भारत साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा निशाना बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विंडोज डिवाइसों में मैलवेयर संक्रमण और ईमेल-आधारित हमले लगातार बढ़ रहे हैं। जेनरेटिव एआई और हाइब्रिड वर्क मॉडल ने खतरे को और गंभीर बना दिया है, जिससे आईटी, टेलीकॉम और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
Cyber Attack: भारत अब दुनिया का नंबर-1 साइबर हमलों का टारगेट बन चुका है। स्विस cyber security firm Acronis की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में भारत के 12.4% विंडोज डिवाइस मैलवेयर से संक्रमित पाए गए, जो जून में बढ़कर 13.2% हो गए। इसके अलावा, 2024 की शुरुआत में आधिकारिक ईमेल पर 20% साइबर हमले दर्ज हुए थे, जो 2025 की पहली छमाही तक 25.6% तक पहुंच गए। विशेषज्ञों का कहना है कि एआई टूल्स, डीपफेक और फिशिंग तकनीकों के चलते खतरा और ज्यादा जटिल हो गया है।
विंडोज यूजर्स पर सबसे ज्यादा खतरा
रिपोर्ट में बताया गया कि मई 2025 में भारत में 12.4% विंडोज डिवाइस मैलवेयर से संक्रमित पाए गए थे, जो वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा है। सिर्फ एक महीने बाद, यानी जून 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 13.2% तक पहुंच गया।
इसका सीधा मतलब है कि भारत में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने वाले यूजर्स साइबर अपराधियों के निशाने पर सबसे ज्यादा हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि साइबर सुरक्षा उपायों को समय पर और मजबूत तरीके से लागू नहीं किया गया, तो आने वाले समय में भारत पर साइबर अटैक का खतरा और बढ़ सकता है।
ईमेल और एआई टूल्स से बढ़ा खतरा
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, ऑफिशियल ईमेल पर साइबर हमले 2024 की शुरुआत में 20% थे, जो 2025 की पहली छमाही तक बढ़कर 25.6% हो गए। यानी, ईमेल अब हैकर्स का सबसे आसान और घातक हथियार बन चुका है।
Acronis का कहना है कि अब हैकर्स सिर्फ पारंपरिक तरीकों से नहीं, बल्कि AI टूल्स का इस्तेमाल करके भी लोगों की निजी जानकारी जैसे क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और पासवर्ड चोरी कर रहे हैं। इससे साइबर अटैक और ज्यादा घातक और पकड़ से बाहर हो गए हैं।
आईटी और टेलीकॉम सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
रिपोर्ट में यह भी साफ हुआ है कि जेनरेटिव एआई (Generative AI) ने साइबर अपराधियों के लिए रास्ता आसान बना दिया है। अब फिशिंग ईमेल, नकली इनवॉइस और डीपफेक आधारित घोटालों को पकड़ना बेहद मुश्किल हो गया है।
Acronis के भारत और दक्षिण एशिया के जनरल मैनेजर राजेश छाबड़ा ने कहा कि कोविड महामारी के बाद अपनाए गए हाइब्रिड वर्क मॉडल ने कंपनियों की सुरक्षा कमजोर कर दी है। खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग, आईटी सर्विस और टेलीकॉम इंडस्ट्री भारत के सबसे ज्यादा जोखिम वाले सेक्टर बन गए हैं।
डिजिटल सुरक्षा पर सख्ती की जरूरत
साफ है कि भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा साइबर हमलों का टारगेट बन चुका है। बढ़ते मैलवेयर अटैक, फिशिंग ईमेल और एआई आधारित धोखाधड़ी ने आम यूजर्स से लेकर बड़ी कंपनियों तक सभी को खतरे में डाल दिया है। आने वाले समय में अगर साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत नहीं किया गया, तो डिजिटल इकोसिस्टम पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।