बांग्लादेश में छात्र आंदोलन पर गोली चलाने के आरोप में सेना के 5 वरिष्ठ अधिकारियों को ढाका कैंटोनमेंट में नजरबंद किया गया है। इन पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में केस दर्ज है। जनरल हामिद शेख हसीना के पूर्व एडीसी रहे हैं।
ढाका: बांग्लादेश में एक बार फिर सैन्य और राजनीतिक हलचल ने दुनिया का ध्यान खींचा है। बांग्लादेश आर्मी चीफ जनरल वकार उज-जमान के रूस दौरे के दौरान देश में बड़ा एक्शन हुआ है। 6 से 11 अप्रैल 2025 तक उनके विदेश में रहने के बीच सेना के पांच वरिष्ठ अधिकारियों को ढाका कैंटोनमेंट में ओपन अरेस्ट (Open Arrest) में रखा गया है।
छात्र आंदोलन में गोलीबारी के आदेश का आरोप
जिन अधिकारियों को नजरबंद किया गया है, उनमें ब्रिगेडियर जनरल इमरान हामिद, RAB से कर्नल अब्दुल्ला अल-मोमेन, ब्रिगेडियर जकारिया हुसैन, BGB के लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद रिदवानुल इस्लाम और ईस्ट बंगाल रेजिमेंट के मेजर मोहम्मद नोमान अल फारुक शामिल हैं।
इन अफसरों पर छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग का आदेश देने का आरोप है। इन मामलों में International Criminal Tribunal में केस दर्ज किया गया है। अफसरों को उनके सैन्य आवास में 24 घंटे की निगरानी में रखा गया है और उन्हें ड्यूटी से भी रोक दिया गया है।
पूर्व पीएम शेख हसीना और बेटी पर भी गिरफ्तारी वारंट
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल पर corruption charges में एक नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के जरिए residential land हासिल की। कोर्ट ने इस मामले में 17 अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।