जिन्होंने पहले आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में काम किया है। उनके पास वित्तीय मामलों और सरकारी खर्चों के प्रबंधन का गहरा अनुभव है, जो उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए एक उपयुक्त चयन बनाता है।

2. अरविंद श्रीवास्तव

अरविंद श्रीवास्तव को राजस्व विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। वे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में वरिष्ठ पद पर काम कर रहे थे और उनके पास सरकार के आर्थिक मामलों से संबंधित गहरी समझ है। उनकी नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि सरकार टैक्स और राजस्व से जुड़ी नीतियों में तेजी से सुधार लाने का प्रयास कर रही है।

3. अनुराधा ठाकुर

अनुराधा ठाकुर को आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। वे अजय सेठ की जगह लेंगी, जो मई के अंत में रिटायर हो रहे हैं। ठाकुर के पास कॉर्पोरेट मामलों और सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़ा व्यापक अनुभव है। उन्होंने पहले डीआईपीएएम में एयर इंडिया के निजीकरण की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

4. के. मोसेस चालई

के. मोसेस चालई को सार्वजनिक उद्यम विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। वे पहले अंतर-राज्य परिषद में काम कर रहे थे और अब उन्हें सार्वजनिक उद्यमों के प्रबंधन और सुधार के लिए जिम्मेदार बनाया गया है। उनके पास सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने का व्यापक अनुभव है।

सरकार के अन्य विभागों में भी हुआ फेरबदल

वित्त मंत्रालय के अलावा, केंद्र सरकार ने अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों में भी बदलाव किए हैं। वाणिज्य मंत्रालय में राजेश अग्रवाल को वाणिज्य सचिव नियुक्त किया गया है। अग्रवाल 1994 बैच के अधिकारी हैं और उन्होंने पहले वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में काम किया है। वे अमेरिकी टैरिफ नीति और भारत के व्यापार समझौतों पर महत्वपूर्ण बातचीत कर रहे हैं। 

उनके पास वैश्विक व्यापार मामलों का गहरा अनुभव है, जो इस समय बेहद अहम है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय में समीर सिन्हा को सचिव नियुक्त किया गया है। 

सिन्हा 1994 बैच के असम-मेघालय कैडर के अधिकारी हैं और वे अब देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को नई दिशा देंगे। इसके अलावा, ओडिशा के संतोष कुमार सारंगी को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का सचिव बनाया गया है। उन्हें ऊर्जा क्षेत्र में भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई नई योजनाओं पर काम करना होगा।

सरकार की रणनीति और उद्देश्य

यह फेरबदल ऐसे समय में किया गया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों का सामना कर रही है। सरकार का उद्देश्य इन बदलावों के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूती देना और विकास को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नई टीम की नियुक्ति इस बात का संकेत देती है कि सरकार अपनी आर्थिक नीतियों में तेजी लाने की कोशिश कर रही है।

इस नए प्रशासनिक बदलाव का एक और प्रमुख उद्देश्य यह भी हो सकता है कि सरकार को विभिन्न विभागों में सुधार लाने के लिए नए दृष्टिकोण और रणनीतियों की आवश्यकता है। इस टीम के पास हर क्षेत्र में व्यापक अनुभव है, और यह उम्मीद की जाती है कि ये अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को निष्ठा और लगन से निभाएंगे।

नए सचिवों के सामने आने वाली चुनौतियाँ

भारत की अर्थव्यवस्था इन दिनों कई चुनौतियों का सामना कर रही है। वैश्विक मंदी का खतरा और महंगाई की बढ़ती दर जैसे मुद्दों से निपटना एक बड़ी चुनौती होगा। इसके अलावा, व्यापारिक तनावों और व्यापार समझौतों को लेकर सरकार को कई अंतरराष्ट्रीय दबावों का भी सामना करना पड़ सकता है। इन नए सचिवों को इन समस्याओं से निपटने के लिए नई नीतियां और रणनीतियाँ तैयार करनी होंगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गति में कोई कमी न आए, और देश के विकास के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं।

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21 घंटा पहले

विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप: राजस्थान की कियाना परिहार ने जीता कांस्य पदक, रचा इतिहास

विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप: राजस्थान की कियाना परिहार ने जीता कांस्य पदक, रचा इतिहास

लेक सिटी उदयपुर की 9 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी कियाना परिहार ने ग्रीस में आयोजित विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप 2025 में अंडर-10 बालिका वर्ग में कांस्य पदक जीतकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

स्पोर्ट्स न्यूज़: राजस्थान की 9 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी कियाना परिहार ने ग्रीस में आयोजित विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप 2025 में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि कियाना के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित हुई, क्योंकि वह विश्व स्तर पर शतरंज के इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीतने वाली राजस्थान की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। 

कियाना ने अंडर-10 बालिका वर्ग में यह कांस्य पदक हासिल किया और दुनिया भर के मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते हुए 11 मैचों में से 9 अंक प्राप्त किए।

विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप 2025 में कियाना का शानदार प्रदर्शन

विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप में कियाना ने अपनी शानदार काबिलियत का प्रदर्शन किया और पोलैंड, बेलारूस, रोमानिया, वियतनाम, ट्यूनिसिया, स्लोवाकिया, यूक्रेन, तुर्कमेनिस्तान जैसी देशों की खिलाड़ियों को हराया। उनका यह प्रदर्शन उनके शतरंज कौशल को प्रदर्शित करता है और साथ ही यह उनकी कठिन मेहनत और समर्पण का परिणाम है। कियाना ने कुल 11 मैचों में से 9 अंक अर्जित किए और टाई-ब्रेक में तीसरा स्थान हासिल किया, जिससे उन्होंने कांस्य पदक जीता।

कियाना का शतरंज के प्रति समर्पण और प्रेरणा

कियाना परिहार का शतरंज में सफर शुरू से ही प्रेरणादायक रहा है। वह एमडीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा हैं और अपनी शिक्षा के साथ-साथ शतरंज की दुनिया में भी अपनी पहचान बना रही हैं। कियाना के माता-पिता ने उनकी इस यात्रा को हमेशा प्रोत्साहित किया और उन्हें शतरंज के इस खेल में गहरी रुचि और समर्पण के साथ काम करने की प्रेरणा दी। 

कियाना ने हमेशा अपने खेल को गंभीरता से लिया है और अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मंवाया है। कियाना का कहना है, कांस्य पदक जीतना मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है। मैं विश्व चैंपियन बनने का सपना देखती हूं, और मैं इसके लिए पूरी मेहनत और समर्पण से आगे बढ़ूंगी।

कियाना की अब तक की उपलब्धियां

कियाना ने शतरंज के खेल में अपनी यात्रा की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में की थी और तभी से उसने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में पदक जीते। 2022 में राष्ट्रीय स्कूल शतरंज चैंपियनशिप (U-7) में रजत पदक जीतने के बाद कियाना ने शतरंज की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। इसके बाद, 2023 में कियाना ने एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण और रजत पदक जीते। 

2024 में कियाना ने कजाकिस्तान में टीम ब्लिट्ज में स्वर्ण पदक जीता और उसी साल FIDE वर्ल्ड कप (बटूमी, जॉर्जिया) में 9वां स्थान हासिल किया। कियाना के शतरंज में ऐसे शानदार परिणाम उनकी निरंतर मेहनत और प्रशिक्षण का परिणाम हैं। वह हर बार अपने प्रदर्शन से यह साबित करती हैं कि सही दिशा में की गई मेहनत किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक हो सकती है। 

कियाना ने अपनी सफलता से यह भी साबित किया है कि उम्र की कोई सीमा नहीं होती और यदि किसी में प्रतिभा हो तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है।

कियाना का लक्ष्य

अब कियाना का अगला लक्ष्य विश्व चैंपियन बनने का है। उन्होंने 2025 में थाईलैंड और जॉर्जिया में होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने का निर्णय लिया है। कियाना की यह प्रेरक यात्रा उनके देश के लिए गर्व की बात है और शतरंज में भारत का नाम रोशन करने की दिशा में एक और कदम है।

कियाना का मानना है कि अगर खुद पर विश्वास और मेहनत सही दिशा में की जाए तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। वह कहती हैं, मैंने हमेशा अपने सपनों को हासिल करने के लिए पूरी मेहनत की है, और अब मेरा अगला लक्ष्य विश्व चैंपियन बनना है। मैं इसके लिए पूरी तरह से समर्पित हूं।

कियाना के परिवार का समर्थन और कड़ी मेहनत

कियाना परिहार की सफलता के पीछे उनके परिवार का बड़ा हाथ है। उनके माता-पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया और शतरंज के इस सफर में उन्हें प्रोत्साहित किया। कियाना की माँ ने कहा, हमारे लिए यह एक गर्व का पल है। हम कियाना की मेहनत को देखकर खुश हैं और उसके साथ इस सफलता को साझा कर रहे हैं। वह हमारी प्रेरणा है और हम उसकी आने वाली सफलता के लिए भी उत्साहित हैं।

कियाना परिहार की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि भारत में शतरंज की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। भारत ने शतरंज के खेल में कई शानदार खिलाड़ी दिए हैं और कियाना जैसे युवा खिलाड़ी इस खेल को और भी बढ़ावा दे रहे हैं। शतरंज के क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति और युवा खिलाड़ियों की सफलता से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में शतरंज के खेल में भारत का योगदान और भी बढ़ेगा।

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22 घंटा पहले

अजमेर शरीफ दरगाह पर शिव मंदिर के दावे पर केंद्र का बड़ा बयान, हिंदू पक्ष को लगा झटका

अजमेर शरीफ दरगाह पर शिव मंदिर के दावे पर केंद्र का बड़ा बयान, हिंदू पक्ष को लगा झटका

राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर चल रहे विवाद में आज (19 अप्रैल) को एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। इस मामले में हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है।

Ajmer Sharif Dargah Case: राजस्थान के अजमेर शहर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ सामने आया है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दरगाह को शिव मंदिर के रूप में दावा किए जाने वाले मुकदमे में आज केंद्र सरकार ने अपनी सिफारिश दी, जिससे हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने इस मामले में हिंदू सेना के दावे को खारिज करने की सिफारिश की है और इसे सुनने योग्य नहीं बताया है।

केंद्र सरकार ने दिया हलफनामा

अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर के रूप में पहचानने की मांग को लेकर हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने जो मुकदमा दायर किया था, केंद्र सरकार ने उसकी सुनवाई के दौरान हलफनामा दाखिल किया। सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने इस मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मुकदमे में कोई ठोस आधार नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि हिंदू सेना का दायर मुकदमा सुनने योग्य नहीं है और इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।

