भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2025 के मॉनसून के संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया कि इस वर्ष देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
Monsoon 2025: मॉनसून को लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) की यह भविष्यवाणी किसानों और आम नागरिकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। IMD के अनुसार, इस बार भारत में मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में जल संकट कम होने की उम्मीद है। एल नीनो की स्थिति नहीं बनने की संभावना होने से, जो सामान्य तौर पर मानसून के पैटर्न को प्रभावित करती है, इस साल के मानसून में उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों को अच्छी वर्षा के कारण फसलों की पैदावार में सुधार होगा।
आईएमडी के अनुसार, 2025 के मानसून सीजन (जून से सितंबर) में बारिश का आंकड़ा 87 सेंटीमीटर के दीर्घकालिक औसत का 105 फीसदी तक पहुंच सकता है, जो किसानों और जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए राहत का कारण बनेगा।
अल नीनो का खतरा नहीं, मानसून पर अच्छी खबर
मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस वर्ष अल नीनो की स्थिति बनने की संभावना नहीं है, जो आमतौर पर मानसून की बारिश को कम कर सकती है। आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि इस बार मौसम में कोई गंभीर परिवर्तन नहीं होगा और यह मौसम किसानों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि जून से सितंबर के बीच बारिश सामान्य से अधिक होगी, जिससे देश के कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
किसानों के लिए बड़ी राहत
भारत में कृषि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानसूनी बारिश पर निर्भर करता है, और इस बार ज्यादा बारिश होने से किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं होगी। मौसम विभाग की भविष्यवाणी किसानों के लिए सुखद समाचार लेकर आई है, क्योंकि यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 18.2 प्रतिशत हिस्सा कृषि से आता है, और लगभग 42.3 प्रतिशत भारतीयों की आजीविका इस क्षेत्र पर निर्भर है।
जलाशयों को फिर से भरने का मौका
इसके अलावा, अधिक बारिश से जलाशयों में पानी की मात्रा भी बढ़ेगी, जो पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि जबकि बारिश के दिनों की संख्या कम हो रही है, लेकिन कम समय में भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे सूखा और बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
तापमान वृद्धि और लू का प्रकोप
वर्तमान में, देश के कई हिस्से गर्मी और लू से जूझ रहे हैं, और मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अप्रैल से जून के बीच अधिक संख्या में लू चलने की संभावना है। इससे तापमान में वृद्धि और बिजली की मांग में भी वृद्धि हो सकती है। हालांकि, मानसून के दौरान होने वाली बारिश से इन समस्याओं में कमी आ सकती है।
मॉनसून कब पहुंचेगा?
आमतौर पर भारत में मॉनसून 1 जून के आसपास केरल में प्रवेश करता है और सितंबर के मध्य तक पूरे देश में बारिश होती है। इस बार भी सामान्य मानसून का आना तय माना जा रहा है, जिससे पूरे देश में पानी की स्थिति में सुधार हो सकता है। मौसम विभाग की इस घोषणा से न केवल किसान बल्कि आम नागरिक भी राहत की सांस ले सकते हैं, खासकर जल संकट और बिजली की बढ़ती मांग के संदर्भ में।
हालांकि, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए, मौसम के पैटर्न में बदलाव की उम्मीद बनी रहती है, और हमें बारिश के पानी का प्रबंधन सावधानीपूर्वक करना होगा।