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NDA में लौटे भोजपुरी स्टार पवन सिंह, क्या बीजेपी के लिए होंगे फायदेमंद साबित

NDA में लौटे भोजपुरी स्टार पवन सिंह, क्या बीजेपी के लिए होंगे फायदेमंद साबित

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने दिल्ली में अमित शाह और उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। एनडीए में उनकी वापसी से बिहार चुनाव में वोट बैंक बढ़ने की उम्मीद। पटना और अन्य जिलों में नए मतदाता भी शामिल हुए।

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में पवन सिंह ने दिल्ली में दो बड़ी मुलाकातें कीं, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और RLSP अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शामिल थे। इन मुलाकातों के बाद पवन सिंह की राजनीति में वापसी और उनकी मांग अचानक बढ़ गई है।

पवन सिंह की दिल्ली मुलाकातें

पवन सिंह ने सबसे पहले उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की और उनसे आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लगभग 30 मिनट तक मुलाकात की। इस अवसर पर पवन सिंह ने शाह को गमछा भेंट किया। इसके बाद वह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले।

पवन सिंह ने अपनी इन मुलाकातों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पर ये फोटो देखकर सांप लोट रहा होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग विकसित बिहार का सपना देखते हैं, वे एक-दूसरे से दूर नहीं रह सकते।

क्यों बढ़ी पवन सिंह की डिमांड?

पवन सिंह बिहार में युवाओं और मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने काराकाट सीट से चुनाव लड़ा था और निर्दलीय होने के बावजूद पर्याप्त वोट हासिल किए थे। इस दौरान पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों के बीच तनाव भी देखा गया था।

इस बार चुनाव से पहले इन नाराजगी को दूर किया गया है। पवन सिंह की एनडीए में वापसी से बीजेपी को शाहाबाद और डेहरी-ऑन-सोन के 24-25 विधानसभा सीटों पर फायदा मिलने की उम्मीद है। उनके स्टार पावर से 3 से 4 प्रतिशत वोट बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जो हार-जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

पवन सिंह का वोट बैंक और चुनावी असर

पवन सिंह राजपूत समाज से आते हैं। इस वजह से राजपूत वोट बैंक को साधने में उनकी रणनीति बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर पवन सिंह आरा से विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो उनका असर आरा और आसपास के लगभग दो दर्जन सीटों पर दिख सकता है। इनमें भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर शामिल हैं।

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार होने के कारण पवन सिंह युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि उनकी एनडीए में वापसी ने बिहार चुनाव की सियासत में नया मोड़ दे दिया है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बेटे और पार्टी से निष्कासित तेज प्रताप यादव ने पवन सिंह पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पवन सिंह पहले लखनऊ में किसी के पैर पर गिरे थे और अब किसी और के पैर पर गिर रहे हैं। उनका कहना था कि पवन सिंह को अपनी कला में ध्यान देना चाहिए न कि चुनावी राजनीति में।

चुनाव आयोग ने जारी की वोटर लिस्ट

इसी बीच चुनाव आयोग ने SIR के बाद बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है। राज्य में अब कुल मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ हो गई है। फाइनल लिस्ट में 21 लाख नए वोटर जुड़े हैं। अकेले पटना में 1,63,600 नए वोटर शामिल हुए हैं।

अन्य जिलों में भी मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। मोतिहारी में 47 हजार, दरभंगा में 80 हजार से अधिक, नवादा में 30 हजार और मुजफ्फरपुर में 88 हजार नए मतदाता जुड़े हैं। मतदाता अपनी जानकारी voters.eci.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। नाम जोड़वाने की सुविधा चुनाव की आखिरी तारीख से 10 दिन पहले तक रहेगी।

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