सरकार का कहना था कि इस मुकदमे में कोई खास परिस्थितियां नहीं हैं, जिससे इसे कानूनी तौर पर सुना जाए। इसके अलावा, मुकदमे में भारतीय संघ को पक्षकार नहीं बनाया गया है और अदालत के आदेश में अंग्रेजी में दाखिल किए गए मुकदमे का हिंदी अनुवाद भी ठीक से नहीं किया गया है। इस प्रकार की तकनीकी खामियों के कारण सरकार ने इसे खारिज किए जाने की सिफारिश की है।

हिंदू पक्ष को झटका, मुस्लिम पक्ष में खुशी की लहर

केंद्र सरकार के इस कदम से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इसे चुनौती दी है और कहा है कि वे कानूनी राय लेकर उचित जवाब दाखिल करेंगे। विष्णु गुप्ता ने कहा कि अगर कोई तकनीकी कमी है, तो उसे सुधार लिया जाएगा और इस मुकदमे को फिर से सही तरीके से अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा।

वहीं, मुस्लिम पक्ष ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। खादिमों की अंजुमनों के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने कहा कि शुरुआत से ही मुस्लिम पक्ष इस मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठा रहा था और इसे खारिज करने की अपील कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि यह मुकदमा केवल सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए दायर किया गया था, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं था। मुस्लिम पक्ष का यह मानना है कि इस तरह के मुकदमे से आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी, जो कि पूरी तरह से गलत है।

मुकदमे में तकनीकी खामियां, अगली सुनवाई 31 मई को

केंद्र सरकार के हलफनामे के बाद, अजमेर की जिला अदालत ने आज की सुनवाई स्थगित कर दी और अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी। हिंदू सेना को अब इस सिफारिश पर अपना जवाब दाखिल करने का मौका मिलेगा। कोर्ट में अब यह देखना होगा कि हिंदू सेना इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या वे सरकार की तकनीकी खामियों को सुधारने में सफल हो पाते हैं या नहीं।

अजमेर शरीफ दरगाह का यह विवाद एक धार्मिक और कानूनी दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन चुका है। दरगाह को लेकर चल रहे इस विवाद ने भारतीय समाज में आपसी सौहार्द और धार्मिक सौहार्द की जरूरत पर भी सवाल उठाए हैं। इस मामले को लेकर दोनों ही पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और इसे लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है।

मुकदमा खारिज किए जाने का कारण

केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए हलफनामे में यह भी कहा गया कि हिंदू सेना के मुकदमे में कोई ऐसे ठोस आधार नहीं दिखाए गए हैं, जिनकी वजह से इसे सुनवाई के योग्य माना जाए। इसके अलावा, सरकार ने यह भी उल्लेख किया कि इस मुकदमे में जरूरी दस्तावेजों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। अंग्रेजी में दाखिल किए गए मुकदमे का हिंदी अनुवाद भी सही नहीं था, जिसके कारण इसे खारिज करने की सिफारिश की गई है।

सरकार ने इस पर जोर देते हुए कहा कि यदि कोई मुकदमा सस्ती लोकप्रियता के लिए दायर किया जाता है और उसके पीछे कोई ठोस आधार नहीं होता, तो उसे खारिज कर दिया जाना चाहिए। इसके माध्यम से न केवल कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित किया जाता है, बल्कि समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का भी प्रयास किया जाता है।

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23 घंटा पहले

मुर्शिदाबाद हिंसा: राज्यपाल बोस का दौरा, पीड़ितों से की मुलाकात

मुर्शिदाबाद हिंसा: राज्यपाल बोस का दौरा, पीड़ितों से की मुलाकात

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हालिया सांप्रदायिक तनाव और हिंसा के मद्देनज़र राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर राज्य की कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की।

मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हालिया सांप्रदायिक तनाव और हिंसा के मद्देनज़र राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर राज्य की कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। राज्यपाल के दौरे का उद्देश्य न केवल स्थिति का जायज़ा लेना था, बल्कि केंद्र सरकार को एक व्यापक और वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी था, जिससे आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तय की जा सके।

यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब राज्य के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुके हैं। 8 से 12 अप्रैल के बीच भड़की इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों परिवारों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

फरक्का में पीड़ितों से सीधी बातचीत

राज्यपाल ने अपने दौरे की शुरुआत फरक्का के सरकारी गेस्ट हाउस से की, जहां उन्होंने हिंसा प्रभावित परिवारों के प्रतिनिधियों से बंद कमरे में मुलाकात की। यह बातचीत बेहद भावुक और संवेदनशील रही। कई पीड़ितों ने आँसू भरी आँखों से बताया कि कैसे उनके घरों को जला दिया गया, महिलाओं और बच्चों को डर के मारे मालदा में शरण लेनी पड़ी और आज भी वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

राज्यपाल बोस ने आश्वासन दिया कि उनकी व्यथा को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। राज्यपाल होने के नाते यह मेरा दायित्व है कि मैं पीड़ितों की आवाज़ केंद्र सरकार तक पहुँचाऊं। मैं व्यक्तिगत रूप से हर स्थिति को देख रहा हूँ और रिपोर्ट जल्द ही भेजी जाएगी, उन्होंने कहा।

