कल, 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि इस दिन पड़ रही है, जो शाम 5:08 बजे तक प्रभावी रहेगी। पंचांग के अनुसार, इस दिन विशेष योग और नक्षत्रों की स्थिति अनेक कार्यों को सिद्ध करने में सहायक हो सकती है। आइए जानते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, और सूर्य के उदय-अस्त का समय — ताकि आप अपने दिन की बेहतर योजना बना सकें।
तिथि, योग और नक्षत्र
• तिथि: वैशाख कृष्ण पक्ष पंचमी
• समाप्ति समय: शाम 5:08 बजे तक
• योग: परिघ योग – रात 1:03 बजे तक रहेगा। यह योग शत्रु विजय और विरोधियों पर जीत दिलाने वाला माना जाता है।
• नक्षत्र: ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह 8:21 बजे तक, इसके बाद मूल नक्षत्र आरंभ हो जाएगा।
18 अप्रैल 2025 के प्रमुख शुभ मुहूर्त
• अबूझ मुहूर्त (सर्वोत्तम समय): सुबह 7:15 बजे से 8:20 बजे तक
• विवाह योग्य मुहूर्त: इस दिन विवाह योग्य विशेष मुहूर्त नहीं है, परंतु गृह प्रवेश, व्यवसाय आरंभ, व नया कार्य शुभारंभ के लिए दिन शुभ माना जा सकता है।
• शुभ चौघड़िया: सुबह 6:00 से 9:00 और दोपहर 12:00 से 1:30 तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
• सूर्योदय: सुबह 5:52 बजे
• सूर्यास्त: शाम 6:18 बजे
शुक्रवार का राहुकाल (अशुभ समय)
राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य को करने से परहेज़ करना चाहिए।
दिल्ली सुबह 10:30 - दोपहर 12:06
मुंबई सुबह 11:04 - दोपहर 12:38
कोलकाता सुबह 10:01 - सुबह 11:36
चेन्नई सुबह 10:35 - दोपहर 12:08
लखनऊ सुबह 10:30 - दोपहर 12:06
भोपाल सुबह 10:44 - दोपहर 12:20
चंडीगढ़ सुबह 10:45 - दोपहर 12:23
अहमदाबाद सुबह 11:04 - दोपहर 12:39
दिन विशेष क्यों है महत्वपूर्ण?
18 अप्रैल को पड़ने वाला परिघ योग नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सफलता दिलाता है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना का विशेष माना जाता है। यदि इस दिन मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो आर्थिक संकटों से मुक्ति मिल सकती है। यदि आप भारत के बाहर रहते हैं, तो अपने स्थानानुसार सूर्योदय-सूर्यास्त और राहुकाल की गणना स्थानीय समय के अनुसार करें। परिघ योग और पंचमी तिथि जैसे योग भारत के समयानुसार मान्य होते हैं, जिनका प्रभाव वैश्विक स्तर पर भी महसूस किया जा सकता है।