OpenAI ने ChatGPT और अन्य उत्पादों को संचालित करने के लिए Google के AI चिप्स (TPU) किराए पर लेने की शुरुआत की है।
OpenAI: आई (OpenAI) ने अपने प्रमुख उत्पाद चैटजीपीटी और अन्य एआई टूल्स को और अधिक कुशलता से संचालित करने के लिए अब गूगल के कृत्रिम बुद्धिमत्ता चिप्स यानी टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स (TPUs) को किराए पर लेने की शुरुआत कर दी है। यह कदम न केवल कंपनी की तकनीकी रणनीति में बड़ा बदलाव दर्शाता है, बल्कि एआई उद्योग में दो दिग्गज प्रतिद्वंद्वियों—ओपनएआई और गूगल—के बीच एक अप्रत्याशित सहयोग को भी जन्म देता है।
एनवीडिया से गूगल की ओर झुकाव क्यों?
अब तक, ओपनएआई NVIDIA के GPU (Graphics Processing Units) का सबसे बड़ा खरीदार माना जाता था। इन्हीं चिप्स के जरिए कंपनी अपने अत्याधुनिक भाषा मॉडल्स को प्रशिक्षित करती रही है और inference यानी त्वरित जवाब देने की प्रक्रिया को भी संभालती रही है। लेकिन जैसे-जैसे OpenAI की कंप्यूटिंग जरूरतें बढ़ती जा रही हैं, कंपनी अब विकल्पों की ओर देख रही है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओपनएआई ने गूगल क्लाउड से TPUs किराए पर लेने की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य है—कंप्यूटिंग लागत को कम करना और भविष्य के लिए अधिक स्केलेबल और कुशल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना। यह पहला मौका है जब OpenAI ने बड़े पैमाने पर NVIDIA के अलावा किसी और कंपनी के AI हार्डवेयर का उपयोग किया है।
गूगल TPU क्यों है खास?
गूगल के TPUs, जो पहले केवल कंपनी के आंतरिक उपयोग के लिए आरक्षित थे, अब क्लाउड ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस कदम से गूगल ने Anthropic और Safe Superintelligence जैसे स्टार्टअप्स को भी ग्राहक बना लिया है, जो कि OpenAI के पूर्व अधिकारियों द्वारा शुरू किए गए हैं।
अब जब OpenAI भी इस सूची में शामिल हो गया है, यह गूगल क्लाउड के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है। यह दर्शाता है कि गूगल अपनी एआई क्षमताओं को न केवल खुद के लिए बल्कि वैश्विक क्लाउड ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध करा रहा है, जिससे उसका क्लाउड बिजनेस पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी बन गया है।
प्रतिस्पर्धा में सहयोग का अनोखा उदाहरण
OpenAI और Google दोनों ही एआई की दुनिया के प्रमुख खिलाड़ी हैं। एक ओर जहां OpenAI का ChatGPT वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है, वहीं दूसरी ओर Google अपने Gemini मॉडल्स के साथ मैदान में डटा हुआ है। ऐसे में इन दोनों का साथ आना एक ‘कंपीट एंड कोलैबरेट’ (प्रतिस्पर्धा के साथ सहयोग) मॉडल को दर्शाता है।
यह सहयोग दर्शाता है कि कैसे तेज़ी से विकसित हो रही एआई टेक्नोलॉजी कंपनियों को कभी-कभी प्रतिस्पर्धियों से भी हाथ मिलाना पड़ता है — खासकर तब, जब संसाधनों की मांग आसमान छू रही हो।
क्यों किया OpenAI ने यह बदलाव?
OpenAI के इस कदम के पीछे कई संभावित कारण हैं:
- कंप्यूटिंग डिमांड में इजाफा: ChatGPT जैसे बड़े मॉडल को चलाना बेहद उच्च कंप्यूटिंग पावर की मांग करता है।
- NVIDIA चिप्स की सीमित उपलब्धता: GPU की भारी मांग और लागत ने OpenAI को वैकल्पिक चिप्स तलाशने पर मजबूर किया।
- लागत में कटौती: गूगल के TPUs अपेक्षाकृत सस्ते और ऊर्जा-कुशल माने जाते हैं, जिससे OpenAI को अनुमान की लागत घटाने में मदद मिलेगी।
क्या मिलेंगे OpenAI को गूगल के बेस्ट चिप्स?
हालांकि, एक रिपोर्ट में गूगल क्लाउड से जुड़े सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि गूगल अपने सबसे शक्तिशाली TPU – संभवतः V5 या V6 श्रृंखला – को OpenAI को नहीं दे रहा है। इसका अर्थ यह हुआ कि गूगल अभी भी अपने एआई प्रतिद्वंदी को सीमित संसाधन ही मुहैया करवा रहा है।
इससे यह भी स्पष्ट होता है कि हालांकि OpenAI गूगल की सेवाएं ले रहा है, लेकिन दोनों कंपनियों के बीच पूरा विश्वास या साझेदारी अभी भी अधूरी है।
माइक्रोसॉफ्ट से दूरी या विविधता?
OpenAI की साझेदारी का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वह अब माइक्रोसॉफ्ट के डेटा सेंटर्स और Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म से बाहर निकलकर विविधता की ओर बढ़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट OpenAI में बड़ा निवेशक होने के साथ-साथ उसका प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर भी है।
TPU को अपनाकर OpenAI ने यह संकेत दिया है कि वह मल्टी-क्लाउड रणनीति को अपनाने के लिए तैयार है, जिससे वह किसी एक टेक दिग्गज पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहेगा।