लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने 130वां संविधान संशोधन बिल पेश किया। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया और कॉपी फाड़ी। इस बिल के अनुसार, गंभीर अपराध में जेल में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाया जाएगा।
Bills on Removal: लोकसभा में आज का सत्र बेहद हंगामेदार साबित हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान संशोधन विधेयक 2025 पेश किया जिसमें यह प्रावधान शामिल है कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य मंत्री अगर 30 दिन तक जेल में रहते हैं तो उन्हें अपने पद से हटना होगा। जैसे ही यह बिल सदन में पेश हुआ, विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया।
विपक्ष ने बिल की कॉपी फाड़ी और फेंकी अमित शाह की ओर
विपक्ष का गुस्सा इस कदर बढ़ा कि कई सांसद लोकसभा की वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से बिल की कॉपी फाड़ दी और कागज के टुकड़े अमित शाह की ओर उछाल दिए। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने हंगामा तेज कर दिया।
सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने
बिल पेश होने के दौरान संसद में माहौल इतना गर्म हो गया कि सत्ता पक्ष के कई सांसदों को गृह मंत्री के पास आकर उन्हें घेर रहे विपक्षी सांसदों को रोकना पड़ा। सत्ता पक्ष की ओर से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरेन रिजिजू और सतीश गौतम जैसे सांसद आगे आए और विपक्षी नेताओं को रोकने की कोशिश की।
विपक्ष का आरोप- सरकार को मिलेगा दुरुपयोग का मौका
विपक्षी दलों का आरोप है कि इस बिल के जरिए केंद्र सरकार को किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का रास्ता मिल जाएगा। उनका कहना है कि अगर किसी भी राज्य सरकार के खिलाफ केंद्र चाहे तो किसी भी मंत्री को जेल भेजकर पद से हटाने की स्थिति बना सकती है। विपक्ष ने इसे राज्यों की स्वायत्तता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया।
अमित शाह का पलटवार- विपक्ष हमें नैतिकता का पाठ न पढ़ाए
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी सांसदों की आलोचना करते हुए कहा कि जब वह खुद झूठे मामले में जेल गए थे, तब उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने साफ कहा कि हम इतने बेशर्म नहीं हैं कि आरोप लगने के बावजूद पद पर बने रहें। अमित शाह ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि आप हमें नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ा सकते।
जेपीसी को भेजा जाएगा बिल
बिल पर विरोध बढ़ता देख अमित शाह ने यह घोषणा की कि सरकार इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने का प्रस्ताव रखती है। उनका कहना था कि इस बिल पर विस्तृत चर्चा और समीक्षा जरूरी है ताकि किसी भी तरह का भ्रम न रहे।
विपक्षी नारेबाजी ने किया माहौल तनावपूर्ण
लोकसभा में इस दौरान लगातार नारेबाजी होती रही। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने जैसे ही बिल पेश होने की प्रक्रिया शुरू हुई, नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद कांग्रेस सांसद भी वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ विरोध जारी रखा। विपक्षी दलों का रुख बेहद आक्रामक दिखा।
सत्ता पक्ष का जवाब- जनता सब देख रही है
सत्ता पक्ष की ओर से सांसदों ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता सब देख रही है। हंगामा करने से विपक्ष को कोई सहानुभूति नहीं मिलेगी। उनका कहना था कि जनता ऐसे नेताओं को नकार देगी जो लोकतांत्रिक चर्चा को बाधित करते हैं।