जमीनी हकीकत का जायजा

फरक्का से रवाना होकर राज्यपाल ने शमशेरगंज, धुलियान, सूती और जंगीपुर जैसे इलाकों का दौरा किया, जो हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित रहे हैं। इन इलाकों की सड़कों पर अब भी डर और सन्नाटा पसरा हुआ है। कई घरों में ताले लटके हैं, दुकानों की शटरें गिरी हुई हैं और गलियों में पुलिस की भारी तैनाती है. राज्यपाल ने स्वयं प्रभावित इलाकों में चलकर आम नागरिकों से बातचीत की। 

पीड़ितों ने प्रशासनिक असहायता, पुलिस की निष्क्रियता और स्थानीय राजनीति के हस्तक्षेप की भी शिकायत की। राज्यपाल ने पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वे स्थिति को सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास करें और पीड़ितों को पुनर्वास पैकेज के अंतर्गत हर सुविधा उपलब्ध कराएं।

मालदा के राहत शिविरों का दौरा

इससे पहले शुक्रवार को राज्यपाल ने मालदा जिले का दौरा किया था, जहां उन्होंने अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की। ये लोग मुर्शिदाबाद से भागकर मालदा में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। कई महिलाएं और बच्चे आज भी इन कैंपों में बिना पर्याप्त भोजन, कपड़े और चिकित्सा सुविधा के रह रहे हैं। राज्यपाल ने इन शिविरों में सुधार और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया।

राष्ट्रीय महिला आयोग की पहल

इसी कड़ी में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर भी अपनी टीम के साथ शनिवार को मुर्शिदाबाद पहुंचीं। उन्होंने बताया कि आयोग को रिपोर्ट मिली है कि हिंसा प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों में महिलाओं के साथ शोषण और दुर्व्यवहार की घटनाएं हो रही हैं। हमें जानकारी मिली है कि कई महिलाओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हुआ है। 

उनकी सुरक्षा, स्वच्छता और गोपनीयता को लेकर गंभीर चूकें हुई हैं। हमारी जांच समिति इसकी गहन पड़ताल करेगी और हम रविवार को राज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेंगे, विजया रहाटकर ने कोलकाता में पत्रकारों से कहा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से की अपील 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से अपील की थी कि वे मौजूदा स्थिति में दौरा स्थगित करें क्योंकि इससे शांति बहाली के प्रयास प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन राज्यपाल ने इस अनुरोध को नकारते हुए कहा कि जब राज्य की जनता पीड़ा में है, तब संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को उनके बीच जाकर सुनना और देखना चाहिए।

राज्यपाल का यह रुख केंद्र और राज्य के संबंधों में फिर से तल्खी ला सकता है। राजनीतिक हलकों में इस दौरे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे ममता सरकार की प्रशासनिक छवि को चोट पहुँच सकती है, खासकर तब जब कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं।

हिंसा का कारण और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

मुर्शिदाबाद और इसके आस-पास के इलाकों में यह हिंसा वक्फ अधिनियम में किए गए हालिया संशोधनों के विरोध में शुरू हुई थी। प्रदर्शनकारी स्थानीय धार्मिक संगठनों के नेतृत्व में सड़कों पर उतरे थे, लेकिन जल्द ही यह आंदोलन हिंसक रूप ले बैठा। प्रशासन ने अब तक 274 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और 60 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। साथ ही कई पुलिस अधिकारियों का तबादला भी किया गया है। इसके बावजूद जनता का भरोसा प्रशासन पर अब भी डगमगाया हुआ है।

राज्यपाल की यह पहल अब केंद्र सरकार की कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। यदि केंद्र को यह रिपोर्ट गंभीर सुरक्षा संकट का संकेत देती है, तो अनुच्छेद 355 के अंतर्गत केंद्र सरकार राज्य को चेतावनी दे सकती है या केंद्र सरकार की मदद से विशेष बलों की तैनाती की सिफारिश कर सकती है।

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1 दिन पहले

बिहार महागठबंधन की Coordination कमेटी का गठन, CPI-CPIM के 4 नेताओं का नाम तय!

बिहार महागठबंधन की Coordination कमेटी का गठन, CPI-CPIM के 4 नेताओं का नाम तय!

बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया गया है, जो महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए काम करेगी।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब तेज हो गई हैं। महागठबंधन ने एक समन्वय समिति बनाने का फैसला किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य आगामी चुनावों के लिए चुनावी रणनीति तैयार करना और घटक दलों के बीच सामंजस्य बनाए रखना है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इस समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक सहयोगी दल से दो-दो सदस्य शामिल होंगे। 

फिलहाल, भाकपा और माकपा ने अपनी ओर से अपने नाम राजद को सौंप दिए हैं, और 24 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक से पहले समिति का गठन हो जाएगा। यह निर्णय महागठबंधन के घटक दलों के बीच चुनावी मोर्चे पर एकजुटता और समन्वय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

