राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपने शताब्दी समारोह का मुख्य अतिथि बनाया है। वे विजयदशमी के दिन नागपुर में आयोजित इस समारोह में शिरकत करेंगे। समारोह में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे।
नई दिल्ली: भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। यह कार्यक्रम विजयदशमी, 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर के रेशिमबाग में आयोजित किया जाएगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत इस अवसर पर मार्गदर्शक उद्बोधन देंगे।आरएसएस इस साल अपनी स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मना रहा है। संघ की स्थापना 1925 में विजयदशमी के दिन हुई थी और तब से यह संगठन हर साल विजयदशमी के अवसर पर अपना मुख्य कार्यक्रम आयोजित करता आया है।
इस वर्ष के शताब्दी समारोह में शामिल होकर रामनाथ कोविंद संघ के इतिहास में दर्ज दूसरे पूर्व राष्ट्रपति बनेंगे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं।
शताब्दी समारोह का विवरण
आरएसएस की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, शताब्दी समारोह 2 अक्टूबर 2025 को सुबह 7.40 बजे रेशिमबाग, नागपुर में संपन्न होगा। इस अवसर पर भारत के महामहिम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे। साथ ही परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत कार्यक्रम के मार्गदर्शक उद्बोधन करेंगे।
आरएसएस के इस कार्यक्रम में संघ के संस्थापक आदर्शों और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की विचारधारा को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा। संघ के प्रमुख कार्यों और समाज सेवा की उपलब्धियों का भी इस समारोह में जिक्र होगा।
पीएम मोदी ने की आरएसएस की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आरएसएस के कार्यों की सराहना करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया था। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से इस संगठन के समर्पित समाज सेवा कार्यों की प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा कि आरएसएस ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मूल सिद्धांतों को अपनाते हुए सैकड़ों सामाजिक और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
रामनाथ कोविंद 2017 से 2022 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति पद छोड़ने के एक साल बाद ही, 2018 में उन्होंने नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में संघ शिक्षा वर्ग कार्यक्रम में भाग लिया था। इसके बाद पिछले साल संघ के विजयदशमी कार्यक्रम में इसरो के प्रमुख डॉ. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि बने थे।रामनाथ कोविंद की शताब्दी समारोह में उपस्थिति, संघ और पूर्व राष्ट्रपति के बीच गहरे सहयोग और आदर को दर्शाती है। यह कार्यक्रम न केवल संघ की शताब्दी को चिह्नित करेगा, बल्कि भारतीय राजनीति और सामाजिक कार्यक्षेत्र में संघ के योगदान को भी उजागर करेगा।