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बिहार चुनाव 2025: नीतीश कुमार के पीएम रैलियों से दूर रहने पर बीजेपी ने दिया जवाब, जानिए क्या कहा

बिहार चुनाव 2025: नीतीश कुमार के पीएम रैलियों से दूर रहने पर बीजेपी ने दिया जवाब, जानिए क्या कहा

बिहार चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। विपक्ष का दावा है कि नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच दूरियां बढ़ी हैं। हालांकि बीजेपी ने स्पष्ट किया है कि यह केवल चुनावी रणनीति है और गठबंधन पूरी तरह एकजुट है।

Bihar Election: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर प्रचार, बयानबाजी और रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल विपक्ष बार-बार उठा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में क्यों नजर नहीं आ रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि एनडीए गठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है और यह दूरियां चुनावी संकेत हो सकती हैं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इस सवाल का स्पष्ट जवाब दिया है और गठबंधन के अंदरुनी संबंधों को लेकर चल रही अटकलों को खारिज किया है।

बीजेपी की सफाई

बीजेपी के बिहार समन्वयक धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीतीश कुमार के पीएम मोदी की रैलियों में दिखाई न देने को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह कोई मतभेद या राजनीतिक दूरी का संकेत नहीं है बल्कि एनडीए की पहले से तय की गई चुनावी रणनीति का हिस्सा है। उनके अनुसार, यह तय किया गया है कि एनडीए के सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में अलग-अलग प्रचार करेंगे ताकि संगठनात्मक प्रभाव बढ़ाया जा सके। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह पूरी तरह सोची-समझी योजना है और इसे लेकर किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए।

पहले के कार्यक्रमों में संयुक्त उपस्थिति

धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी याद दिलाया कि चुनाव प्रचार की शुरुआत में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी दोनों साथ में कई सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रमों में मंच साझा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर को समस्तीपुर में जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव में हुई रैली में प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान भी मौजूद थे। इससे यह साबित होता है कि गठबंधन में सहयोग की भावना बनी हुई है और किसी तरह की दूरी या नाराजगी जैसी स्थिति नहीं है।

कांग्रेस के आरोप

विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, इस मुद्दे पर लगातार सवाल उठा रही है। कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के रोड शो और बिहार में हुई कई रैलियों से दूर हैं क्योंकि बीजेपी उन्हें भविष्य में मुख्यमंत्री पद पर नहीं देखना चाहती। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया था कि एनडीए के घोषणापत्र जारी होने पर भी नीतीश कुमार को बोलने का मौका नहीं दिया गया। 

एनडीए का पलट जवाब

धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। उनके अनुसार, विपक्ष चुनाव से पहले भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीए पूरी तरह मजबूत और एकजुट है और हर घटक दल अपनी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सवाल एनडीए की अंदरूनी सहमति और चुनावी जनादेश पर आधारित होगा, न कि विपक्ष के दावों पर।

चुनावी समीकरण

बिहार के 2025 चुनाव में उत्तरी बिहार का क्षेत्र राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और शिवहर जैसे जिले शामिल हैं, जहां एनडीए की मजबूत पकड़ रही है। इन इलाकों में एनडीए का प्रभाव 30 विधानसभा सीटों तक फैला हुआ है। यह चुनाव चरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कई मंत्रियों के राजनीतिक भविष्य का भी फैसला करेगा। चुनाव अभियान के इस चरण में कुल 1,302 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। 

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