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मिथिलांचल से पीएम मोदी का चुनावी बिगुल! NDA की जीत की तैयारी में जुटा बिहार

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बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिथिलांचल क्षेत्र का दौरा, खासकर मधुबनी के झंझारपुर में होने वाली रैली, एनडीए के लिए एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित मिथिलांचल दौरा एनडीए के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। 24 अप्रैल को मधुबनी के झंझारपुर में आयोजित होने वाली उनकी विशाल रैली को न केवल एनडीए के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है, बल्कि इसे मिथिलांचल के पारंपरिक सियासी समीकरणों को साधने की बड़ी कवायद के रूप में भी देखा जा रहा है।

इस रैली में प्रधानमंत्री कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिनमें सड़क, रेलवे, स्वास्थ्य और कृषि से जुड़ी योजनाएं प्रमुख होंगी। इससे पहले दरभंगा एयरपोर्ट की शुरुआत और मखाना उद्योग को वैश्विक पहचान दिलाने जैसे प्रयासों से भी केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र को विशेष महत्व दिया है।

एनडीए के लिए क्यों अहम है मोदी का मिथिलांचल दौरा

1. राजद के गढ़ में बीजेपी की रणनीतिक दस्तक

मिथिलांचल लंबे समय से राजद का पारंपरिक गढ़ रहा है। यादव-मुस्लिम (MY) समीकरण यहां आरजेडी की ताकत माना जाता रहा है। लेकिन बीते चुनावों में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने इस इलाके में अपनी जड़ें मजबूत की हैं। मोदी का दौरा इस क्षेत्र में एनडीए की चुनावी पैठ और कार्यकर्ताओं के मनोबल को नई ऊर्जा देने का कार्य करेगा।

2. विकास की गूंज से वोटों की उम्मीद

प्रधानमंत्री की रैली के दौरान जिन परियोजनाओं का उद्घाटन होगा, वे न सिर्फ क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाएंगी, बल्कि यह संदेश भी देंगी कि केंद्र सरकार सिर्फ वादे नहीं, बल्कि धरातल पर काम करने में विश्वास रखती है। यह वोटरों में विश्वास जगाने वाला कदम माना जा रहा है।

3. सांस्कृतिक चेतना को जाग्रत करने का प्रयास

मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय मंच पर लाने की कोशिशों में केंद्र सरकार सक्रिय रही है। राम मंदिर के बाद अब माता सीता से जुड़े स्थलों के विकास पर भी काम चल रहा है। पीएम मोदी इस मंच से जनकपुर और सीतामढ़ी के धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित कर सकते हैं, जिससे हिंदू वोटर्स को एकजुट करने में मदद मिलेगी।

4. एनडीए की एकता का संदेश

रैली में जेडीयू, एलजेपी, हम और बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेताओं की एक साथ मौजूदगी एनडीए की एकजुटता को प्रदर्शित करेगी। यह महागठबंधन को एक सीधा संदेश होगा कि बिहार चुनाव में एनडीए पूरी मजबूती से मैदान में उतरने के लिए तैयार है, और नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों में ही रहेगा।

5. जातीय संतुलन की सधी हुई रणनीति

मिथिलांचल में सामाजिक ताना-बाना बेहद जटिल है। बीजेपी का फोकस गैर-यादव पिछड़ी जातियों, दलितों और महादलितों को साथ लेकर चलने पर रहा है। राम मंदिर, वक्फ कानून, और विकास परियोजनाएं ऐसे मुद्दे हैं जो इन समुदायों में भाजपा की पैठ को मजबूत कर सकते हैं।

विकास की रफ्तार से बदल रहा है मिथिलांचल

सड़क एवं परिवहन: नई सड़कों का निर्माण और मौजूदा राजमार्गों का चौड़ीकरण
रेलवे कनेक्टिविटी: मधुबनी, दरभंगा और सीतामढ़ी से नई ट्रेनों की शुरुआत
स्वास्थ्य सुविधाएं: नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना
शिक्षा: केंद्रीय विद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना
बिजली एवं ऊर्जा: 24 घंटे बिजली आपूर्ति की दिशा में अहम कदम
मखाना उद्योग को प्रोत्साहन: मखाना को GI टैग और वैश्विक बाजार तक पहुंच
दरभंगा एयरपोर्ट की सफल शुरुआत ने नेपाल से जुड़े क्षेत्रों में आवागमन को आसान बनाया है, जिससे पर्यटन और व्यापार को नई दिशा मिली है।

जनभावनाओं में दिखा उत्साह

स्थानीय लोगों में पीएम मोदी के दौरे को लेकर जबरदस्त उत्साह है। मधुबनी, दरभंगा और आसपास के जिलों में रैली को लेकर तैयारी ज़ोरों पर है। व्यापारियों से लेकर युवाओं तक, सबको इस दौरे से नए अवसरों की उम्मीद है। पीएम मोदी का मिथिलांचल दौरा न सिर्फ एक चुनावी अभियान है, बल्कि यह एक संदेश भी है—कि विकास, संस्कृति और समरसता के साथ केंद्र सरकार बिहार के भविष्य की नींव रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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