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साइबर अटैक से बचाएंगे ये सरकारी टूल्स, जानें लैपटॉप और मोबाइल कैसे करें सुरक्षित?

साइबर अटैक से बचाएंगे ये सरकारी टूल्स, जानें लैपटॉप और मोबाइल कैसे करें सुरक्षित?

देश में जैसे-जैसे डिजिटल यूज बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अटैक की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल पेमेंट और डेटा स्टोरेज अब हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन इसी के साथ हमारी डिवाइसेज  जैसे स्मार्टफोन और लैपटॉप  भी हैकर्स के निशाने पर आ गए हैं। लोगों की मेहनत की कमाई मिनटों में साफ हो रही है, मोबाइल में स्टोर फोटो और डॉक्युमेंट लीक हो रहे हैं और कई बार तो पूरा सिस्टम क्रैश भी हो जाता है।

इन खतरों को देखते हुए भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने साइबर स्वच्छता केंद्र (Cyber Swachhta Kendra) की पहल शुरू की है, जिसके तहत लोगों को अवेयर किया जा रहा है कि वे किन टूल्स का यूज करके अपने फोन और लैपटॉप को सेफ रख सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि ये सभी टूल्स फ्री ऑफ कॉस्ट यानी बिना किसी चार्ज के उपलब्ध हैं।

Windows लैपटॉप और कंप्यूटर के लिए ये टूल्स हैं सबसे काम के

अगर आप विंडोज यूजर हैं और अपने लैपटॉप या कंप्यूटर को मैलवेयर, ट्रोजन और बॉट्स जैसे खतरों से बचाना चाहते हैं, तो सरकार ने कुछ खास एंटीवायरस टूल्स के नाम बताए हैं:

1. K7 Security

यह एंटीवायरस भारत में ही डेवलप किया गया है और इसकी परफॉर्मेंस काफी अच्छी मानी जाती है। यह रियल टाइम प्रोटेक्शन के साथ आता है और वायरस को तुरंत ब्लॉक कर देता है।

2. eScan Antivirus

यह टूल भी भारतीय कंपनी का है और इसे खासतौर पर घरेलू और स्मॉल बिजनेस यूजर्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें स्पायवेयर से लेकर फिशिंग वेबसाइट्स तक की पहचान की जा सकती है।

3. Quick Heal

यह एक जाना-माना एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है जो सिस्टम को न केवल मैलवेयर से प्रोटेक्ट करता है बल्कि बैकग्राउंड में रन होने वाले अनजान प्रोग्राम्स पर भी नजर रखता है। Quick Heal का यूजर इंटरफेस काफी सिंपल है और इसे कोई भी आसानी से चला सकता है।

इन सभी टूल्स को आप सरकार के आधिकारिक पोर्टल csk.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।

Android Mobile यूजर्स के लिए सरकार के सुझाए टूल्स

स्मार्टफोन आज केवल कॉल करने या सोशल मीडिया तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यही हमारे बैंक अकाउंट, वॉलेट, डॉक्युमेंट्स और पर्सनल चैट्स का भी सेंटर बन चुके हैं। ऐसे में मोबाइल की सिक्योरिटी उतनी ही जरूरी हो जाती है जितनी कंप्यूटर की।

1. eScan Mobile Security

सरकार ने एंड्रॉयड मोबाइल से बॉट्स हटाने और फोन को वायरस से बचाने के लिए eScan Mobile Security को रिकमेंड किया है। यह ऐप लगातार बैकग्राउंड में रन करता है और हर संदिग्ध ऐप या लिंक पर आपको वॉर्निंग देता है।

2. M-Kavach 2

यह एक एडवांस मोबाइल सिक्योरिटी ऐप है जिसे C-DAC हैदराबाद ने MeitY के साथ मिलकर तैयार किया है। इसमें न सिर्फ एंटीवायरस और एंटी-बॉट फीचर हैं, बल्कि एंटी-थेफ्ट, ऐप ब्लॉकिंग और SMS-कॉल मॉनिटरिंग जैसे एडवांस फीचर्स भी दिए गए हैं।

इस ऐप से आप यह भी कंट्रोल कर सकते हैं कि आपके फोन में कौन-कौन सी परमिशन किस ऐप को मिली है, और जरूरत पड़ने पर आप किसी भी ऐप की एक्सेस बंद कर सकते हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर फ्री में डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

कहां से करें डाउनलोड

सभी एंटीवायरस और सिक्योरिटी टूल्स के डाउनलोड लिंक और जानकारी के लिए भारत सरकार की वेबसाइट https://www.csk.gov.in पर जाएं। यहां आपको सभी टूल्स की लिस्ट मिलेगी जिनमें से आप अपने सिस्टम या मोबाइल के लिए ज़रूरी टूल चुन सकते हैं।

साइबर स्वच्छता केंद्र क्या है

Cyber Swachhta Kendra, जिसे Botnet Cleaning and Malware Analysis Center भी कहा जाता है, भारत सरकार की एक आधिकारिक पहल है जो 2017 से चल रही है। इसका मकसद लोगों को डिजिटल दुनिया के खतरों के बारे में जागरूक करना और उन्हें फ्री टूल्स उपलब्ध कराना है ताकि वे अपने डिवाइस को सुरक्षित रख सकें।

यह पोर्टल नियमित रूप से यूजर्स को अपडेट करता है कि कौन-से मैलवेयर या वायरस एक्टिव हैं और उनसे बचने के लिए क्या उपाय किए जाएं। साथ ही, यह यूजर्स को ये भी बताता है कि उनका सिस्टम कहीं किसी बॉटनेट का हिस्सा तो नहीं बन चुका।

क्यों जरूरी हो गए हैं ये टूल्स

हर दिन लाखों साइबर अटैक भारत में हो रहे हैं। ये हमलों की रेंज बहुत बड़ी है  किसी को फिशिंग लिंक से ठगा जा रहा है, तो किसी का कैमरा हैक कर लिया जा रहा है। यहां तक कि कई बार बिना यूजर को पता चले उनका सिस्टम बॉटनेट का हिस्सा बन जाता है और उनका डिवाइस किसी बड़े साइबर अटैक का ज़रिया बन सकता है।

ऐसे में सिर्फ ब्राउज़र में सेफ वेबसाइट खोलना या अनजान नंबर से कॉल ना उठाना काफी नहीं है। आपको एक मजबूत सिक्योरिटी सिस्टम चाहिए जो 24x7 आपके डिवाइस की निगरानी कर सके  और यही काम ये सरकारी टूल्स करते हैं।

 

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