Columbus

पाकिस्तान-चीन को टक्कर देगा भारत, INS विक्रांत बना गेमचेंजर

पाकिस्तान-चीन को टक्कर देगा भारत, INS विक्रांत बना गेमचेंजर
अंतिम अपडेट: 17-04-2025

INS विक्रांत और राफेल-M की जोड़ी से भारत को समुद्री क्षेत्र में जबरदस्त बढ़त मिलेगी। चीन और पाकिस्तान की रणनीतियों को चुनौती देने में यह कॉम्बिनेशन अजेय साबित होगा।

नई दिल्ली: भारत ने समुद्री मोर्चे पर अपनी ताकत को और अधिक मजबूती देने के लिए फ्रांस के साथ एक बड़ी डील की है। इस डील के तहत भारतीय नौसेना को 26 Rafale-M फाइटर जेट मिलेंगे, जो भारत के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत से ऑपरेट होंगे। इससे भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा।

भारत-फ्रांस रक्षा डील की खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 64,000 करोड़ रुपये की इस डील को मंजूरी दी है। इसमें 22 सिंगल सीटर Rafale-M और 4 ट्विन सीटर ट्रेनर वैरिएंट शामिल हैं। डिलीवरी 3.5 साल बाद शुरू होगी और 2031 तक पूरी होगी।

क्यों खास है Rafale-M?

Rafale-M, Dassault Aviation द्वारा बनाया गया 4.5 जनरेशन का नेवी वर्जन फाइटर जेट है। यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और कई बार अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में सफल ऑपरेशन कर चुका है। भारतीय वायुसेना पहले से ही Rafale के दो स्क्वाड्रन संचालित कर रही है।

INS विक्रांत के साथ बनेगा अजेय कॉम्बिनेशन

INS Vikrant भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है जिसे 2022 में कमिशन किया गया था। Rafale-M की तैनाती के बाद यह कैरियर एक फ्लोटिंग फाइटिंग बेस बन जाएगा। भारत बिना अपनी जगह छोड़े पूरे दक्षिण एशिया में एयर पावर प्रोजेक्ट कर सकेगा।

Rafale-M बनाम Super Hornet

भारतीय नौसेना ने लंबी परीक्षण प्रक्रिया के बाद Rafale-M को Boeing के F/A-18 Super Hornet पर प्राथमिकता दी। इसका स्की-जंप टेस्ट शानदार रहा और IAF के मौजूदा Rafale बेड़े के साथ इसकी अनुकूलता इसे और ज्यादा असरदार बनाती है।

मिग-29K की जगह लेगा Rafale-M

फिलहाल भारतीय नौसेना INS विक्रमादित्य पर मिग-29K ऑपरेट करती है, जो तकनीकी खामियों और मेंटेनेंस के चलते लगातार समस्या का कारण बने हैं। Rafale-M की तैनाती से यह कमी पूरी होगी।

भारत की रणनीतिक बढ़त

Rafale-M और INS Vikrant की जोड़ी भारत को समुद्र से परमाणु हमला करने की विश्वसनीय क्षमता देगी। चीन की हिंद महासागर में बढ़ती मौजूदगी को टक्कर देने के लिए यह कॉम्बिनेशन बेहद प्रभावी होगा। वहीं पाकिस्तान की सीमित समुद्री शक्ति भारत के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं रहेगी।

Leave a comment