हैदराबाद की Megha Engineering & Infrastructures Ltd (MEIL) को कुवैत ऑयल कंपनी (KOC) से ₹1,880 करोड़ का ऑर्डर मिला है। कंपनी कुवैत में गैस स्वीटनिंग और सल्फर रिकवरी प्लांट बनाएगी और अगले 5 साल तक उसका संचालन व रखरखाव करेगी। यह सौदा MEIL के मिडल ईस्ट मार्केट पोर्टफोलियो को मजबूत करेगा।
Megha Engineering: हैदराबाद की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी Megha Engineering & Infrastructures Ltd (MEIL) को कुवैत ऑयल कंपनी (KOC) से 225.5 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,880 करोड़) का बड़ा ऑर्डर मिला है। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत MEIL कुवैत के ऑयलफील्ड में गैस स्वीटनिंग और सल्फर रिकवरी प्लांट बनाएगी और आने वाले 5 साल तक उसका संचालन व मेंटेनेंस संभालेगी। यह प्रोजेक्ट MEIL के मिडल ईस्ट मार्केट में पकड़ मजबूत करने और कंपनी के अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो को बढ़ाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
प्रोजेक्ट की मुख्य जानकारी
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की कुल वैल्यू लगभग ₹1,880 करोड़ है। प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन अवधि लगभग 790 दिन यानी ढाई साल तय की गई है। इसके अलावा, ऑपरेशन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अगले पांच साल तक MEIL के पास रहेगी।
इस प्लांट की क्षमता हर दिन करीब 120 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक फीट (mmscfd) सॉर गैस को प्रोसेस और ट्रीट करने की है। साथ ही, कुवैत ऑयल कंपनी (KOC) के पास बाद में इस फसिलिटी को खरीदने का विकल्प यानी बाय-बैक ऑप्शन भी रहेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट कुवैत के अपस्ट्रीम एनर्जी सेक्टर को आधुनिक तकनीक से सशक्त करेगा और ऊर्जा उत्पादन की दक्षता बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
MEIL के लिए महत्व
MEIL के लिए यह प्रोजेक्ट रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ सालों में MEIL ने कई बड़े अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स हासिल किए हैं। इनमें NPCIL के लिए न्यूक्लियर रिएक्टर निर्माण, मंगोलिया में क्रूड रिफाइनरी प्रोजेक्ट और अब कुवैत में यह हाई-वैल्यू गैस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इन प्रोजेक्ट्स से कंपनी का इंटरनेशनल पोर्टफोलियो लगातार मजबूत हुआ है और मिडल ईस्ट में उसकी मौजूदगी बढ़ी है। MEIL अब भारत से बाहर ऑयल-गैस, वाटर, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिकल और सिविल इंजीनियरिंग के बड़े प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रही है।
कंपनी का कहना है कि कुवैत ऑर्डर उसकी मिडल ईस्ट ग्रोथ स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। इसके जरिए MEIL आने वाले सालों में ऊर्जा और यूटिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है।
वित्तीय और तकनीकी लाभ
MEIL के लिए यह सौदा केवल रेवेन्यू का स्रोत नहीं है। इससे कंपनी को टेक्निकल क्रेडिबिलिटी भी मिलेगी और मिडल ईस्ट मार्केट में लॉन्ग-टर्म पोजिशनिंग मजबूत होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से MEIL की रिवेन्यू विजिबिलिटी बेहतर होगी। इसका मतलब है कि कंपनी आने वाले पांच सालों तक निश्चित आय की योजना बना सकती है। इसके साथ ही, हाई-टेक गैस प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट कंपनी के तकनीकी अनुभव और विशेषज्ञता को भी बढ़ाएगा।
MEIL का अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो
MEIL की स्थापना 1989 में हुई थी और यह भारत की अग्रणी मल्टी-सेक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के रूप में जानी जाती है। कंपनी अब भारत और विदेशों में ऊर्जा, जल और रिन्यूएबल एनर्जी के बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
कंपनी ने पिछले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अहम प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं। अब कुवैत में यह प्रोजेक्ट MEIL की अंतरराष्ट्रीय पहचान को और मजबूत करेगा।