Gensol Engineering पर ₹262 करोड़ लोन का कोई हिसाब नहीं, SEBI की कार्रवाई के बाद शेयर ₹1125 से गिरकर ₹124 तक आया, निवेशकों में मची हड़कंप।
Gensol Engineering Share Crashes: कंस्ट्रक्शन कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयरों में भारी गिरावट आई है। मंगलवार को बीएसई (BSE) पर कंपनी के शेयरों में 5% की गिरावट देखी गई, और यह ₹123.65 तक पहुँच गए, जो इसका 52-वीक का लो है। इस गिरावट के साथ ही 2025 के कैलेंडर वर्ष में कंपनी के शेयरों में अब तक 83.85% की गिरावट दर्ज की गई है।
कंपनी के ₹262 करोड़ के लोन का कोई हिसाब नहीं
इस गिरावट के पीछे एक बड़ा कारण है कंपनी के ₹262 करोड़ के लोन का कोई ठोस हिसाब न होना। जांच के दौरान यह पता चला कि कंपनी ने जो फंडिंग ली थी, वह किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल की गई थी। पहले से मंजूर लोन को व्यक्तिगत खर्चों, महंगी प्रॉपर्टीज खरीदने और प्रमोटर्स या उनके रिश्तेदारों को फायदे पहुँचाने के लिए इस्तेमाल किया गया। यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि कंपनी के प्रमोटर्स पर आरोप है कि उन्होंने लोन का सही तरीके से उपयोग नहीं किया।
SEBI की बड़ी कार्रवाई और बढ़ी हुई निगरानी
जेनसोल इंजीनियरिंग पर यह गिरावट तब आई, जब भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी के खिलाफ कार्रवाई की। SEBI ने प्रमोटर्स पर धोखाधड़ी और फंड के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही SEBI ने इन्हें भारतीय शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है और किसी भी लिस्टेड कंपनी में प्रमुख पदों पर रहने से रोक दिया है।
बीएसई और एनएसई ने जेनसोल के सिक्योरिटीज को "Enhanced Surveillance Measures" (ESM) के तहत रखा है। यह कदम उन कंपनियों के लिए उठाया गया है, जिनका मार्केट कैप ₹1,000 करोड़ से कम है। इसके चलते जेनसोल के शेयरों में और गिरावट देखने को मिली है।
कंपनी के शेयरों का इतिहास
बीएसई पर जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर ₹123.65 पर थे, जबकि इसका 52-वीक हाई ₹1125.75 था। इस समय कंपनी का मार्केट कैप ₹469.90 करोड़ है। पिछले तीन महीनों में कंपनी के शेयरों में 83.85% की गिरावट आई है। एक महीने में कंपनी के शेयरों में 52.75% की गिरावट आई है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका है।
SEBI की जांच और प्रमोटर्स का फंड दुरुपयोग
SEBI की जांच से यह भी सामने आया कि प्रमोटर्स ने लोन का इस्तेमाल न केवल पर्सनल खर्चों के लिए किया, बल्कि हाई-एंड प्रॉपर्टीज खरीदने और अपने रिश्तेदारों को फायदे पहुँचाने के लिए भी किया। इस कारण SEBI ने इन पर सख्त कार्रवाई की है। अब यह मामला उन भारतीय स्टार्टअप्स की लंबी सूची में शामिल हो गया है, जिन पर रेगुलटरी कम्प्लाइंस में कमी पाई गई है।