महागठबंधन में चुनावी तैयारी शुरू

बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इन चुनावों से पहले महागठबंधन ने अपनी चुनावी रणनीति और तैयारी को गति देने के लिए समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया है। यह समिति महागठबंधन के घटक दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करने, चुनावी मुद्दों पर विचार विमर्श करने और सबसे महत्वपूर्ण, चुनावी जंग के लिए एक साझा दृष्टिकोण तैयार करने में मदद करेगी। तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली इस 12 सदस्यीय समिति में प्रत्येक घटक दल से दो-दो सदस्य शामिल होंगे, और यह समिति चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देने का काम करेगी।

भाकपा-माकपा ने भेजे अपने नाम

महागठबंधन की समन्वय समिति के गठन में विभिन्न घटक दलों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सबसे पहले भाकपा और माकपा ने अपनी ओर से दो-दो नाम भेजे हैं, जिन्हें राजद के पास प्रस्तुत किया गया है। माकपा ने प्रदेश सचिव ललन चौधरी और विधायक दल के नेता अजय कुमार का नाम भेजा है, जबकि भाकपा ने प्रदेश सचिव रामनरेश पांडेय और रामबाबू कुमार के नाम भेजे हैं। इन नामों को अब राजद को सौंपा गया है, और समिति के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है।

महागठबंधन के अन्य घटक दलों से भी कुछ दिनों में नाम आने की संभावना है। कांग्रेस, भाकपा (माले) और विकासशील इंसान पार्टी जैसे दलों द्वारा भेजे जाने वाले नामों से समिति का स्वरूप और भी स्पष्ट हो जाएगा।

तेजस्वी यादव की नेतृत्व में होगी समिति

समन्वय समिति के गठन में राजद के तेजस्वी यादव को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्य नेता हैं और उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि वह इस महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता करेंगे। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों पर चर्चा करेगा और चुनावी मुद्दों पर एकजुटता बनाए रखने की कोशिश करेगा।

समिति का गठन इस तरह से किया जाएगा कि प्रत्येक घटक दल से दो-दो सदस्य शामिल होंगे। इससे महागठबंधन के सभी घटक दलों को अपनी राय और सुझाव देने का समान अवसर मिलेगा, और एक साझा चुनावी रणनीति तैयार की जा सकेगी। इसके अलावा, महागठबंधन के प्रत्येक दल का यह भी उद्देश्य होगा कि वे जनता के बीच अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखें और अगले चुनावों में जीत हासिल करें।

आलोक कुमार मेहता की भूमिका

समन्वय समिति के गठन की प्रक्रिया में राजद ने पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। आलोक कुमार मेहता का राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता महागठबंधन के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। उन्होंने अपनी पार्टी और समन्वय समिति के गठन में अहम भूमिका निभाई है, और उनकी विशेषज्ञता से यह समिति मजबूती से अपने कार्यों को पूरा कर सकेगी।

आलोक कुमार मेहता को इस समिति के गठन का दायित्व सौंपे जाने से यह साफ संकेत मिलता है कि राजद आगामी चुनावों में गंभीरता से अपनी तैयारी कर रहा है और अपनी राजनीतिक गतिविधियों को पूरी तरह से समन्वित करना चाहता है। महागठबंधन की यह समन्वय समिति आगामी चुनावी रणभूमि में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

सभी दलों के नाम भेजे जाने के बाद समिति का गठन

राजद के सूत्रों के अनुसार, 2-3 दिनों के भीतर कांग्रेस, भाकपा (माले) और विकासशील इंसान पार्टी की ओर से भी नाम भेजे जाने की उम्मीद है। इन दलों द्वारा नाम भेजे जाने के बाद, महागठबंधन की समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। राजद के दो सदस्य, जिनका चयन तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद की सहमति से होगा, इस समिति का हिस्सा होंगे। इसके बाद सभी दलों के नामों का मिलाकर, महागठबंधन एक साझा रणनीति और चुनावी दृष्टिकोण तैयार करने में सक्षम होगा।

समिति के गठन के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि 24 अप्रैल को इसकी पहली बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें महागठबंधन के सभी घटक दलों के प्रमुख नेता और सदस्य अपनी भूमिका तय करेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।

महागठबंधन की चुनावी ताकत

बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की ताकत बढ़ाने के लिए यह समन्वय समिति अहम भूमिका निभाएगी। महागठबंधन के प्रत्येक घटक दल को अपनी राय रखने और चुनावी मुद्दों पर मिलकर विचार करने का अवसर मिलेगा। यह समिति महागठबंधन को एकजुट रखेगी और विभिन्न दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का कार्य करेगी।

वहीं, महागठबंधन के साथ-साथ भाजपा और जदयू जैसी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के साथ चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है। आगामी चुनावों में महागठबंधन को अपनी ताकत को सही दिशा में लगाना होगा, ताकि वे बिहार में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकें और भाजपा-जदयू के गठबंधन को चुनौती दे सकें।

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1 दिन पहले

कनाडा में पढ़ रही पंजाबी छात्रा की मौत, जानें कौन हैं हरसिमरत कौर रंधावा जो बनी गोली का शिकार

कनाडा में पढ़ रही पंजाबी छात्रा की मौत, जानें कौन हैं हरसिमरत कौर रंधावा जो बनी गोली का शिकार

कनाडा के ओंटारियो प्रांत के हैमिल्टन शहर से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। पंजाब की 21 वर्षीय छात्रा हरसिमरत कौर रंधावा की गोली लगने से मौत हो गई। वह पंजाब के तरनतारन जिले की निवासी थी और वहां के मोहॉक कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी।

