आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। पिछले साल राज्य की सत्ता से हटने के बाद तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने अब अपने विरोधी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के गढ़ पुलिवेंदुला में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी छीनने के बाद तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी को उनके गढ़ में परास्त करके ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। आंध्र प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ टीडीपी ने जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के गढ़ पुलिवेंदुला में बड़ी जीत हासिल की। इस चुनाव में टीडीपी के उम्मीदवार मारड्डी लता रेड्डी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
पुलिवेंदुला विधानसभा सीट पर वाईएसआरसीपी का लंबे समय तक कब्जा रहा है और यह सीट कडप्पा लोकसभा क्षेत्र में आती है, जहां से वर्तमान में वाईएसआरसीपी के नेता वाई एस अविनाश रेड्डी सांसद हैं।
पुलिवेंदुला में टीडीपी की ऐतिहासिक जीत
पुलिवेंदुला विधानसभा सीट, जो कडप्पा लोकसभा क्षेत्र में आती है, पर YSRCP का लंबे समय से कब्जा था। वर्तमान में इस क्षेत्र से वाईएस अविनाश रेड्डी सांसद हैं। लेकिन हाल ही में जिला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (ZPTC) उपचुनाव में टीडीपी के उम्मीदवार मारड्डी लता रेड्डी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की।
टीडीपी उम्मीदवार को कुल 6,735 वोट मिले, जबकि YSRCP के उम्मीदवार को केवल 683 वोट प्राप्त हुए। यह सीट 40 साल बाद चुनाव के लिए खुली थी, और इस बार निर्विरोध निर्वाचन का दौर खत्म हुआ। इस जीत के साथ YSRCP की लगातार चल रही जीत का सिलसिला टूट गया।
टीडीपी का संदेश: लोकतंत्र की जीत
टीडीपी ने इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर संदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि “30 साल बाद पुलिवेंदुला में लोकतंत्र की जीत हुई।” पार्टी ने यह भी कहा कि इस चुनाव में पुलिवेंदुला के लोगों ने स्वतंत्र और खुलकर वोट किया, जिससे लोकतंत्र को सशक्त और निर्णायक संदेश मिला। टीडीपी के अनुसार, यह जीत गठबंधन सरकार के एक साल के सुशासन का जनता द्वारा दिया गया इनाम है। पार्टी ने इसे 30 साल बाद मिलने वाली राजनीतिक आजादी के रूप में प्रस्तुत किया।
पुलिवेंदुला को पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का गढ़ माना जाता था। इस क्षेत्र में अब तक चुनाव की स्थिति इतनी स्पष्ट नहीं होती थी कि किसी भी उम्मीदवार के लिए चुनौतीपूर्ण हो। अधिकांश मामलों में YSRCP निर्विरोध जीतती रही है। लेकिन इस बार टीडीपी ने स्पष्ट और निर्णायक जीत दर्ज करके यह दिखा दिया कि जगन मोहन रेड्डी की लोकप्रियता पर सवाल उठ सकते हैं।