पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस महीने हुई हिंसक झड़पों के बाद दोनों देशों में तनाव की स्थिति बनी हुई थी। हालांकि, तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित शांति वार्ता के बाद हालात में सुधार की उम्मीद जगी है।
World News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से जारी सीमा तनाव और सैन्य झड़पों के बीच आखिरकार शांति की एक नई उम्मीद जग चुकी है। तुर्की और कतर की मध्यस्थता में इस्तांबुल में हुई ऐतिहासिक वार्ता के बाद दोनों देशों ने संघर्षविराम (Ceasefire) पर सहमति जता दी है। यह फैसला उस वक्त आया है जब बीते कुछ सप्ताहों में दोनों देशों की सीमाओं पर गंभीर हिंसा और हवाई हमलों ने हालात को और बिगाड़ दिया था।
तनाव के बीच तुर्की में हुई निर्णायक वार्ता
तुर्की के इस्तांबुल में 25 से 30 अक्टूबर के बीच हुई इस बहुप्रतीक्षित शांति वार्ता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद थे। तुर्की और कतर ने इस बैठक में मध्यस्थ की भूमिका निभाई। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि, दोनों पक्ष संघर्षविराम पर सहमत हुए हैं और एक ऐसा निगरानी एवं सत्यापन तंत्र (Monitoring & Verification Mechanism) स्थापित करने पर सहमत हुए हैं, जो युद्धविराम के उल्लंघन की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करेगा।
यह समझौता न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में स्थिरता की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर 2025 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर कई घातक झड़पें हुई थीं। तालिबान द्वारा 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद यह दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर टकरावों में से एक माना गया।

पाकिस्तान ने अफगान सीमा के भीतर हवाई हमले किए थे। अफगान बलों ने जवाबी गोलाबारी की थी। दोनों देशों ने अपनी मुख्य सीमा पार क्रॉसिंग को बंद कर दिया, जिससे हजारों ट्रक माल और शरणार्थियों के साथ फंस गए थे। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से सीमावर्ती इलाकों में शांति बनी हुई है और किसी नई झड़प की खबर नहीं मिली है।
निगरानी तंत्र और दंड का प्रावधान
तुर्की ने कहा कि दोनों देशों ने न केवल संघर्षविराम पर सहमति जताई है, बल्कि यह भी तय किया गया है कि किसी भी प्रकार के सीजफायर उल्लंघन पर संबंधित पक्ष को दंड दिया जाएगा। एक स्वतंत्र निरीक्षण समिति गठित की जाएगी जो सीमा क्षेत्रों की निगरानी करेगी। यह समिति आने वाले सप्ताहों में अपनी संरचना और अधिकार तय करेगी।
तुर्की विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस तंत्र के क्रियान्वयन पर आगे चर्चा के लिए 6 नवंबर को इस्तांबुल में एक अनुवर्ती बैठक (Follow-up Meeting) आयोजित की जाएगी।