हैमिल्टन: कनाडा के ओंटारियो प्रांत के हैमिल्टन शहर में 21 वर्षीय भारतीय छात्रा हरसिमरत कौर रंधावा की गोली लगने से मौत हो गई। पंजाब के तरनतारन जिले की रहने वाली हरसिमरत, बीते दो वर्षों से कनाडा में उच्च शिक्षा हासिल कर रही थी। मोहॉक कॉलेज की यह छात्रा उस वक्त गोलियों का शिकार बन गई, जब दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प में वह संयोगवश बीच में आ गई।

घटना ने भारत और विशेषकर पंजाब में गहरा शोक फैला दिया है। मासूम छात्रा की इस दुर्भाग्यपूर्ण मौत से न केवल उसका परिवार बल्कि समूचा गांव सदमे में है। स्थानीय लोग, प्रशासन और जनप्रतिनिधि अब उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने की मांग कर रहे हैं।

निर्दोष को लगी गोली, पुलिस ने की पुष्टि

हैमिल्टन पुलिस के अनुसार, यह घटना स्थानीय समयानुसार शाम 7:30 बजे हुई। पुलिस को अपर जेम्स स्ट्रीट और साउथ बेंड रोड के पास गोलीबारी की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचने पर हरसिमरत को गंभीर हालत में पाया गया, जिसके सीने में गोली लगी थी। तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर्स उसे बचा नहीं सके। पुलिस जांच में अब तक यह साफ हो चुका है कि हरसिमरत इस विवाद में शामिल नहीं थी, वह पूरी तरह निर्दोष थी और गलत समय पर गलत जगह पर मौजूद थी।

शिक्षा के लिए गई थी विदेश, लौटी शोक बनकर

हरसिमरत कौर रंधावा श्री गोइंदवाल साहिब क्षेत्र के एक मध्यमवर्गीय परिवार से थी। दो साल पहले वह कनाडा उच्च शिक्षा हेतु गई थी, जहां उसने मोहॉक कॉलेज में नामांकन लिया था। परिवार ने बेटी के भविष्य के लिए कर्ज लेकर उसे विदेश भेजा था। लेकिन किसे पता था कि पढ़ाई का सपना यूं एक दर्दनाक खबर में तब्दील हो जाएगा।

परिजनों को जैसे ही उसकी मौत की खबर मिली, घर में कोहराम मच गया। मां-बाप बेसुध हो गए हैं और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। पड़ोसी और रिश्तेदार सांत्वना देने पहुंचे, लेकिन इस असामयिक मौत से परिवार उबर नहीं पा रहा।

शव को स्वदेश लाने की मांग, सरकार से हस्तक्षेप की अपील

घटना के बाद स्थानीय विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और शोक प्रकट किया। उन्होंने इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी बात की और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हरसिमरत के शव को जल्द से जल्द भारत लाया जाए। गांव के लोगों और परिजनों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय के माध्यम से शव को स्वदेश लाने की व्यवस्था करे ताकि अंतिम संस्कार की रस्में धार्मिक रीति-रिवाजों से पूरी की जा सकें।

टोरंटो स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। दूतावास ने कहा, ओंटारियो के हैमिल्टन में भारतीय छात्रा हरसिमरत कौर रंधावा की दुखद मौत से हम अत्यंत दुखी हैं। वह निर्दोष थी और दुर्भाग्यवश एक गोलीबारी की घटना का शिकार बन गई। हम उनके परिवार के संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

यह घटना कनाडा में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। बीते कुछ वर्षों में कनाडा में छात्रों पर हिंसक हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। कई छात्र गैंगवार, चोरी या नस्लीय भेदभाव जैसी परिस्थितियों का शिकार हो चुके हैं। इस घटना ने खास तौर पर भारतीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।

हरसिमरत कौर की मौत केवल एक परिवार का दुख नहीं है, बल्कि यह उस समाज के लिए चेतावनी है जो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश भेजता है। अब समय आ गया है कि सरकारें न केवल शिक्षा प्रणाली पर ध्यान दें, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।

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1 दिन पहले

हिमांशु ने जीता स्वर्ण पदक, एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का धमाका

हिमांशु ने जीता स्वर्ण पदक, एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का धमाका

एशियन-18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के हिमांशु ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने भाला फेंक (जैवलिन) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया।

Asian U18 Athletics Championships: सऊदी अरब के दम्मम में आयोजित एशियाई अंडर-18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत ने 11 पदक जीतकर अपने अभियान को सफलतापूर्वक समाप्त किया। इस टूर्नामेंट में भारतीय एथलीटों ने एक स्वर्ण, पांच रजत और पांच कांस्य पदक जीते। भारतीय एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विभिन्न इवेंट्स में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाये और अपने देश को गर्व महसूस कराया।

हिमांशु का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक

एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 2025 संस्करण में सबसे खास पल वह था जब हिमांशु ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता। यह भारत के लिए इस इवेंट में पहला स्वर्ण पदक था। हिमांशु ने 67.57 मीटर का थ्रो करते हुए न सिर्फ प्रतियोगिता में गोल्ड जीता, बल्कि भारतीय एथलेटिक्स के इतिहास में एक नया अध्याय भी जोड़ा। हिमांशु के शानदार प्रदर्शन ने चीन के लू हाओ (63.45 मीटर) और उज्बेकिस्तान के रुस्लान सादुल्लाव (61.97 मीटर) को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया।

