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Stress Relief Tips: जानें तनाव से राहत के लिए श्री श्री रविशंकर की ये सलाह

Stress Relief Tips: जानें तनाव से राहत के लिए श्री श्री रविशंकर की ये सलाह

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने तनाव को मन की अशांति बताते हुए कहा कि ध्यान, प्राणायाम और सकारात्मक सोच से इसे आसानी से दूर किया जा सकता है. उन्होंने जोर दिया कि नियमित आध्यात्मिक साधना, सेवा और सकारात्मक संगति व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करती है. ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के कार्यक्रमों से लाखों लोग लाभ उठा रहे हैं.

Stress Relief: आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने हाल ही में तनाव के समाधान पर मार्गदर्शन दिया. उन्होंने कहा कि तनाव केवल मानसिक दबाव नहीं बल्कि मन की अस्थिरता है, जिसे ध्यान और प्राणायाम के जरिए दूर किया जा सकता है. गुरुजी के अनुसार यह सलाह विश्वभर में आयोजित उनके कार्यक्रमों और सत्संगों के दौरान दी गई है. उन्होंने बताया कि सेवा भावना और सकारात्मक संगति से मन हल्का होता है और जीवन में संतुलन बढ़ता है. ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के माध्यम से अब तक करोड़ों लोग इस ज्ञान से जुड़ चुके हैं.

ध्यान और प्राणायाम से मिलती है शांति

श्री श्री रविशंकर का कहना है कि ध्यान मन को स्थिर और शांत करने का सबसे प्रभावी तरीका है. इससे व्यक्ति अपने विचारों पर नियंत्रण पा सकता है और भीतर से संतुलित रहता है.
उनके अनुसार प्राणायाम से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह संतुलित होता है और मानसिक तनाव घटता है. नियमित अभ्यास से व्यक्ति तनावमुक्त और सकारात्मक महसूस करता है, जिससे जीवन में आनंद बढ़ता है.

सेवा और सकारात्मक संगति का महत्व

गुरुजी बताते हैं कि दूसरों की सेवा करने से मन हल्का होता है और अहंकार कम होता है. सेवा भावना से मन में संतुलन आता है और जीवन में उद्देश्य का भाव मजबूत होता है.
वे कहते हैं कि सद्गुरु का मार्गदर्शन और सकारात्मक संगति व्यक्ति के विचारों को स्पष्ट करती है. सामूहिक साधना, सत्संग और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से मन को दिशा, स्थिरता और आत्मबल मिलता है.

आर्ट ऑफ लिविंग से लोगों तक पहुंच रहा संदेश

श्री श्री रविशंकर ने ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के माध्यम से दुनिया भर में तनावमुक्त समाज की पहल की है. उनके कार्यक्रमों के जरिए लाखों लोग ध्यान, योग और आध्यात्मिक साधना से लाभ उठा चुके हैं.
रिपोर्ट के अनुसार अब तक लगभग 45 करोड़ लोग विभिन्न माध्यमों से उनके विचारों और कार्यक्रमों से जुड़ चुके हैं, जो तनाव प्रबंधन और आत्मविकास में मददगार रहे हैं.

श्री श्री रविशंकर के अनुसार तनाव का समाधान बाहरी साधनों में नहीं बल्कि मन और श्वास के संतुलन में है. ध्यान, प्राणायाम, सेवा और सकारात्मक संगति तनावमुक्त और शांत जीवन की कुंजी हैं. नियमित अभ्यास से मानसिक स्पष्टता और आत्मबल मिल सकता है.

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