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पीलीभीत: राम अवध अस्पताल में मरीज की मौत के बाद बवाल, 200 अज्ञात पर FIR दर्ज

पीलीभीत: राम अवध अस्पताल में मरीज की मौत के बाद बवाल, 200 अज्ञात पर FIR दर्ज

पीलीभीत के राम अवध अस्पताल में मरीज की मौत के बाद डॉक्टर और स्टाफ से मारपीट व तोड़फोड़ मामले में पुलिस ने 200 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश जारी है।

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में स्थित प्रसिद्ध राम अवध अस्पताल में शनिवार रात मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की, डॉक्टरों और स्टाफ से मारपीट की और अस्पताल को घंटों तक बंधक बनाए रखा। पुलिस ने हालात पर काबू पाया और अब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मरीज की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा

घटना 19 अक्टूबर की शाम की बताई जा रही है। राम अवध अस्पताल में एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए और वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी। अस्पताल की खिड़कियां, फर्नीचर और मेडिकल स्टोर तक तोड़ दिए गए।

स्थिति तब और बिगड़ गई जब भीड़ ने अस्पताल के डॉक्टर जे.एन. मिश्रा के बेटे और बहू को बंधक बना लिया। मौके पर मौजूद स्टाफ ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन गुस्साई भीड़ ने किसी की नहीं सुनी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह हंगामा शांत कराया गया। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और पुलिस ने जांच शुरू की।

पुलिस एक्शन में 200 उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज

पुलिस ने इस पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई की है। पुटकी थाना प्रभारी ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 190, 191 और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस टीम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि कई लोग वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर आईएमए सख्त

इस घटना के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पीलीभीत प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. भरत सेठी ने कहा कि “डॉक्टर किसी की जान बचाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। अगर उन पर ही इस तरह हमले होंगे, तो कौन डॉक्टर सेवा में रहना चाहेगा?”

आईएमए ने मांग की है कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए, अन्यथा जिले भर के डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। संगठन ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।

डर के माहौल में नहीं कर सकते इलाज

डॉ. मनीष मिश्रा, जो घटना के समय अस्पताल में मौजूद थे, ने बताया कि वह दिवाली के मौके पर अपने परिवार के साथ पिता से मिलने आए थे। मरीज की मौत के बाद कुछ लोग अचानक चीखने लगे और उन पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि “मेरी पत्नी को भी धक्का दिया गया, बच्चे डर के मारे रोने लगे। अस्पताल को पूरी तरह से तोड़ दिया गया।”

डॉ. मिश्रा ने कहा कि डॉक्टरों का पेशा सेवा का है, लेकिन अगर उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी, तो काम करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि अस्पतालों को सुरक्षा कर्मियों की स्थायी व्यवस्था दी जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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