Sita Navami 2025 को 5 मई को मनाया जाएगा। इस दिन शुभ योग बन रहे हैं। माता सीता की पूजा और व्रत से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी मानी जाती हैं।
Sita Navami 2025: इस साल सीता नवमी 5 मई 2025 को मनाई जाएगी। इसे जानकी जयंती भी कहा जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन माता सीता का पृथ्वी पर प्राकट्य हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां जानकी और भगवान राम की पूजा का विशेष महत्व होता है, विशेषकर सुहागन स्त्रियों के लिए, जो पति की लंबी उम्र और पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना से व्रत रखती हैं।
कब है सीता नवमी? जानें शुभ तिथि और मुहूर्त
सीता नवमी की नवमी तिथि 5 मई 2025 को सुबह 7:35 बजे से शुरू होकर 6 मई को सुबह 8:38 बजे तक रहेगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:58 मिनट से दोपहर 1:38 मिनट तक रहेगा।
मध्याह्न पूजा का समय: 5 मई को सुबह 10:58 से दोपहर 1:38 तक।
Sita Navami 2025: बन रहे हैं दुर्लभ शुभ योग
इस वर्ष सीता नवमी के दिन तीन प्रमुख शुभ योग बन रहे हैं:
रवि योग: 5 मई दोपहर 2:01 से अगले दिन सुबह 5:36 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:51 से दोपहर 12:45 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:32 से 3:25 तक
इन योगों में पूजा करने से इच्छित फल की प्राप्ति संभव मानी जाती है।
Sita Navami Puja Vidhi: जानें सही पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। लाल वस्त्र बिछाकर मां सीता और भगवान राम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। उन्हें फूल, धूप, दीप, फल, और मिठाई अर्पित करें। Sita Chalisa और Janaki Stotra का पाठ करें और वैदिक मंत्रों का जाप करें जैसे:
“ॐ श्री सीतायै नमः”
“ॐ श्री सीता रामाय नमः”
पूजा के अंत में आरती करें और भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें।
सीता नवमी का धार्मिक महत्व (Spiritual Importance of Sita Navami)
माना जाता है कि सीता नवमी के दिन व्रत और पूजा करने से नारी जीवन में समृद्धि, पति की दीर्घायु और पारिवारिक शांति का आशीर्वाद मिलता है। अविवाहित कन्याएं भी इस दिन व्रत रखती हैं ताकि उन्हें योग्य जीवनसाथी मिले। इस दिन भक्तजन तामसिक भोजन से परहेज करते हैं और संयम का पालन करते हैं।