पर्सनल लोन सिर्फ अच्छे सिबिल स्कोर पर निर्भर नहीं करता। बैंक आपकी फिक्स मासिक इनकम, उम्र और पहले लिए गए कर्ज जैसी चीजों को भी जांचते हैं। अगर इन में कोई कमी होगी, तो आपका लोन रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए लोन अप्लाई करने से पहले इन पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है।
Personal Loan Tips: पर्सनल लोन लेने से पहले सिर्फ सिबिल स्कोर का अच्छा होना ही पर्याप्त नहीं है। बैंक आपके फिक्स मासिक आय, उम्र और पिछले कर्ज की स्थिति को भी देखते हैं। उदाहरण के लिए, युवा और स्थिर आय वाले नौकरीपेशा आसानी से लोन पा सकते हैं, जबकि बुजुर्ग या व्यापारियों को लोन के लिए अधिक दस्तावेज़ दिखाने पड़ते हैं। अगर आपकी मासिक आय ज्यादा कर्ज चुकाने में चली जाती है, तो बैंक लोन देने से बचता है। इन सभी कारकों का ध्यान रखना लोन अप्रूवल के लिए जरूरी है।
फिक्स मंथली इनकम का होना जरूरी
पर्सनल लोन मिलने की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण चीज है आपकी मासिक आय। बैंक यह सुनिश्चित करता है कि आप हर महीने लोन की किस्त समय पर चुका सकते हैं। नौकरीपेशा जिनकी सैलरी फिक्स होती है, उनके लिए लोन मिलना आसान होता है।
वहीं, जिनकी इनकम फ्लेक्सिबल या अनिश्चित होती है, उन्हें लोन मिलने में मुश्किल हो सकती है। व्यापारी और स्वरोजगार वाले लोगों को लोन के लिए अपनी मंथली इनकम के सबूत देने पड़ते हैं। अगर आप किसी बड़ी कंपनी में नौकरी कर रहे हैं और आपकी सैलरी नियमित है, तो बैंक के लिए यह तय करना आसान होता है कि आप लोन का भुगतान समय पर करेंगे।
आपकी उम्र का असर
पर्सनल लोन मंजूरी में आपकी उम्र भी अहम भूमिका निभाती है। आम तौर पर युवा आवेदकों को लोन जल्दी मिल जाता है। बैंक मानता है कि युवा व्यक्ति के पास आय बढ़ाने और लोन चुकाने की ज्यादा क्षमता होती है।
वहीं, ज्यादा उम्र के आवेदकों और बुजुर्गों को पर्सनल लोन मिलने की संभावना कम होती है। इसके पीछे यह कारण होता है कि बैंक को लगता है कि भविष्य में इन लोगों की आय सीमित हो सकती है और लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है।
पहले का कर्ज और ईएमआई
अगर आपने पहले किसी बैंक या वित्तीय संस्था से लोन लिया हुआ है और आपकी मासिक आय का अधिकांश हिस्सा ईएमआई चुकाने में जाता है, तो नया लोन मिलना कठिन हो सकता है। बैंक यह देखता है कि आपकी मौजूदा वित्तीय स्थिति नए लोन के लिए अनुकूल है या नहीं।
जितनी ज्यादा आपकी मौजूदा ईएमआई है, बैंक उतना ही सावधान रहता है। अगर आपकी इनकम का बड़ा हिस्सा पहले से चल रहे कर्ज में बंधा है, तो बैंक नए लोन के लिए रिजेक्ट कर सकता है।
नौकरी की स्थिरता
पर्सनल लोन की मंजूरी में नौकरी की स्थिरता भी एक महत्वपूर्ण कारण है। अगर आप किसी फर्म में लंबे समय से काम कर रहे हैं और आपकी जॉब स्टेबल है, तो बैंक को विश्वास होता है कि आप समय पर किस्त चुकाएंगे।
वहीं, नई नौकरी या फ्रीलांसिंग जैसी अस्थिर नौकरी वाले आवेदकों के लिए पर्सनल लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। बैंक यह समझता है कि आय में उतार-चढ़ाव होने की वजह से लोन का भुगतान प्रभावित हो सकता है।
दस्तावेजों में खामियां
कई बार लोन रिजेक्ट होने का कारण दस्तावेजों में त्रुटि या अधूरी जानकारी भी होती है। बैंक आवेदक की पहचान, आय, बैंक स्टेटमेंट और अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच करता है। अगर कोई दस्तावेज सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया, तो आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।
क्रेडिट हिस्ट्री का महत्व
सिबिल स्कोर जरूर अहम है, लेकिन बैंक सिर्फ स्कोर ही नहीं देखता। आपकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री, पिछले लोन भुगतान का रिकॉर्ड और किसी भी तरह की डिफॉल्ट की जानकारी भी महत्वपूर्ण होती है। बैंक यह तय करता है कि आपका लोन चुकाने का व्यवहार कितना भरोसेमंद है।