हिमांशु का यह गोल्ड भारतीय एथलेटिक्स में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह इस इवेंट में देश का पहला स्वर्ण है और इससे आने वाले समय में और अधिक एथलीटों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

भारत के अन्य पदक विजेता एथलीट्स का शानदार प्रदर्शन

इसके अलावा, भारत के अन्य एथलीटों ने भी एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया। 16 अप्रैल को नितिन गुप्ता ने 5000 मीटर रेस वॉक में रजत पदक जीता। नितिन ने यह रेस 20:21:51 सेकंड में पूरी की, जिससे उन्हें सिर्फ 0.01 सेकंड के अंतर से चाइना के झू निंगहाओ से रजत पदक मिला। नितिन का यह प्रयास काबिल-ए-तारीफ था, और उन्हें अपनी मेहनत का फल मिला, हालांकि वह थोड़े से अंतर से गोल्ड से चूक गए।

भारत की महिलाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन देखने को मिला। तन्नू ने 400 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीता, जो भारत का पहला महिला पदक था। तन्नू ने 57.63 सेकंड में यह रेस पूरी की, और यह प्रतियोगिता में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। उन्होंने जापान की इमामिने साकी को पीछे छोड़ा, जिन्होंने 57.25 सेकंड में गोल्ड हासिल किया।

16 साल के निश्चय ने एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में डबल मेडल जीते। निश्चय ने शॉट पुट में 19.59 मीटर का थ्रो करके सिल्वर मेडल जीता और डिस्कस थ्रो में 58.85 मीटर की दूरी फेंककर कांस्य पदक हासिल किया। उनके प्रदर्शन ने उन्हें एक प्रमुख एथलीट बना दिया है और भविष्य में शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में भारत की उम्मीदों का प्रतीक बनेंगे।

आरती का कांस्य पदक - दोहरी सफलता

आरती ने इस प्रतियोगिता में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीते। उन्होंने 100 मीटर दौड़ में 11.93 सेकंड और 200 मीटर में 24.31 सेकंड का समय लिया, जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थे। आरती के इन प्रयासों ने उन्हें न सिर्फ कांस्य पदक दिलाया बल्कि उनके आने वाले समय में और सफलता पाने की संभावना को भी मजबूत किया।

लड़कों के हाई जंप इवेंट में देवक भूषण ने 2.03 मीटर की छलांग लगाकर सिल्वर पदक अपने नाम किया। वह केवल 0.2 मीटर से स्वर्ण पदक से चूक गए, जो कुवैत के मोहम्मद अलदुआज ने जीता। देवक की यह छलांग निश्चित रूप से एक शानदार प्रदर्शन था और उन्होंने भारतीय एथलेटिक्स को गर्व महसूस कराया।

भारत की रिले रेस टीम का भी बेहतरीन प्रदर्शन

लड़कों की मिडल रिले दौड़ में चिरंथ पी, सैयद साबीर, साकेत मिंज और कादिर खान ने मिलकर रजत पदक जीते। इस रिले टीम ने 1:52.15 सेकंड में दौड़ पूरी की, और इस समय के साथ उन्होंने नया यूथ नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया। इस रिकॉर्ड को पहले 1:52.96 सेकंड का था, जिसे इस टीम ने पार किया और नया कीर्तिमान स्थापित किया।

लड़कियों की रिले रेस में आरती, प्रिशा मिश्रा, एडविना जैसन और टन्नू की टीम रेस पूरी नहीं कर पाई, लेकिन उनके शानदार प्रयासों ने दिखा दिया कि भारत की महिला एथलीट्स भविष्य में और सफलता हासिल कर सकती हैं। हालांकि, अंचल साजेश पाटिल को लड़कियों की हाई जंप इवेंट में पदक से चूकना पड़ा। उनका प्रदर्शन तो अच्छा था, लेकिन वह कांस्य पदक से केवल थोड़े से पीछे रह गईं। फिर भी उनका यह प्रयास भविष्य के लिए उम्मीद की किरण है।

भारत का कुल पदक लेखा-जोखा

इस एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत ने कुल 11 पदक जीते। इन 11 पदकों में एक स्वर्ण, पांच रजत और पांच कांस्य पदक शामिल थे। भारत की टीम ने इस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया और एथलेटिक्स की दुनिया में अपने पैर जमा लिए। विशेष रूप से हिमांशु का स्वर्ण पदक और नितिन गुप्ता, तन्नू, निश्चय, आरती, देवक भूषण जैसे एथलीटों की उपलब्धियां भारतीय एथलेटिक्स के लिए भविष्य के बड़े संकेत हैं। 

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1 दिन पहले

NTA ने जारी किए JEE Main 2025 के परिणाम, ओम प्रकाश बेहरा ने हासिल की AIR-1, जानें अपना स्कोर

NTA ने जारी किए JEE Main 2025 के परिणाम, ओम प्रकाश बेहरा ने हासिल की AIR-1, जानें अपना स्कोर

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 18 अप्रैल को जेईई मेन 2025 सत्र 2 (April Session) का परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। वे सभी अभ्यर्थी जिन्होंने इस परीक्षा में भाग लिया था, वे अब जेईई मेन पेपर 1 के रिजल्ट को jeemain.nta.nic.in पर जाकर देख सकते हैं। 

