Columbus

बिहार चुनाव से पहले पप्पू यादव का बड़ा बयान, कहा- 'कांग्रेस को 100 सीटें मिलनी चाहिए'

बिहार चुनाव से पहले पप्पू यादव का बड़ा बयान, कहा- 'कांग्रेस को 100 सीटें मिलनी चाहिए'
अंतिम अपडेट: 2 दिन पहले

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कांग्रेस के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश की है। उन्होंने साफ कहा है कि कांग्रेस को इस बार बिहार में कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। 

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कांग्रेस के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश की है। उन्होंने साफ कहा है कि कांग्रेस को इस बार बिहार में कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। खासतौर पर सीमांचल जैसे इलाकों में आरजेडी को उदारता दिखाते हुए कांग्रेस के लिए सीटें छोड़नी चाहिए।

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब रफ्तार पकड़ रही हैं। महागठबंधन की बैठकों और रणनीतियों के बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने ऐसा बयान दे दिया है, जिससे महागठबंधन में हलचल मच गई है।

कांग्रेस को मिलनी चाहिए ज्यादा सीटें: पप्पू यादव

गुरुवार को पूर्णिया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने साफ कहा कि कांग्रेस को बिहार चुनाव में कम से कम 100 सीटों पर लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, कांग्रेस को सिर्फ 70 सीटें नहीं, उससे ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहिए। लेकिन कांग्रेस खुद कहती ही नहीं है कि उन्हें ज्यादा सीटें चाहिए। पप्पू यादव ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि कांग्रेस को उन सीटों से परहेज करना चाहिए, जहां पिछले कई सालों से उसके उम्मीदवारों को जीत नहीं मिली है। उनका मानना है कि कांग्रेस को अपने लिए मजबूत सीटें मांगनी चाहिए और वहां पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ना चाहिए।

सीमांचल पर कांग्रेस को मिले मौका

पप्पू यादव ने कहा कि सीमांचल क्षेत्र में आरजेडी को कांग्रेस के लिए सीटें छोड़नी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि यह इलाका कांग्रेस के लिए अहम है और यहां उसका अच्छा खासा प्रभाव है। 'आरजेडी को इस बार उदारता दिखानी चाहिए और सीमांचल में कांग्रेस को ज्यादा मौके देने चाहिए,' उन्होंने कहा। पप्पू यादव ने कांग्रेस की राजनीति की तारीफ करते हुए कहा कि यह एकमात्र पार्टी है जो धर्म और जात-पांत से ऊपर उठकर राजनीति करती है। 

उन्होंने दावा किया कि बिहार जैसे राज्य में कांग्रेस की ऐसी राजनीति की जरूरत है, जहां सामाजिक ताना-बाना बहुत जटिल है। उनके मुताबिक, ऐसी सोच ही बिहार को एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकती है।

मुख्यमंत्री का फैसला नतीजों के बाद हो

पप्पू यादव ने महागठबंधन के भीतर चल रही मुख्यमंत्री पद की चर्चाओं पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि अभी किसी भी पार्टी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद ही होना चाहिए, उन्होंने कहा। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग और नेतृत्व को लेकर अंदरखाने खींचतान की खबरें आ रही हैं। ऐसे में पप्पू यादव के इस बयान को कई तरह से देखा जा रहा है।

महागठबंधन की बैठक से पहले बवाल

गौरतलब है कि पटना में महागठबंधन के घटक दलों की बैठक हो रही है, जिसमें सीट बंटवारे, चुनावी रणनीति और संभावित चेहरों पर चर्चा की जा रही है। ऐसे समय में पप्पू यादव का यह बयान कांग्रेस को मजबूत भूमिका देने की मांग को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बन गया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पप्पू यादव कांग्रेस को बिहार में अधिक ताकत दिलाने की कोशिश कर रहे हैं और साथ ही आरजेडी पर भी दबाव बना रहे हैं कि वह इस बार सीटों के बंटवारे में लचीला रुख अपनाए।

पप्पू यादव का क्या है इरादा?

पप्पू यादव खुद को भले ही निर्दलीय सांसद कहते हों, लेकिन वे लगातार कांग्रेस के समर्थन में खड़े नजर आते हैं। कुछ समय पहले भी उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में कई बार बयान दिए थे। उनके इस ताजा बयान को उनके राजनीतिक इरादों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कई राजनीतिक विश्लेषक यह भी मानते हैं कि पप्पू यादव खुद भी कांग्रेस के टिकट पर या उसके समर्थन से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

बिहार की राजनीति हमेशा से जटिल रही है, और अब जब चुनाव करीब आ रहे हैं, तो राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं। पप्पू यादव जैसे प्रभावशाली नेताओं के बयान गठबंधन की रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं। कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने की उनकी मांग न सिर्फ पार्टी की स्थिति मजबूत कर सकती है, बल्कि महागठबंधन के भीतर संतुलन बनाने की दिशा में भी अहम कदम हो सकती है।

Leave a comment