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Top Military Drone: ये हैं वो कॉम्बैट UAVs जो दुश्मन पर दबाव बनाते हैं

Top Military Drone: ये हैं वो कॉम्बैट UAVs जो दुश्मन पर दबाव बनाते हैं

आधुनिक युद्धों में ड्रोन अब सबसे प्रभावी और खतरनाक हथियार बन चुके हैं। अमेरिका, तुर्की, चीन, इजराइल और रूस ने ऐसे हाई-टेक UAV तैयार किए हैं जो लंबी दूरी तक उड़ान भरकर निगरानी और सटीक स्ट्राइक कर सकते हैं। इन ड्रोन का इस्तेमाल हालिया संघर्षों में साबित करता है कि भविष्य के युद्धों में मानव रहित तकनीक की भूमिका और बढ़ने वाली है।

Combat Drone Technology: आधुनिक युद्धों में ड्रोन तेजी से शक्तिशाली सैन्य साधन बन रहे हैं, जो बिना पायलट के दुश्मन के ठिकानों पर निगरानी और हमला कर सकते हैं। अमेरिका, तुर्की, चीन, इजराइल और रूस द्वारा विकसित कॉम्बैट UAV सिस्टम हाल के संघर्षों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए गए हैं। यह ड्रोन लंबी रेंज, सटीक स्ट्राइक क्षमता और रियल टाइम सर्विलांस की वजह से पारंपरिक युद्ध रणनीतियों को बदल रहे हैं। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि दुनिया की सेनाएं भविष्य में बड़े पैमाने पर मानव रहित हथियारों पर निर्भर होंगी क्योंकि ये सैनिकों के जोखिम को कम करते हुए ऑपरेशन को अधिक प्रभावी बनाते हैं।

आधुनिक युद्धों में ड्रोन की बढ़ती ताकत

दुनिया के कई देशों में ड्रोन तकनीक अब सैन्य रणनीति का मुख्य हिस्सा बन चुकी है। युद्धक्षेत्र में ये मानव रहित हवाई वाहन तेजी से जानकारी जुटाने, सटीक हमला करने और दुश्मन की गतिविधियों पर निगरानी रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अमेरिका, तुर्की, चीन, इजराइल और रूस ने ऐसे हाई-टेक कॉम्बैट ड्रोन विकसित किए हैं जो सैनिकों की मौजूदगी के बिना ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं।

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि UAV सिस्टम आने वाले समय में जमीनी युद्ध की तस्वीर पूरी तरह बदल सकते हैं। कई देशों की सेनाओं ने पहले ही भारी निवेश कर ऐसे ड्रोन अपने फ्लीट में शामिल कर लिए हैं जो लंबी रेंज, हाई-ड्यूरेशन फ्लाइट, लेजर-गाइडेड मिसाइल सिस्टम और रियल टाइम सर्विलांस क्षमता से लैस हैं।

अमेरिका का MQ-9 Reaper कितना घातक

अमेरिका का MQ-9 Reaper दुनिया के सबसे एडवांस्ड कॉम्बैट ड्रोन में शामिल है। इसे हाई-प्रिसिजन स्ट्राइक और स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह 50,000 फीट ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और 1,800 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज रखता है।

इस ड्रोन में हेलफायर मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम और स्मार्ट स्ट्राइकिंग सिस्टम फिट किए जा सकते हैं। अमेरिका ने अफगानिस्तान और मिडिल ईस्ट में कई हाई-प्रोफाइल टारगेट्स पर इसी ड्रोन से ऑपरेशन किए हैं।

तुर्की का Bayraktar TB2

हाल के वर्षों में Bayraktar TB2 ने युद्धों का गेमचेंजर बनकर उभरने का काम किया है। यह 27 घंटे से ज्यादा उड़ान भर सकता है और रियल टाइम वीडियो ट्रांसमिशन की क्षमता रखता है।

रूस-यूक्रेन संघर्ष में इसकी क्षमता सामने आई जहां इसने दुश्मन के टैंक और कमांड पोस्ट को प्रभावी तरीके से निशाना बनाया। इसकी खासियत किफायती होना और आसान ऑपरेशन है, जिसके कारण छोटे देश भी इसे खरीद रहे हैं।

चीन का Wing Loong II और इजराइल का Heron TP

Wing Loong II चीन का प्रमुख अटैक ड्रोन है जिसकी रेंज 4,000 किलोमीटर से अधिक है। यह रडार, सेंसर और मिसाइल सिस्टम से लैस है। चीन इसे कई देशों को निर्यात भी करता है जिससे इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।

इजराइल का Heron TP ड्रोन लंबी दूरी की जासूसी और सर्विलांस मिशन के लिए बनाया गया है। यह 36 घंटे तक उड़ान भर सकता है और भारी हथियार ले जाने में सक्षम है। भारतीय वायुसेना भी इसका उपयोग करती है।

रूस का KUB-BLA

रूस का KUB-BLA एक सुसाइड ड्रोन है जो लक्ष्य पर गिरकर विस्फोट करता है। इसका छोटा आकार और लो-डिटेक्शन डिजाइन इसे रडार से बचाने में मदद करता है। युद्ध क्षेत्रों में इसकी तैनाती ने इसे फ्लाइंग बम की पहचान दी है।

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