हरियाणा में फसल अवशेष जलाने पर रोक लगी, डीसी ने किसानों से खेतों में अवशेष मिलाने और गहरी जुताई की सलाह दी, जिससे मिट्टी उपजाऊ और प्रदूषण कम होगा।
Haryana Farmers: हरियाणा के किसानों के लिए अहम एडवाइजरी जारी की गई है। फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को जलाने पर रोक लगा दी गई है। यह कदम वायु प्रदूषण और मिट्टी की उर्वरता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने किसानों से अपील की है कि वे stubble burning से बचें और आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करते हुए अवशेषों को खेत में ही मिलाएं।
क्यों जरूरी है पराली न जलाना?
डॉ. विवेक भारती ने कहा कि रबी फसलों की कटाई के बाद किसान अक्सर खेतों में बचे अवशेषों में आग लगा देते हैं, जिससे मिट्टी में मौजूद फायदेमंद सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं और भूमि की fertility घट जाती है। साथ ही, इससे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी toxic gases वातावरण में फैलती हैं, जो वायु प्रदूषण को बढ़ाती हैं।
कानूनी कार्रवाई का भी है प्रावधान
यदि कोई किसान फसल अवशेष जलाते हुए पाया जाता है, तो उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है।
Sustainable Farming को बढ़ावा
प्रशासन की ओर से किसानों को Happy Seeder, Super Seeder, Zero Tillage, Straw Chopper और Reversible Plough जैसे उपकरणों पर सब्सिडी दी जा रही है, ताकि वे पराली को खेतों में मिलाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकें या बंडल बनाकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकें। यह उपाय किसानों को सस्टेनेबल एग्रीकल्चर की ओर बढ़ने में मदद करेगा और पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाए रखेगा।