बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर सियासी खबरे लगातार चर्चा में हैं। इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बड़ा बयान दिया है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गर्माने लगा है और इस बार सिर्फ बिहार की ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां भी इसमें दिलचस्पी दिखा रही हैं। इन्हीं में से एक हैं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर, जो अब अकेले मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि राजभर शुरू में उम्मीद कर रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उन्हें एनडीए गठबंधन में कुछ सीटें देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बात से नाराज होकर उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अब स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी और 150 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
बिहार में बीजेपी से नाराज ओम प्रकाश राजभर
ओपी राजभर ने बिहार चुनाव में बीजेपी द्वारा उन्हें एक भी सीट न देने पर अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि वे केवल 4-5 सीटें ही चाहते थे, लेकिन बिहार बीजेपी ने उन्हें यह अधिकार नहीं दिया। राजभर ने कहा, बिहार बीजेपी को डर है कि अगर मैं चुनाव में हिस्सा लूंगा, तो सरकार में शामिल होना पड़ेगा और हमें कोई न कोई विभाग मिलेगा।
साथ ही उन्होंने बताया कि बीते बाई-इलेक्शन में करारी और रामगढ़ सीटों पर उन्होंने पर्चा दाखिल किया था, लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने उन्हें कहा कि चुनाव हार जाएगा और पर्चा वापस ले लें। ओपी राजभर ने साफ किया कि उन्हें केवल 4-5 सीटें चाहिए थीं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई।
अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
ओम प्रकाश राजभर ने स्पष्ट किया है कि अब वे 153 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। उनका कहना है कि यह फैसला बिहार की सियासी परिस्थितियों और बीजेपी के रुख को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, हमारी लड़ाई केवल बिहार के हित में है, यूपी में बीजेपी के साथ गठबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
सुभासपा प्रमुख ने यह भी संकेत दिया कि उनकी पार्टी जल्द ही 47 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। इससे साफ है कि बिहार में सुभासपा पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर रही है।
सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी और सुभासपा के बीच खिंचाव
बिहार में बीजेपी और सुभासपा के बीच सीट शेयरिंग का मसला लंबे समय से तनाव का कारण रहा है। ओपी राजभर ने यह स्पष्ट किया कि वे केवल कुछ सीटें चाहते थे, जिससे एनडीए गठबंधन में उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। हालांकि, बीजेपी ने इसे लेकर कोई रियायत नहीं दी। राजभर ने कहा, अगर बीजेपी आज भी हमें 3-4 सीटें दे देती है, तो हम तुरंत अपना पर्चा वापस ले लेंगे। यह हमारी अंतिम कोशिश होगी कि गठबंधन के साथ रहकर चुनाव लड़ सकें।
उनकी यह बात बिहार के राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए काफी अहम है। इससे यह संकेत भी मिलता है कि सुभासपा एनडीए के साथ रहकर चुनाव लड़ने की खुली इच्छा रखती है, लेकिन सीट वितरण पर विवाद के कारण अलग राह चुन रही है।