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UP Politics: अंबेडकर जयंती पर मायावती का बड़ा बयान, 2027 चुनाव को लेकर की खास अपील

UP Politics: अंबेडकर जयंती पर मायावती का बड़ा बयान, 2027 चुनाव को लेकर की खास अपील
अंतिम अपडेट: 14-04-2025

अंबेडकर जयंती पर मायावती ने 2027 यूपी चुनाव का संदेश दिया। बहुजन समाज से बसपा से जुड़ने और वोट की ताकत से सत्ता में आने की अपील की।

UP Politics News: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के मौके पर यूपी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर अपनी रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने लखनऊ में बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय से अपील की कि वे "अंबेडकरवादी सोच" के साथ बसपा से जुड़ें और सत्ता की चाबी अपने हाथ में लें।

बहुजन समाज को दिखाया सशक्तिकरण का रास्ता

मायावती ने कहा कि बहुजन समाज को अब अपने वोट की ताकत को पहचानना होगा। उन्होंने दोहराया, "हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। यदि हम वोट से सत्ता हासिल करें, तभी हम बाबा साहेब के सपनों का समाज बना सकते हैं।"

बीएसपी चीफ ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों ने केवल वादे किए, लेकिन बहुजन समाज के हालात आज भी वही हैं। उन्होंने आरक्षण, शिक्षा, रोजगार और आर्थिक अवसरों के मुद्दे उठाते हुए कहा कि इन वर्गों की अनदेखी की जा रही है।

सरकारों से संविधानवादी सोच अपनाने की अपील

मायावती ने कहा कि "जब तक सत्ता में बैठे लोग संविधानवादी सोच को नहीं अपनाते, तब तक 'विकसित भारत' सिर्फ एक नारा ही बना रहेगा।" उन्होंने जातिवादी और स्वार्थ आधारित राजनीति को त्यागने की सलाह दी।

पूरे प्रदेश में श्रद्धांजलि कार्यक्रम

बीएसपी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश और देशभर में डॉ. अंबेडकर की जयंती पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम और विचार गोष्ठियां आयोजित की गईं। लखनऊ में डॉ. अंबेडकर स्मारक स्थल, नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल और दिल्ली सहित कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

युवाओं को जोड़ा मिशन से

इस बार बसपा कार्यकर्ताओं ने अपने परिवार, खासकर युवाओं के साथ मिलकर कार्यक्रमों में भाग लिया। सोशल मीडिया, पोस्टर और जनसभाओं के माध्यम से बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।

मायावती ने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई और बहुजन समाज को "धन्नासेठ समर्थक पार्टियों" से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि बहुजन समाज स्वयं आगे आए और अंबेडकर के विचारों को अपनाकर भारत को सशक्त बनाए।"

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