भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स’ (FFS) योजना से 211 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यह राशि स्पेस-टेक क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने और भारत को वैश्विक स्तर पर उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति बनाने में मदद करेगी।
स्पेस-टेक न्यूज़: केंद्र सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स’ (FFS) योजना के तहत भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में 211 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया मंच X पर साझा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के तहत सरकार स्पेस-टेक इनोवेशन, आत्मनिर्भरता और युवा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स को संसाधन उपलब्ध करा रही है। यह निवेश भारत को न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण बल्कि तकनीकी परिवर्तन के क्षेत्र में भी मजबूत बनाएगा।
स्पेस-टेक सेक्टर में सरकार का 211 करोड़ का निवेश
केंद्र सरकार ने ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स’ (FFS) योजना के तहत भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 211 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस निवेश की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम भारत के स्पेस-टेक स्टार्टअप्स को नई गति देगा और देश को वैश्विक स्तर पर एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति बनाएगा।
स्टार्टअप इंडिया पहल से बढ़ रही नवाचार की रफ्तार
पीयूष गोयल ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि सरकार घरेलू नवप्रवर्तकों को जरूरी संसाधन मुहैया करा रही है ताकि वे स्पेस-टेक क्षेत्र में नए विचारों को हकीकत में बदल सकें। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप यह निवेश न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण बल्कि तकनीकी परिवर्तन और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी भारत को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया पहल और हालिया नीतिगत सुधारों से युवा उद्यमियों को लगातार प्रोत्साहन मिल रहा है।
निजी क्षेत्र को मिली नई जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 के अवसर पर वीडियो संदेश के जरिए कहा कि कभी स्पेस जैसे उन्नत क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी सीमित थी, लेकिन अब ये प्रतिबंध हटाए जा चुके हैं। उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित पहला PSLV रॉकेट लॉन्च किया जाएगा और भारत का पहला निजी संचार उपग्रह भी विकास के चरण में है। साथ ही, एक सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल पर आधारित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह तारामंडल (Satellite Constellation) की भी तैयारी चल रही है।
बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम
आज देशभर में 350 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और नए नवाचार लेकर आ रहे हैं। सरकार की ओर से लागू तीन प्रमुख योजनाएं— FFS, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS) और क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (CGSS)— अलग-अलग चरणों पर स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान कर रही हैं। FFS योजना का संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) करता है, जो SEBI-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIFs) के माध्यम से स्टार्टअप्स में पूंजी निवेश करता है। जून 2025 तक इस योजना के तहत 141 AIFs को लगभग 9,994 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धताएं दी जा चुकी हैं।
अंतरिक्ष बजट में तेजी से बढ़ोतरी
पिछले एक दशक में भारत का स्पेस बजट भी लगभग तीन गुना हो गया है। 2013-14 में जहां यह 5,615 करोड़ रुपये था, वहीं 2025-26 में यह बढ़कर 13,416 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि सरकार अंतरिक्ष अनुसंधान और नवाचार को दीर्घकालिक प्राथमिकता दे रही है।