नोएडा अथॉरिटी ने लंबे समय से खाली पड़ी जमीनों के मालिकाना हक कैंसिल करने का फैसला लिया है। जिन प्लॉट पर 12 साल से निर्माण नहीं हुआ है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। निर्माण कर रहे लोगों को 6 महीने का समय दिया गया है। इस कदम से शहर में रिहायशी जरूरतों को पूरा करने और शहरी विकास में तेजी लाने की कोशिश है।
नई दिल्ली: नोएडा अथॉरिटी ने 219वीं बोर्ड मीटिंग में फैसला किया कि जिन लोगों ने पिछले 12 सालों से आवंटित प्लॉट पर निर्माण नहीं कराया है, उनके मालिकाना हक कैंसिल कर दिए जाएंगे। निर्माण शुरू करने वाले लोगों को 6 महीने का समय मिलेगा। यह कदम शहर में रिहायशी जरूरतों को पूरा करने, खाली पड़े प्लॉटों से उत्पन्न शहरी अराजकता को रोकने और शहर के विकास को गति देने के लिए उठाया गया है।
छह महीने का समय मिलेगा निर्माण करने वालों को
अथॉरिटी ने यह स्पष्ट किया है कि जिन लोगों ने अपने प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, उन्हें काम पूरा करने के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा। इस दौरान उन्हें अपने काम को पूरा करना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जा सकती है। नोएडा में कई ऐसे प्लॉट हैं जो सालों-साल खाली पड़े हैं और बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद उनका निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोग सिर्फ निवेश के उद्देश्य से प्लॉट खरीदते हैं और कीमत बढ़ने का इंतजार करते हैं। इसी वजह से जमीन सालों-साल खाली रहती है। अथॉरिटी ने बताया कि यह स्थिति शहर के विकास और रिहायशी जरूरतों के लिए हानिकारक है। ऐसे प्लॉटों की वजह से जरूरतमंद लोगों को घर नहीं मिल पाते और शहर की योजनाओं में बाधा आती है।
शहर की सुंदरता और विकास पर असर
नोएडा अथॉरिटी का कहना है कि खाली पड़े प्लॉट न केवल शहर की सुंदरता को प्रभावित करते हैं, बल्कि शहरी विकास की रफ्तार को भी धीमा कर देते हैं। प्रशासन ने यह भी बताया कि ऐसे प्लॉटों से शहर की आबादी के लिए आवास की कमी बढ़ रही है। रिहायशी जरूरतों को पूरा करने के लिए अथॉरिटी ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है।
नोटिस देने के बावजूद लापरवाही
अथॉरिटी ने बताया कि उन्होंने उन लोगों को कई बार नोटिस भेजे, लेकिन कुछ लोग अपनी लापरवाही बरकरार रखे हुए हैं। ऐसे मामलों में अब सीधे कार्रवाई की जाएगी और प्लॉट मालिकाना हक खो देंगे। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम भविष्य में निवेशकों को भी संदेश देगा कि जमीन खाली छोड़ना सुरक्षित नहीं है।
कार्रवाई के लिए तैयार योजना
नोएडा अथॉरिटी ने पहले से ही ऐसे प्लॉटों की पहचान शुरू कर दी है, जो लंबे समय से खाली पड़े हैं। इनकी लिस्ट तैयार की जा रही है और निर्माण कार्य नहीं करने वाले मालिकों के खिलाफ कड़े नियम लागू किए जाएंगे। यह कदम शहर में रियल एस्टेट बाजार को व्यवस्थित करने और निवेशकों को सही दिशा दिखाने के उद्देश्य से लिया गया है।
रिहायशी जरूरतों को ध्यान में रखकर उठाया कदम
अथॉरिटी का कहना है कि नोएडा में खाली पड़े प्लॉटों की समस्या ने शहर के रिहायशी मकानों की कमी को और बढ़ा दिया है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है ताकि जमीन का सही उपयोग हो सके और जरूरतमंद लोगों को घर मिल सके। यह नीति भविष्य में शहरी विकास को भी गति देने में मदद करेगी।