रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला किया, जिसमें 300 ड्रोन और 37 मिसाइलें शामिल थीं। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की अहम मुलाकात से पहले हुआ। कई क्षेत्रों में बिजली कट गई और नागरिक जीवन एवं बुनियादी ढांचा प्रभावित हुआ।
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है और इस बीच रूस ने यूक्रेन पर एक बड़े पैमाने पर हमला किया है। यह हमला उस समय हुआ है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात होने वाली है। रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर सैकड़ों ड्रोन और दर्जनों मिसाइलों से हमला किया। अधिकारियों के अनुसार इस हमले में भारी नुकसान की संभावना है और इससे नागरिकों और बुनियादी ढांचे पर गंभीर असर पड़ा है।
ट्रंप-जेलेंस्की की अहम वार्ता
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की व्हाइट हाउस में होने वाली मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक के दौरान जेलेंस्की अमेरिका से और अधिक वायु रक्षा प्रणाली की मांग कर सकते हैं। खासतौर पर लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलों की आपूर्ति पर जोर दिया जा सकता है।
इसके अलावा जेलेंस्की मॉस्को पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की भी अपील कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही संकेत दिए हैं कि वे यूक्रेन को सुरक्षा और हथियारों के समर्थन के लिए तैयार हैं।
कई क्षेत्रों में बिजली कटौती
यूक्रेन की राष्ट्रीय ऊर्जा कंपनी यूक्रेनेर्गो ने बताया कि रूस के ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद आठ प्रमुख क्षेत्रों में बिजली कट गई। राजधानी कीव सहित कई शहरों में बिजली बाधित हुई और कई नागरिक अंधेरे में फंस गए। देश की सबसे बड़ी निजी ऊर्जा कंपनी डीटीईके ने भी कहा कि हमलों के कारण मध्य पोल्टावा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस निष्कर्षण को रोकना पड़ा। इस हमले से नागरिक जीवन प्रभावित हुआ और कई बुनियादी सेवाओं में बाधा आई।
जेलेंस्की ने रूस पर लगाए गंभीर आरोप
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि रूस ने रातभर में 300 से अधिक ड्रोन और 37 मिसाइलें दागीं। उन्होंने रूस पर क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल करने और ग्रिड की मरम्मत में लगे आपातकालीन कर्मचारियों और इंजीनियरों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। जेलेंस्की ने कहा कि रूस हर दिन उनके ऊर्जा ढांचे पर हमला कर रहा है और यह मौसम में नागरिकों और बुनियादी ढांचे के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है।