Jee Main: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने जेईई मेन 2025 सत्र-2 (अप्रैल) के परिणाम घोषित कर दिए हैं, जो देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के परिणाम हैं। इस वर्ष ओम प्रकाश बेहरा ने इतिहास रचते हुए ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 हासिल किया है। ओम प्रकाश ने 300 में से 300 अंक प्राप्त कर परफेक्ट स्कोर हासिल किया, जो एक असाधारण उपलब्धि है। उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने न सिर्फ उन्हें जेईई मेन की रैंकिंग में टॉप पर पहुँचाया, बल्कि उन्हें देश के सबसे प्रतिभाशाली दिमागों में से एक के रूप में स्थापित कर दिया।

यह खबर ओम प्रकाश और उनके परिवार के लिए गर्व का विषय तो है ही, साथ ही देश के शैक्षिक प्रणाली के लिए भी यह एक प्रेरणा का स्रोत है, जो हर साल दुनिया के सबसे बेहतरीन इंजीनियर तैयार करता है।

जेईई मेन परिणाम और आंसर की कैसे चेक करें?

  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले आपको jeemain.nta.nic.in पर जाना होगा, जो कि NTA की आधिकारिक वेबसाइट है और जहां पर आप अपने परीक्षा परिणाम आसानी से देख सकते हैं।
  • ‘रिजल्ट’ लिंक पर क्लिक करें: वेबसाइट के होमपेज पर "News & Events" सेक्शन में आपको "Display of JEE(Main) 2025 Result - Session 2" का लिंक मिलेगा। इस पर क्लिक करें और रिजल्ट देखने की प्रक्रिया शुरू करें।
  • क्रेडेंशियल्स से लॉगिन करें: परिणाम देखने के लिए आपको अपने आवेदन संख्या, जन्म तिथि और सुरक्षा पिन के साथ लॉगिन करना होगा। ये विवरण आपके आवेदन पत्र के साथ आपको दिए गए थे।
  • रिजल्ट डाउनलोड करें: एक बार लॉगिन करने के बाद, आपका रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देगा। आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं और भविष्य के संदर्भ के लिए इसका प्रिंटआउट ले सकते हैं। यह रिजल्ट विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों में प्रवेश के लिए आवश्यक होगा।

जेईई मेन आंसर की - स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

  • आंसर की सेक्शन पर जाएं: जेईई मेन 2025 सत्र 2 के फाइनल आंसर की को चेक करने के लिए, उम्मीदवारों को NTA की वेबसाइट jeemain.nta.ac.in पर जाना होगा।
  • डिस्प्ले सेक्शन में जाएं: वेबसाइट के होमपेज पर, "News & Events" सेक्शन में "Display of Final Answer Keys for JEE(Main) 2025 Session 2 [Paper-1 (B.E./B.Tech)]" का लिंक मिलेगा। इस पर क्लिक करें।
  • आंसर की PDF डाउनलोड करें: अब, फाइनल आंसर की के लिए एक PDF दस्तावेज़ स्क्रीन पर आ जाएगा, जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं और अपने उत्तरों की जांच कर सकते हैं।
  • आंसर की को डाउनलोड करने से आपको अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने का अवसर मिलेगा और इससे आपको अंतिम परिणाम घोषित होने से पहले अपनी स्थिति का आकलन करने में मदद मिलेगी।

कट-ऑफ अंक की श्रेणीवार जानकारी

परिणाम के साथ-साथ NTA ने विभिन्न श्रेणियों के लिए कट-ऑफ अंक भी जारी किए हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन से उम्मीदवार अगले चरण के प्रवेश प्रक्रिया के लिए योग्य होंगे। आइए जानते हैं विभिन्न श्रेणियों के लिए कट-ऑफ अंक:

  • जनरल श्रेणी: जेईई एडवांस 2025 के लिए जनरल श्रेणी के छात्रों को 93.10 पर्सेंटाइल की आवश्यकता होगी।
  • EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग): EWS उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ 80.38 पर्सेंटाइल रहा।
  • OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग): OBC श्रेणी के छात्रों के लिए कट-ऑफ 79.43 पर्सेंटाइल रहा।
  • SC (अनुसूचित जाति): SC उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ 61.15 पर्सेंटाइल रहा।
  • ST (अनुसूचित जनजाति): ST श्रेणी के छात्रों के लिए कट-ऑफ 47.90 पर्सेंटाइल रही।

जेईई मेन 2025 - टॉप स्कोरर्स और प्रदर्शन

इस वर्ष के जेईई मेन परीक्षा में देशभर से छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया। कुल 24 उम्मीदवारों ने 100 पर्सेंटाइल स्कोर किया है, जिनमें 22 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो भारत में शिक्षा और कोचिंग के बढ़ते स्तर को दर्शाता है।

इनमें से ओम प्रकाश बेहरा का प्रदर्शन सबसे अलग है। उन्होंने 300 में से 300 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया रैंक-1 (AIR-1) हासिल किया। उनके कठिन परिश्रम, समर्पण और फोकस ने उन्हें यह प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। अन्य टॉप स्कोरर्स में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के छात्र शामिल हैं, जिन्होंने इस कठिन परीक्षा में अपनी श्रेष्ठता साबित की है।

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