महानआर्यमन सिंधिया 29 साल की उम्र में MPCA अध्यक्ष बने। पिता ज्योतिरादित्य और दादा माधवराव का रिकॉर्ड तोड़ते हुए परिवार की तीसरी पीढ़ी संगठन की कमान संभालेगी। अरुंधति किरकिरे एकमात्र अनुभवी सदस्य हैं।
MPCA President 2025: मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन (MPCA) ने एक नया इतिहास रचा है। 29 साल के महानआर्यमन सिंधिया संगठन के अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं। यह पद अब तक के 68 साल के MPCA इतिहास में सबसे कम उम्र में संभाला गया है। महानआर्यमन ने इस पद पर अपने पिता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का रिकॉर्ड तोड़ा है, जो 35 साल की उम्र में MPCA अध्यक्ष बने थे।
सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी अब MPCA की कमान संभाल रही है। इससे पहले उनके दादा माधवराव सिंधिया 37 साल की उम्र में अध्यक्ष बन चुके थे। इस तरह महानआर्यमन ने पिता और दादा दोनों को पीछे छोड़ते हुए संगठन के नेतृत्व में नया मुकाम हासिल किया है।
निर्विरोध हुए चुनाव
इस बार MPCA का चुनाव बेहद ऐतिहासिक तरीके से सम्पन्न हुआ। अध्यक्ष पद के लिए महानआर्यमन अकेले उम्मीदवार थे। पूर्व BCCI मान्यता प्राप्त अंपायर अमरदीप पाठानिया ने संयुक्त सचिव पद के लिए अपना नाम वापस ले लिया। इसके साथ ही उनके क्लब इंदौर कोल्ट्स ने भी प्रबंध समिति प्रतिनिधि पद से नामांकन हटा लिया।
नाम वापसी के बाद जितनी सीटें खाली थीं, उतने ही उम्मीदवार बचे। ऐसे में वोटिंग की आवश्यकता नहीं पड़ी और महानआर्यमन सिंधिया निर्विरोध अध्यक्ष बने। यह लगातार दूसरा मौका है जब MPCA के चुनाव सर्वसम्मति से हुए हैं। इससे पहले 2022 में भी बिना किसी विरोध के चुनाव संपन्न हुए थे।
MPCA की नई टीम
MPCA की नई टीम में कुल पांच पदाधिकारी चुने गए हैं। इस टीम में केवल एक ही सदस्य ऐसा है जिसने भारतीय क्रिकेट टीम में खेला है। अरुंधति किरकिरे इस टीम की वह सदस्य हैं जिनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव है।
महानआर्यमन सिंधिया भले ही सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने हों, लेकिन वे अब तक प्रशासन, आयोजन और क्रिकेट से जुड़े अन्य कामों में सक्रिय रहे हैं। उनका यह अनुभव टीम को नई दिशा देने में सहायक साबित होगा।
महानआर्यमन सिंधिया और परिवार की क्रिकेट विरासत
महानआर्यमन का यह चुनाव सिंधिया परिवार की क्रिकेट प्रशासन में लंबी और मजबूत विरासत को दर्शाता है। उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया और दादा माधवराव सिंधिया ने भी संगठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अब तीसरी पीढ़ी की जिम्मेदारी महानआर्यमन के हाथ में है, जो युवा दृष्टिकोण और प्रशासनिक क्षमता को मिलाकर संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास करेंगे।
युवा नेतृत्व के फायदे और चुनौतियां
29 साल की उम्र में MPCA के अध्यक्ष बनने के साथ ही महानआर्यमन सिंधिया के सामने कई चुनौतियां भी हैं। क्रिकेट प्रशासन में अनुभव और समझ बेहद जरूरी होती है। हालांकि, उनकी युवा ऊर्जा, नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोण संगठन के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
युवा अध्यक्ष के नेतृत्व में MPCA की योजनाओं, टूर्नामेंट्स और खिलाड़ियों के विकास में तेजी आने की उम्मीद है। उनके पास आधुनिक क्रिकेटिंग उपकरणों, तकनीकी बदलाव और प्रशिक्षण के नए तरीकों को लागू करने का अवसर भी है।