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पाकिस्तान की जेल में बंद जौनपुर-भदोही के लोग, परिवारों ने की भारत सरकार से वापसी की अपील

पाकिस्तान की जेल में बंद जौनपुर-भदोही के लोग, परिवारों ने की भारत सरकार से वापसी की अपील
अंतिम अपडेट: 19-04-2025

यूपी के 8 लोग पाकिस्तान की जेल में बंद हैं, जिनमें जौनपुर के एक व्यक्ति को पुलिस ने इतना पिटा, जिससे उसने आत्म हत्या कर ली।

जौनपुर: पाकिस्तान की कराची जेल में बंद जौनपुर के एक युवक की आत्महत्या की घटना ने इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। मृतक युवक, घुरहू बिंद, जौनपुर जिले के मछलीशहर क्षेत्र के बसिरहा गांव का निवासी था। परिवार और गांववाले आरोप लगा रहे हैं कि घुरहू ने पाकिस्तानी जेल में दी जा रही यातनाओं के कारण आत्महत्या की। इसके अलावा, सात अन्य भारतीय नागरिक अभी भी पाकिस्तान की कराची जेल में बंद हैं, और अब ग्रामीणों ने भारत सरकार से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द वापस लाया जाए।

घुरहू बिंद की दुखद मौत

घुरहू बिंद 2021 में अपनी पारिवारिक स्थिति को सुधारने के लिए गुजरात गए थे। वहां, ओखा बंदरगाह के पास मछली पकड़ने का काम करते हुए वह 8 फरवरी 2022 को पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए। घुरहू और उसके छह अन्य साथियों को पाकिस्तान की कराची जेल में बंद कर दिया गया। जेल में उन्हें जो यातनाएं दी जा रही थीं, उसके कारण घुरहू ने जान दे दी।

पाकिस्तान जेल से भेजी गई चिट्ठी

घुरहू की आत्महत्या की जानकारी उसके साथी बंदी धर्मेन्द्र बिंद द्वारा भेजी गई चिट्ठी से मिली। यह चिट्ठी वॉट्सएप के जरिए भेजी गई थी और उसमें घुरहू की स्थिति और पाकिस्तान जेल में बंदी रक्षकों द्वारा दी जा रही यातनाओं का जिक्र किया गया था। पत्र के दो पन्नों पर लिखे गए संदेश में उसने पूरी स्थिति का विवरण दिया।

पाकिस्तान में अभी भी सात भारतीय नागरिक बंद हैं

घुरहू के साथ पाकिस्तान की जेल में कुल सात लोग बंद हैं, जिनमें से पांच लोग जौनपुर के मछलीशहर इलाके के हैं और दो लोग भदोही के सुरियावा क्षेत्र के हैं। इन सभी को पाकिस्तान के जल सीमा उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन बंदियों के नाम धर्मेन्द्र बिंद, विनोद बिंद, मुलायम बिंद, लालमन, नीरज बिंद, सुरेश और घुरहू बिंद हैं।

ग्राम प्रधान की अपील

ग्राम प्रधान मृत्यंजय बिंद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने सरकार से तीन प्रमुख मांगें की हैं। पहली मांग है कि घुरहू बिंद के शव का पोस्टमार्टम स्थानीय डाक्टरों के पैनल से कराया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसकी मौत कैसे हुई। दूसरी मांग है कि पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता प्रदान की जाए, क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। तीसरी और सबसे अहम मांग यह है कि पाकिस्तान की जेल में बंद अन्य भारतीय नागरिकों को सुरक्षित तरीके से भारत वापस लाया जाए और उनके लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

घुरहू बिंद की आत्महत्या ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है और परिवार के लोग अब न्याय की उम्मीद में हैं। पाकिस्तान में बंद अन्य भारतीय नागरिकों की स्थिति भी चिंताजनक है और उनकी सुरक्षित वापसी की आवश्यकता है। इस समय भारत सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि वह त्वरित कार्रवाई करेगी और इन नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगी।

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